Bhopal Police: कुर्सी छोड़ने को अफसर नहीं हुए तैयार तो “कप्तान” को ही बनना पड़ा “अंपायर”

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बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे कप्तान के आदेश के बाद हिट विकेट हुए विजय टीम के पुराने खिलाड़ी

Negligence in dutyभोपाल। आपको एक गीत याद होगा कि यह पब्लिक है सब जानती है। कुछ इसी अंदाज में भोपाल पुलिस महकमे में यह गीत गाया जा रहा है। दरअसल, मामला है भी बड़ा रोचक क्योंकि इसमें दो अफसर आमने—सामने हो गए थे। एक कुर्सी छोड़ने के लिए राजी नहीं थे। जबकि दूसरे अफसर बड़ी मुश्किल से मिली कुर्सी को जाते हुए देख रहे थे। आखिर में रैफरी बनकर मैच संचालन कर रहे जिले के ही एक अफसर को कप्तानी छोड़कर अंपायरिंग करना पड़ी। यह पूरा वाक्या पुलिस के खेल मैदान में ही हुआ। इसलिए मामला भी तुरंत सुलझा लिया गया।

मामला कुछ इस प्रकार है कि पिछले दिनों कुछ अफसरों के तबादले हुए थे। इनमें से एक अफसर का तबादला इंदौर हो गया था। जिन अफसर को कुर्सी मिली वह भोपाल से सटे जिले में पहले से ही तैनात थे। वह राजधानी की कुर्सी संभालने के लिए बकायदा पिच क्यूरेटर की मदद से फील्डिंग कर रहे थे। इस बात की जानकारी तबादले पर इंदौर जा रहे अफसर को भी थी। यह सिलसिला पिछले एक साल से चल रहा था। जिसमें भोपाल के अफसर काफी भारी पड़ रहे थे। काफी प्रयास के बाद भोपाल की कुर्सी चाहने वाले अफसर की मुराद पूरी हो गई। वे तुरंत ही जिले से रिलीव होकर भोपाल आ गए। लेकिन, उन्हें कुर्सी नहीं मिली। उनसे कह दिया गया कि वे 12 तारीख को कुर्सी में बैठ सकेंगे। इसके बाद तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
भोपाल के पड़ोसी जिले से आए इन अफसर की सांसे उस वक्त और अधिक फूल गई जब पता चला कि जिनकी कुर्सी पर उनको बैठना है उन्होंने अपना तबादला संशोधन करा लिया। उनका तबादला जहां वे बैठते है उसके बाजू में ही करा लिया। इस बात से वे संतुष्ट नहीं थे। यह पता चलते ही भोपाल की कुर्सी में बैठने की जुगत जुटा रहे अफसर की धड़कने तेज हो गई। उन्हें लगा कि अब तो कुर्सी में वे बैठ ही नहीं सकेंगे। इसलिए उन्होंने आव देखा न ताव वहां पहुंच गए जहां सारे अफसर क्रिकेट मैच खेल रहे थे। भर मैच में उन्होंने कप्तान से अपनी पीड़ा प्रकट कर दी। यह सुनते ही कप्तान ने कप्तानी छोड़कर अंपायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने अपने चर्चित अंदाज में अफसर को तुरंत कुर्सी छोड़ने का आदेश सुनाया। इसके बाद ऐसा इंजेक्शन लगा कि धुरंधर अफसर मैदान में पस्त हो गए। अब उन्होंने अपनी एक डिमांड भी रख दी है। वे जहां का तबादला हुआ है वहां काम करने की बजाय एक अन्य थाने के पीछे भवन में बैठना चाहते हैं।

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