जन्म दिन विशेष: 4 अप्रैल
आमतौर पर कहा जाता है नशे की गिरफ्त में आने वाले शख्स की जिंदगी तबाह हो जाती है, लेकिन कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं, जिन्हें नशे से पीछा छुड़ाकर सफलता के शिखर को छुआ है। भारत में ऐसे जिक्र पर संजय दत्त का नाम उभरता है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रॉबर्ट डॉनी जूनियर यानी “आयरन मैन” यानी टोनी स्टार्क यानी “एवेंजर्स सीरीज” का जीनियस, बिलेनियर, प्लेबॉय, परोपकारी ऐसी ही एक मिसाल है। असल में बच्चों के चहेते “आयरन मैन” का जीवन खुद किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उम्र के छठवें दशक में भी युवाओं को मात देने वाले उत्साह से लबरेज रॉबर्ट से वाकिफ लोग उन्हें दीवानों की तरह चाहते हैं। जानते हैं रॉबर्ट के जीवन के कुछ स्याह और बहुत से सफेद पहलुओं को…
रॉबर्ट जब 6 साल के थे, तब उनके पिता ने पहली बार उन्हें अमरीका के मशहूर ड्रग मारिजुआना का स्वाद चखाया, जिसे उनके पिता अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती करार देते हैं। डॉनी को नशे की लत उनके पिता से लगी। डॉनी के पिता नशा करते थे नतीजतन खुद डॉनी को छह साल की उम्र में अमरीका का मशहूर ड्रग मारिजुआना लेने दिया। रॉबर्ट को लगता था कि नशा उनके और पिता के बीच की भावनात्मक कड़ी थी। इसके चलते डॉनी लगभग हर रात शराब और ड्रग्स लेते थे। इसके बाद 1987 में रॉबर्ट ने अपने फिल्मी कैरियर की पहली सफलता का स्वाद चखा तो उस किरदार ने ही उन्हें नशे के गर्त में धकेल दिया। असल में “लेस देन जीरो” के किरदार जूलियन वेल्स का किरदार एक नशे के शिकार लड़के का था, जिसे डॉनी ने अपने आने वाले भविष्य की छवि कहा, क्योंकि उनकी नशे की आदत ने उन्हें इस पात्र की जीती जागती छवि बना दिया।
5 साल की मुश्किलों की शुरुआत
1996 से 2001 के बीच डॉनी कोकीन, हेरोइन और मारिजुआना जैसे नशीले पदार्थों से जुड़े जुर्मों के चलते गिरफ्तार हुए और कई बार लत छुड़ाने के केंद्रों में गए और हमेशा असफल हो कर लौटे। उन्होंने 1990 में जज के सामने कहा: “यह इस तरह है मानो मैंने अपने मुँह में बंदूक की नली घुसा रखी है, जिसका ट्रिगर मेरे हाथ में है बस इसीलिए क्योंकि मुझे गन मेटल का स्वाद अच्छा लगता है। उन्होंने अपनी मज़बूरी समझते हुए कहा कि यह आदत उन्हें आठ वर्ष की उम्र से है, क्योंकि उनके पिता भी नशे के शिकार थे।
अप्रैल 1996 में डॉनी को हेरोइन, कोकीन और एक .357 कैलिबर की मैग्नम बंदूक के साथ गिरफ्तार किया गया, तब वे सनसेट बोलेवार्ड में तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे। एक महीने बाद पैरोल पर वापस आए रॉबर्ट नशे में धुत होकर पड़ोसी के बिस्तर में जा कर सो गए। इन सबके चलते उन्हें तीन साल तक लत छुड़ाने और जरूरी ड्रग टेस्टिंग की सज़ा सुनाई गई। 1997 में वे अदालत की तय की गई ड्रग टेस्टिंग नहीं दे सके और बदले में चार महीने लॉस एंजलिस काउण्टी जेल में रहे।
निकाले गए कई फिल्मों से
1999 में एक और ज़रूरी ड्रग टेस्ट ना दे पाने के कारण उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। डॉनी को तीन साल के लिए कैद की सजा सुनाई गई। 1999 में गिरफ्तारी से पहले ही डॉनी की सभी फ़िल्मों का काम खत्म हो गया था। बस “इन ड्रीम्स” ही रह गई थी जिसे खत्म करने की उन्हें इजाज़त मिल गई। उन्हें एनबीसी की एनिमेटेड टीवी सीरीज “गॉड, द डेविल एंड बॉब” में “द डेविल” को आवाज़ देने का काम भी दिया गया लेकिन रिहर्सल में न आने के कारण वे निकाल दिए गए।
नशे की जिंदगी के बीच मिला गोल्डन ग्लोब
एक साल कैलिफोर्निया जेल में गुज़ारने के बाद डॉनी को 5000 डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया गया। 2000 में अपनी रिहाई के एक हफ्ते बाद ही डॉनी ने हिट टीवी सीरीज “ऐऐली मैक’बिल” में कालिस्ता फ्लोकहार्ट के प्रेमी की भूमिका निभाई। उनके इस अभिनय के लिए उन्हें काफ़ी सराहना मिली और बेहतरीन सहायक अभिनेता के लिए एमी पुरस्कार का नामांकन दिया गया और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का गोल्डन ग्लोब पुरस्कार प्रदान किया गया। जनवरी 2001 में डॉनी को मेल गिब्सन द्वारा निर्देशित नाटक “हैमलेट” में काम मिला।
गुमनाम कॉल ने फिर पहुंचाया जेल
लेकिन मुश्किलों का यह अंत नहीं था। “ऐली मैक’बिल” के पहले सीजन के खत्म होने से पहले ही डॉनी को उनके पाम स्प्रिंग्स, कैलिफोर्निया स्थित मर्व ग्रिफिन होटल एंड गिवेंची स्पा के कमरे से एक गुमनाम फोन के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। डॉनी कोकीन और वैलियम के नशे में धुत्त थे। यहां उन्हें फिर नशे में पकड़े जाने पर चार साल आठ महीने तक की सज़ा भुगतने पर हामी भरी और “ऐली मैक’बिल” के आठ और एपिसोड करने को मिले।
नंगे पैर नशे जैसी हालात में सड़कों पर
अप्रैल 2001 में जब वे पैरोल पर थे तब उन्हें लोस एंजलिस शहर से थोड़ी दूर कल्वर सिटी में रास्ते पर नंगे पैर घूमते हुए एक पुलिस अफसर ने पकड़ लिया। उन्हें नशे में होने के शक के चलते गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद वापस छोड़ दिया गया। उनकी आखिरी गिरफ्तारी के बाद “ऐली मैक’बील” के निर्माता डेविड केली ने अंतिम समय पर डॉनी के सारे सीन काट दिए और डॉनी को शो से हटा दिया। कल्वर सिटी में हुई गिरफ़्तारी के चलते उन्हें एक बड़ी फ़िल्म “अमेरिकाज स्वीटहार्ट्स” से हाथ धोना पड़ा और मेल गिब्सन ने भी अपने “हैमलेट” की योजना बंद कर दी। जुलाई 2001 में डॉनी ने पाम स्प्रिंग्स का अपना गुनाह मान लिया और इसके बदले उन्हें जेल ना भेज कर ड्रग की लत छुड़ाने वाले केंद्र में तीन साल के लिए भेज दिया गया।
दोहरी मानसिकता का दंश
इसके बाद नशे से डॉनी ने पीछा छुड़ाया लेकिन मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। वुडी एलेन बताते हैं कि उन्होंने डॉनी को वियोना रायडर के साथ अपनी 2005 में आई फिल्म “मेलिंडा एंड मेलिंडा” में लेना चाहा था, लेकिन उन्हें फिल्म के लिए कई कंपनियों ने डॉनी के चलते बीमा देने से मना कर दिया। इसी बीच डॉनी की सौतेली माँ रोसमेरी ने लेखक एलेक्स त्रेंलोव्सकी को बताया की डॉनी को कुछ सालों पहले दोहरी मानसिकता के लिए जांचा गया था और यही वजह थी की वह ज्यादा देर होश में नहीं रह पाते थे। वहीं मनोवैज्ञानिक और लेखक डॉ मनिजेह निकख्तर ने कहा की उन्हें 1999 में डॉनी ने एक खत लिखा था जिसमें उन्होंने उनसे सलाह मांगी थी।
यह एक अमीर पिता के लड़के के नशे में डूबे रहने की दास्तान है, लेकिन इससे आगे भी कहानी अभी बाकी है, जो रॉबर्ट की सफलता और जिजीविषा से जुड़ी है।
जिंदगी से जुड़ा वो मशहूर डायलॉग
“द एवेंजर्स” में जब क्रिस इवांस रॉबर्ट से पूछते हैं कि वे अपने सूट के बिना क्या हैं, तो हाजिरजवाब टोनी स्टार्क का जवाब होता है— “अ जीनियस, बिलेनियर, प्लेबॉय, फिलेंथेरोपिस्ट” यानी एक प्रतिभाशाली, अरबपति, दिलफेंक, परोपकारी। यह “एवेंजर्स सीरीज” के कुछ सबसे लोकप्रिय डॉयलाग में से एक है और इसकी वजह है कि खुद रॉबर्ट का जीवन कुछ इसी तरह का रहा है। बड़े बाप की बिगड़ी औलाद का टैग झेल चुके रॉबर्ट ने कम उम्र में अपनी एक्टिंग का लोहा मनावाया। कैरियर की शुरुआत की बात करें तो 1970 में अपने पिता डॉनी सीनियर की फिल्म “पाउंड” से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद वे लगातार फिल्मों और टेलीविजन सीरीज में काम करते रहे, लेकिन पहली बार सराहे गए 1987 में “लेस दैन जीरो” के लिए। इसके बाद ही उन्हें बड़ी भूमिकाएं मिलना शुरू हुईं। 90 के दशक की शुरुआत में “एयर अमरीका”, “सोपडिश” और “नैचुरल बोर्न किलर” जैसी फिल्मों के बीच उन्हें 1992 में बनी “चैप्लिन” में चार्ली चैप्लिन की भूमिका के लिए खासी सराहना मिली और आस्कर का नामांकन भी।
इसके बाद 1996 से 2001 का दौर रॉबर्ट के जीवन का बुरा दौर कहलाता है। जिसके बारे में आप उपर पढ़ चुके हैं।
बतौर कलाकार सबसे अच्छा दौर
2001 में नशे से छुटकारा मिलने के बाद और मारवल की फिल्मों में “आयरन मैन” का किरदार निभाने के पहले तक यानी 2001 से 2007 तक का वक्त बतौर कलाकार रॉबर्ट की बुनियादी अदाकारी देखने का दौर है। इस दौर में उन्होंने “द सिंगिंग डिटेक्टिव”, “किस किस बैंग बैंग” और “अ स्कैनर डार्कली” जैसी फिल्में कीं, जो अभिनय के लिहाज से उन्हें आला मुकाम दिलाती हैं। इसी दौर में उन्होंने “गोथिका” और “जोडिएक” जैसी फिल्मों में छोटे लेकिन बेहद दिलचस्प, महत्वपूर्ण किरदार निभाए। यही वह दौर भी है जब 2004 में डॉनी अपने “द फ्यूचरिस्ट” एलबम के जरिये म्यूजिक की दुनिया में उतरे।
2008 में डॉनी को “आयरन मैन” फिल्म में मुख्य भूमिका मिली और यहां से उनके कैरियर में स्टारडम की शुुरुआत हुई। 2010 में आई “आयरन मैन 2” तक तो पूरी दुनिया रॉबर्ट डॉनी जूनियर को टोनी स्टार्क के नाम से ही जानने लगी थी। इसी दौर में उन्होंने गाय रिची की “शरलॉक होम्स” और फिर इसके सिक्वल “शरलॉक होम्स: अ गेम ऑफ शैडोज़” में अविस्मरणीय अदाकारी की।
आइये जानते हैं रॉबर्ट के बारे में कुछ और जरूरी और दिलचस्प तथ्य
— डॉनी का जन्म न्यूयॉर्क के सबसे पॉश इलाकों में शुमार मैनहेट्टन में हुआ है। पिता रॉबर्ट डॉनी सीनियर अभिनेता, लेखक, निर्माता, कैमरामैन और निर्देशक और माँ एलसी अभिनेत्री थीं।
—डॉनी के पिता की जड़े रूस के यहूदी परिवार और ईरानी मूल से जुड़ी हैं, जबकि मां का मूल जर्मनी और स्कॉटलैंड का है।
— बचपन में डॉनी ने अपने पिता की फ़िल्मों में कई छोटे किरदार निभाए। पहला किरदार “पाउंड” फिल्म में एक बीमार कुत्ते के पिल्ले का निभाया। फिर कई फुटकर भूमिकाएं कीं। 10 साल के उम्र में वह इंग्लैण्ड में शास्त्रीय बैले की शिक्षा लेते थे। बाद में न्यूयॉर्क के स्टेजडोर मैनर परफोर्मिंग आर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में पढ़े। 1978 में रॉबर्ट के माता—पिता के तलाक के बाद डॉनी अपने पिता के साथ कैलिफोर्निया चले गए। 1982 में हाई स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर वापस अभिनय की दुनिया में लौट आए।
— 1985 में 20 साल के रॉबर्ट को वीकली कॉमेडी शो “सेटरडे नाईट लाइव” मिला लेकिन एक साल बाद किरदारों में बदलाव करते हुए उन्हें निकाल दिया। इसी साल उन्हें पहली कामयाबी वियर्ड साइंस से मिली।
— “लैस देन ज़ीरो” की सफलता के कारण डॉनी को बड़े बजट की फ़िल्में मिलीं, जिनमें “चांसेस आर”, “सायबिल शेफर्ड”, “एयर अमेरिका” और “सोपफिश” शामिल है।
— “चैप्लिन” में चार्ली चैप्लिन की भूमिका के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और वायलिन और टेनिस बाएं हाथ से खेलना सीखा। अपने लिए एक व्यक्तिगत शिक्षक रखा जो उन्हें चैप्लिन की चाल ढाल सिखाने में मदद करता था। इस भूमिका के लिए डॉनी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के आस्कर के लिए नामांकन हासिल हुआ पर अल पचीनो के महानतम अभिनय वाली “सेंट ऑफ अ वुमन” से पिछड़ गए।
इसके बाद की कहानी सभी जानते ही हैं। आज रॉबर्ट डाउनी जूनियर दुनिया के सबसे महंगे कलाकारों में शुमार हैं। आने वाली 26 अप्रैल को उनकी एवेंजर्स सीरीज की अगली फिल्म “एंडगेम” आ रही है, जिसके बारे में हाइप कुछ इस तरह है कि यह दुनिया की सारी फिल्मों के रिकॉर्ड को तोड़ देगी। असल में यह फिल्मी इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म है, जिसमें 2008 से शुरू हुए मारवल यूनिवर्स की फिल्मों की आखिरी कड़ी सामने आएगी और दुनिया के सबसे बड़े खतरे थनोस का भी अंत होगा।
तो अगर आप 26 अप्रैल के बाद “एंडगेम” देखें तो याद रखें कि इसमें आयरन मैन का जो किरदार है, उसके पीछे एक बड़ी कहानी भी हैं।