एक पखवाड़े बाद भी जांच के चलते शव परिजनों को नहीं सौंपा गया, मानवाधिकार संगठनों की तरफ से हाईकोर्ट में लगी है याचिकाएं
हैदराबाद। देश में हैदराबाद वेटरनरी डॉक्टर (Hyderabad Veterinary Doctor Rape ) के साथ हुए गैंग रेप फिर हत्या के मामले में गुस्सा था। इस मामले को लगभग 24 दिन बीत चुके हैं। लेकिन, यह मामला अभी भी जिंदा है। मुश्किल में फंसे हुए है वे अफसर जिन्होंने चार आरोपियों का एनकाउंटर (Telangana Encounter) किया था। इस मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने ताजा निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि एनकाउंटर में मारे गए चारों आरोपियों के शव का पोस्टमार्टम दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में कराया जाए। इससे पहले हाईकोर्ट ने ही चारों के शव सुरक्षित रखने के आदेश दिए थे। इन चारों आरोपियों को तेलंगाना पुलिस ने उस वक्त मार गिराया था जब घटना के रिक्रिएशन के वक्त उन्होंने भागने की कोशिश की थी।
जानकारी के अनुसार तेलंगाना हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पोस्टमार्टम से पहले मेडिकल बोर्ड (DISHA Rape Medical Board) बनाया जाए। यह आदेश तेलंगाना सरकार (Telangana Government) को दिए गए हैं। मेडिकल बोर्ड में तीन फोरेंसिक एक्सपर्ट को शामिल करने के भी आदेश दिए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जांच आयोग बनाकर शव को सुरक्षित रखने के आदेश सुनाए थे। आरोपी मोहम्मद आरिफ, जोल शिवा, जोल नवीन और चिंताकुटा चेन्नाकेशवुलु जिन्होंने शमशाबाद इलाके में वेटरनरी डॉक्टर से दरिंदगी की थी। इन्हीं आरोपियों को तेलंगाना पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। यह मुठभेड़ 6 दिसंबर को हुई थी। घटना के वक्त पुलिस आरोपियों को मौके पर ले जाकर रिक्रिएशन का काम कर रही थी।
इस मामले में एनकाउंटर में शामिल 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सुनाए थे। इस मामले में रिटायर्ड जज वीएस सिरपुरकर (Justice VS Sirpur) की अध्यक्षता में आयोग भी बना है। इसमें तीन सदस्य हैं। यह आयोग छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। एनकाउंटर को लेकर आयोग के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) की टीम भी दौरा कर चुकी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम ने दौरा किया था।
यह था मामला
हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर दिशा के साथ 27 नवंबर को आरोपियों ने दरिंदगी की थी। इसके बाद पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया था। घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश था। कैंडल मार्च से लेकर जगह—जगह धरने प्रदर्शन हुए थे।