Public Speak: बाहर बैठे मरीजों के परिजनों को मिल सके सकुशल होने के प्रमाण
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज हर रोज कोरोनो से जुड़ी हुई बनती हैं। कहीं अस्पतालों में दवा की कमी तो कहीं पलंग के इंतजाम को भटकते परिजन। इन सब बातों से नजर बचा भी ले तो शमशान की लपटें हर नागरिक को तनाव में ला रही है। इस बीच द क्राइम इंफो के एक नियमित पाठक ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाने की मांग (Public Speak) रखी है। यह एक आम पाठक की राय है। सोच जनहितैषी है इसलिए हमारी तरफ से सरकार तक उसे पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
अस्पतालों में मिले भोजन
प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री से मेरी अपील है कि लॉक डाउन से लोगों की समस्या खड़ी हो रही है। रसूखदारों को कोई समस्या नहीं आ रही। परन्तु भीख मांगकर गुजारा करने वाले लोगों का क्या हाल होगा। सरकारी अस्पताल में जो मरीज है उनको भी भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसलिए आग्रह है कि हर छोटे—बड़े अस्पतालों भोजन परोसने के इंतजाम किए जाए। सरकारी अस्पतालों में सही से इलाज नहीं हो रहा। रोज काफ़ी लोगों की जान जा रही है। बड़े घरों के लोग तो निजी हॉस्पिटल में पैसे देकर अपना इलाज करा रहे है। गरीब नहीं करा पाता जिसके कारण उसको अपनी जान गंवानी पडती है। पीएम की आयुष्मान कार्ड धारकों को इस बीमारी को शामिल करके राहत दिलाने की मांग हैं।
व्यापारियों को राहत दे सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह है कि सरकारी अस्पतालों में जहां इस बीमारी के मरीजों को भर्ती कराया गया है वहां सीसीटीवी कैमरे लगे। ताकि उनके परेशान हो रहे परिजन उसका बाहर लाइव प्रसारण देखकर संतुष्ट हो सके। महामारी के चलते लॉकडाउन लगा है। इस जनहित में आगे भी बढ़ाए। बस कारोबारियों को भी सरकार राहत दे। उनके शादी वाले सीजन के दौरान यह दूसरी बार है जब लॉक डाउन लगा है। कारोबारियों को इस कारण काफी नुकसान हुआ है।
यह विचार भोपाल से टेकसिंह प्रजापति ने भेजे हैं। इसमें मात्राओं और भाषा में सुधार करने के बाद प्रस्तुत किया गया है।