Antiquity Smuggling: अष्टधातु की मूर्ति के साथ दो गिरफ्तार

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जबलपुर स्पेशल टास्क फोर्स ने की कार्रवाई, मूर्ति के मालिकों का नहीं मिल रहा सुराग

Antiquity Smuggling
आरोपियों से बरामद अष्टधातु की प्रतिमा

जबलपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) में जबलपुर (Jabalpur Crime) स्पेशल टास्क फोर्स (MP STF) को दो व्यक्तियों के कब्जे से पुरातत्व महत्व की एक मूर्ति (Antiquity Item) बरामद करने में कामयाबी हासिल हुई है। आरोपी रीवा (Reva) और सतना (Satna) के रहने वाले हैं। दोनों आरोपी मूर्ति के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके हैं। मध्यप्रदेश में मूर्ति तस्करों (Antiquity Smuggling) का यह मामला मानकर एसटीएफ (STF) ने कई अन्य राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया है। मूर्ति पुरातत्व विभाग के जानकारों ने 200 साल पुरानी बताई है। अष्टधातु की इस मूर्ति के संबंध में पुलिस को उनके मालिकों का कोई सुराग नहीं मिल सका है।

एसटीएफ के मुताबिक यह अष्टधातु की प्रतिमा करीब 6 किलो वजनी है। इस मूर्ति के साथ दो संदिग्धों के जबलपुर (Jabalpur News) स्थित पनहरा पेट्रोल पंप जीसीएफ फैक्ट्री के नजदीक खड़े होने की सूचना मिली थी। एसटीएफ को यह शंका है कि यह मूर्ति तस्करों ने चोरी करके उसे बेचने के लिए बाजार में भेजा था। एसटीएफ को यह भी शक है कि जिन संदिग्धों को पकड़ा गया है वे केवल कैरियर है। उन्हें मूर्ति के महत्व की कोई जानकारी नहीं हैं। आरोपी छोटे लाल (Chhote Lal) है जो रीवा के मधेपुर और सतना के ग्राम बेला में रहने वाला ज्ञानेन्द्र उर्फ जोगी विश्वकर्मा (Gyanendra @ Jogi Vishwakrma) है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ ने जांच के लिए पुरातत्व विभाग के उप संचालक की भी मदद ली। उप संचालक की रिपोर्ट के अनुसार मूर्ति स्त्री रुप में हैं। यह लगभग 200 वर्ष पुरानी है। दो भुजा वाली इस प्रतिमा में विभिन्न वस्त्राभूषण भी सुसज्जित थे जो निकाल लिए गए हैं। प्रतिमा के गले में हार, बाजूबंद, कंगन, पैरों में कड़े, पायल समेत अन्य थे जो नहीं हैं। सिर की आकृति को काटा गया है। एसटीएफ ने नागरिकों से अपील भी की है कि यदि किसी समाज या व्यक्ति को उक्त प्रतिमा के बारे में जानकारी है तो वे जबलपुर स्थित रामपुर सायबर सेल बिल्डिंग में संपर्क कर सकते हैं।
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