जन्मदिन विशेष: विवादों के दामाद उर्फ चुप्पी के बीच हर चुनावी चर्चा में शामिल शख्स

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नाम: रॉबर्ट वाड्रा
जन्म: 18 अप्रैल 1969
मूलत: कारोबारी। देश के सबसे ताकतवर और लोकप्रिय राजनीतिक परिवार के दामाद। ब्रिटिश स्कूल दिल्ली से पढ़ाई। पिता राजेंद्र मूलत: सियालकोट (पश्चिम पंजाब) से थे, जो बंटवारे के बाद मुरादाबाद आ गए। मां मौरिना स्कॉटिश मूल की थीं।
1997 में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से शादी। दो बच्चों रिहान और मिराया के पिता।
कुल संपत्ति: करीब 350 करोड़ रुपये

उन्हें देश के सबसे लोकप्रिय दामाद का दर्जा हासिल है और लोकसभा चुनाव हों या फिर हिंदी पट्टी में कहीं विधानसभा की जंग, इसके ऐन पहले कोई न कोई विवाद उनके नाम से जुड़ जाता है। 2005 में एयरपोर्ट जांच से छूट से लेकर 2012 के हरियाणा में जमीन घोटालों के विवाद तक अनगिनत मामलों में उनका नाम उछला है। विरोधी रॉबर्ट को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के नाम पर वोट भी लेते हैं, लेकिन अब तक वे जांच एजेंसियों के सवालों के जवाब देते हुए अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। दिलचस्प यह भी है कि रॉबर्ट अपने ऊपर होने वाले आरोपों के हमलों से अक्सर चुप्पी के साथ निबटते हैं। 10वीं क्लास तक पढ़ाई करने वाले रॉबर्ट को महंगी गाडिय़ों और शानो शौकत वाली जिंदगी भाती है। आज वे 50 साल के हो गए हैं और आधी सदी की उनकी यह जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जानते हैं रॉबर्ट वाड्रा की जिंदगी के कुछ पहलुओं को…

करीब तीन साल पहले जून 2016 में रॉबर्ट वाड्रा ने सुबह सबेरे अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि- मुझे 10 वर्षों से राजनीतिक कारणों की वजह से निशाने पर लिया जाता रहा है, लेकिन कोई मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं कर पाया। मैं अपने सच के साथ हमेशा सिर उठाकर चलूंगा। यह बरसों से चल रहे विवादों पर उनकी एक टिप्पणी थी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इसी शाम हरियाणा में जमीन घोटाले से जुड़े आरोपों के लिए गठित जस्टिस ढींगरा आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को सौंपी। हालांकि देश के सबसे मशहूर राजनीतिक परिवार के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट के लिए विवाद कोई नई बात नहीं थी, लेकिन नया था उनका प्रतिक्रिया देने का अंदाज। यह पहली बार था, जब रॉबर्ट अपने खिलाफ लगने वाले आरोपों पर खुलकर सार्वजनिक रूप से लिख रहे थे।

वाड्रा पर आरोप
– अक्टूबर 2012 में अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक संरक्षण देने के एवज में डीएलएफ ने रॉबर्ट वाड्रा को 65 करोड़ रुपए का लोन बिना ब्याज के दिया है। डीएलएफ लोन से इनकार नहीं कर पाया, लेकिन कहा रकम किसी सौदे के लिए एडवांस के रूप में दी है।
– कांग्रेस के तीन बार के सांसद और चार बार विधायक रहे पूर्व मंत्री राव इंद्रजीतसिंह ने 8 वर्षों में हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए 21 हजार एकड़ जमीन के लाइसेंस की विस्तृत जांच की मांग की। इसमें तीन एकड़ जमीन वाड्रा और डीएलफ डील से जुड़ी हुई थी।
– आईएएस खेमका की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के जमीन घोटाले की सही तरीके से जांच करवाई जाए तो आठ साल के दौरान 20 हजार करोड़ से 350 हजार करोड़ तक का जमीन घोटाला सामने आ सकता है।
– आरोप है कि वाड्रा की कंपनियों ने दिल्ली से सटे गुडग़ांव में सीलिंग एक्ट के खिलाफ 147 एकड़ जमीन खरीदी, जबकि कानूनन 53 एकड़ जमीन ही खरीदी जा सकती है।
– भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने वाड्रा पर अनूठा बिजनेस मॉडल बनाने का आरोप लगाया, जिसमें बिना निवेश किए उन्होंने करोड़ों रुपए कमाए। उन्होंने सरकार से वाड्रा मैनेजमेंट स्कूल शुरू करने के लिए उनका सम्मान करने की गुजारिश भी की।
– राजस्थान के बीकानेर में 74.85 हेक्टेयर जमीन की खरीदने को लेकर भी वाड्रा निशाने पर रहे।
– 2005 में उन्हें सरकार ने एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से मुक्त रहने वालों की वीआईपी सूची में शामिल किया था। यह पहली बार था जब उन पर गांधी परिवार के नाम का फायदा उठाने का आरोप लगा।
– 2012 में ही वाड्रा पर आरोप लगा कि उन्होंने महज तीन सालों में तेजी से तरक्की की है और उनकी संपत्ति 50 लाख रुपए से 300 करोड़ रुपए तक जा पहुंची।
– वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, वाड्रा ने 2007 में एक लाख रुपये से अपने कारोबार की शुरुआत की। 2012 में 72 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बेचने के बाद उनके पास 250 करोड़ की संपत्ति बची। यानी पांच साल में उन्होंने 1 लाख रुपए से 322 करोड़ बनाए।
– लंदन में बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगा था। कहा गया था कि आर्मी को हथियार बेचने वाले संजय भंडारी से भी कुछ कनेक्शन है।

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तेज रफ्तार तरक्की
– यूपीए कार्यकाल के दौरान चार वर्षों में उन्होंने 31 प्रॉपर्टी खरीदीं। यह सभी दिल्ली के आसपास के इलाकों में थीं, जिनकी कीमत सैकड़ों करोड़ रुपए है।
– वाड्रा ने पांच साल में 12 कंपनियां रजिस्टर कराईं, इनमें से छह अकेले 2012 में रजिस्टर की गईं।
– 2009 में वाड्रा को एक पेंट हाउस 89 लाख रुपए में बेचा गया, जबकि उसका बाजार मूल्य 25 करोड़ रुपए से अधिक था।
– गुडगांव में 3.5 एकड़ का एक प्लॉट 2008 में 7.5 करोड़ रुपये में खरीदा और महज एक महीने बाद उसे 58 करोड़ रुपये में बेच डीएलएफ को दिया।

संदेह और सवालों से जूझते वाड्रा
– वाड्रा की कंपनियों की बैलेंस शीट में कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आईं। कुछ बैलेंस शीट में बताया गया कि उन्होंने कॉरपोरेशन बैंक से 7.94 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट ले रखा है, लेकिन कॉरपोरेशन बैंक ने इतना बड़ा ओडी देने की बात से इनकार कर दिया।
– आईएएस अशोक खेमका ने उनकी एक डील पर सवाल उठाया कि जिस समय उन्होंने ओमकारेश्वर प्रॉपर्टी लि से 7.5 करोड़ रुपए में प्रॉपर्टी खरीदी, उस समय उनके अकाउंट में सिर्फ एक लाख रुपए थे। हद यह है कि फर्म ने उनका चेक बैंक में लगाया भी नहीं।

यह हैं वाड्रा के बिजनेस लिंक्स
रॉबर्ट वाड्रा कई कंपनियों में निदेशक, प्रबंध निदेशक और सहयोगी हैं। इनमें रियल अर्थ एस्टेट्स, लाइफ लाइन एग्रोटैक प्रा. लि., बेस्ट सीजन्स एग्रो प्रा. लि., ग्रीन वेव एग्रो, राइटलाइन एग्रीकल्चर प्रा. लि., फ्यूचर इंफ्रा एग्रो, प्राइम टाइम एग्रो, रियल अर्थ एस्टेट्स, नार्थ इंडिया आईटी पार्क प्रा. लि., लंबोदर आर्ट इंटरप्राइजेज इंडिया प्रा. लि., ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी प्रा. लि., स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी प्रा. लि., स्काई लाइट रियल्टी प्रा. लि. शामिल हैं।

महज 10वीं तक की पढ़ाई
कांग्रेस के दामाद के रूप में प्रचारित रॉबर्ट की निजी जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं रहा है। रॉबर्ट का जन्म मुरादाबाद में हुआ था। दादा हुकुम राय वाड्रा यहां 1954 में पाकिस्तान के सियालकोट से भारत आए थे। वे पहले बेंगलुरु में रहे और बाद में मुरादाबाद में बस गए। पिता राजेंद्र हैंडिक्राफ्ट के कारोबार से जुड़े थे। वे वुड और ब्राज के आइटम बनाते थे। राजेंद्र ने वाड्रा को दिल्ली के ब्रिटिश स्कूल में पढऩे भेजा और पॉश न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में मकान खरीदा। रॉबर्ट ने दसवीं के बाद पढ़ाई नहीं की। हालांकि वे पिता के बिजनेस को दिल्ली में जमाने लगे और राजधानी में अपनी पहचान बनाने लगे। इस दौरान वे लगभग हर बड़ी पार्टी में नजर आते थे।

दिल्ली के एक क्लब में मिले थे पहली बार प्रियंका से
रॉबर्ट और प्रियंका की पहली मुलाकात उस वक्त हुई जब प्रियंका 13 साल की थीं। यह 1985 का समय था। बताया जाता है कि दोनों पहली बार दिल्ली के ओसिस क्लब में मिले थे। तब रॉबर्ट के सालसा डांस से प्रियंका प्रभावित हुई थीं और दोनों करीब आए। हालांकि करीबी बताते हैं कि दोनों के शौक बिल्कुल अलग हैं। प्रियंका तड़क-भड़क और पार्टी से दूर रहने वाली हैं, वहीं वाड्रा को महंगी पार्टी, महंगी ड्रेस और महंगी गाड़ी का शौक है। इंटीरियर डिजाइनिंग एकमात्र ऐसा मसला है, जो दोनों को भाता है। 1997 में दोनों ने शादी की थी।

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परिवार के साथ अनबन
प्रियंका और रॉबर्ट की शादी 1997 में हुई। इसके बाद सब कुछ आसान नहीं रहा। ऐसे कई मामले आए जब वाड्रा परिवार पर गांधी परिवार से रिश्तों के नाम पर फायदा लेने के आरोप लगे। एक बार पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज के बेटे और वकील अरुण भारद्वाज ने रॉबर्ट वाड्रा की ओर से नोटिस जारी किया था कि उनके परिवार के नाम पर कुछ लोग गलत फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद खबरें आई कि रॉबर्ट के नोटिस के बाद सोनिया गांधी ने तमाम राज्यों की कांग्रेस सरकारों को भी इस मामले में चेताया था और कहा कि वाड्रा परिवार की गैरजरूरी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाए।

तीन परिजनों की मौत असमय
रॉबर्ट ने अपने तीन परिजनों की असमय मौत देखी है। रॉबर्ट की बहन मिशेल की 2001 में एक कार दुर्घटना में जान चली गई थी। 2003 में उनके बड़े भाई रिचर्ड ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद 2009 में रॉबर्ट के पिता का शव दिल्ली के युसुफ सराय इलाके में एक गेस्ट हाउस में मिला।

बयानों से भी खड़ा किया बखेड़ा
2012 में अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे पर पहली बार सार्वजनिक तौर पर खुलासा किया तो रॉबर्ट ने फेसबुक पर कमेंट किया, ‘मैंगो पीपल इन बनाना रिपब्लिक।’ इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई आखिर राबर्ट ने अपने फेसबुक अकांउट पब्लिक स्पेस से हटा लिया। हालांकि बाद में पुन: शुरू कर लिया। उत्तर प्रदेश के चुनावी समर के दौरान उन्होंने मीडिया से कह दिया था कि यदि मुझे मौका मिला तो चुनाव जरूर लडूंगा। बाद में प्रियंका गांधी ने बात संभाली और कहा कि अभी तो भाई लड़ रहे हैं।

ताकतवर शख्सियत और चकाचौंध भरा जीवन
प्रियंका गांधी से शादी के बाद से ही वे लगातार देश की ताकतवर हस्तियों में शुमार रहे हैं। उनके राजनीतिक रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आईएएस अशोक खेमका ने वाड्रा डीएलएफ की लैंड डील रद्द की तो महज तीन दिन में उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
– आईपीएल के पूर्व चीफ ललित मोदी ने एक बार वाड्रा के साथ तमाम दलों के बड़े नेताओं के फोटो शेयर किए थे और कहा कि सभी इनके लिए फैमिली हैं, कोई इनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा।
– जानकारी के मुताबिक, रॉबर्ट के पास एक दर्जन गाडिय़ां हैं, जिनमें मर्सडीज, रेंज रोवर और बीएमडब्ल्यू के अलावा 15 लाख की बाइक भी शामिल है।
– एक फैशन मैगजीन ने 2011 में उन्हें देश का सबसे स्टाइलिश पुरुष बताया था।
– क्रिकेट के शौकीन रॉबर्ट गोल्फ भी अच्छा खेलते हैं। वे घुड़दौड़ में भी पैसा लगाते हैं। इसके आलवा आईपीएल के भी शौकीन हैं।
– कहा जाता है कि साल में 50 दिन वह महज मैच देखने और पार्टी में हिस्सा लेने विदेश जाते हैं।

चुप रहने में माहिर
वाड्रा के करीबी कहते हैं कि अपने ऊपर होने वाले सभी हमलों पर वे बेहद संतुलित प्रतिक्रिया देने के पक्षधर हैं और उन्हें पता है कि मुश्किल समय में किससे मदद लेनी है। साथ ही वे अपने विरोध में खड़े लोगों को अपना बनाने की कला जानते हैं। वाड्रा से एक बार उनके एक करीबी ने पूछा कि वे अपने ऊपर हमलों पर कुछ बोलते क्यों नहीं? तो उनका जवाब था- मेरी ओर से कुछ भी बोलने से विवाद और बढ़ेगा और नहीं बोला तो चुनाव के बाद मामला शांत हो जाएगा।

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