नसबंदी का टारगेट देने वाली आईएएस पर गिरी गाज, हुआ तबादला

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नसबंदी न करने पर कर्मचारियों को दिया था ‘नो वर्क नो पे’ का अल्टीमेटम

छवि भारद्वाज, आईएएस

भोपाल। Nasbandi Notice पुरुष नसबंदी का टारगेट पूरा न होने पर कर्मचारियों को वेतन न देने और वीआरएस देने का आदेश जारी करने वाली मिशन संचालक छवि भारद्वाज (IAS Chhavi Bhardwaj) पर ही गाज गिर गई। नसबंदी के टारगेट पर घिरी कमलनाथ सरकार ने आईएएस छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया है। उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संचालक के पद से हटाकर मंत्रालय भेज दिया गया है। इस बार विवाद के चलते छवि भारद्वाज का तबादला हुआ है। इससे पहले वे जब नगर निगम भोपाल की कमिश्नर थीं, तब उन्होंने डीजल घोटाले पर कार्रवाई की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजल घोटाला उजागर करने पर तत्कालीन महापौर की नाराजगी के चलते उनका तबादला किया गया था।

पुरुष नसबंदी के टारगेट से संबंधी पत्र छवि भारद्वाज ने 11 फरवरी को जारी किया था, जो शुक्रवार को सामने आया। इस पत्र में उन्होंने पुरुष नसबंदी का टारगेट 0.6 पूरा न होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों, खास तौर पर एमपीडब्ल्यू और पुरुष सुपरवाईजरों के लिए आदेश जारी किया था। काम न करने वाले कर्मचारियों को नो पे नो वर्क की चेतावनी दी थी।

पत्र में ये थे निर्देश

जिले के समस्त एमपीडब्ल्यू द्वारा न्यूनतम 5 से 10 पुरुष नसबंदी के इच्छुक हितग्राहियों का मोबिलाइजेशन निर्धारित पुरुष नसबंदी की स्थाई सेवा दिवस या केंद्रों पर सुनिश्चित किया जाए।

ऐसे सभी एमपीडब्ल्यू को चिन्हित किया जाए, जिन्होंने वर्ष 2019-20 में किसी भी पुरुष हितग्राही की नसबंदी नहीं कराई है। ऐसे कर्मचारियों को नो वर्क नो पे के मुताबिक वेतन पर रोक लगा दी जाए और तब तक वेतन न दिया जाए, जब तक कि वो किसी पुरुष की नसबंदी न करा दें।

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20 फरवरी 2020 तक यदि एमपीडब्ल्यू के कार्य में सुधार नहीं होता है तो उनकी अनिवार्य सेवा निवृत्ति की कार्रवाई हेतु मिशन संचालक को पत्र भेजा जाए।

आपातकाल से तुलना

सीधे तौर पर मिशन संचालक छवि भारद्वाज ने नसबंदी का टारगेट ही दे दिया था। इस पत्र के सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया। विपक्ष ने इसकी तुलना आपातकाल से कर दी। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि नसबंदी के मामले में ऐसा लग रहा है कि आपातकाल लगा हो और संजय गांधी की चौकड़ी अपने नियम बनाकर उसे चलाने का प्रयास कर रही हो। क्या इस प्रकार जबरिया पुरूषों की नसबंदी कराई जाएगी? क्या कर्मचारियों को इस प्रकार प्रताड़ित किया जाएगा कि वेतन रोकने का काम, वीआरएस देने का मामला… मुझे लगता है ये बहुत आपत्तिजनक है इस प्रकार नहीं किया जा सकता।

मामले में चौतरफा घिरी सरकार ने आदेश को वापस ले लिया है। साथ ही छवि भारद्वाज की जगह डॉ जे विजयकुमार को एनएचएम का मिशन संचालक बना दिया है।

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