अनुकंपा नियुक्ति को लेकर चल रहे आवेदन पर शिकायत पर हुई थी कार्रवाई, पुलिस ने दर्ज किया मामला
भोपाल। खबर प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट से आई है। राजधानी से लगभग सवा चार सौ किलोमीटर के फासले में स्थित यह जिला वन संपदा के लिए भी जाना जाता है। इसी वन संपदा की रक्षा के लिए तैनात सीएफ को उनके ही मातहत ने कैबिन में घुसकर बुरी तरह से कूट दिया। मामला कोतवाली थाने पहुंचा जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाकर आवेदन दिया। हालांकि पुलिस ने सीएफ की शिकायत पर धमकाने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कोतवाली थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बालाघाट जिले के सीएफ मोहन मीना है। इन्हीं के कार्यालय में पहले वनरक्षक उमाशंकर गुजेरकर तैनात था। उमाशंकर को कुछ दिन पहले सीएफ ने निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के पीछे भी कहानी सामने आई है। जिसके मुताबिक उमाशंकर एक अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सीएफ कार्यालय में आवेदन करा रहा था। इसी आवेदन को लेकर सीएफ के पास शिकायत हुई थी। आवेदन एक युवती की तरफ से किया गया था। उसके पिता के निधन के बाद वह नौकरी मांग रही थी। लेकिन, उसकी मां ने सीएफ को यह बोलते हुए आवेदन दिया था कि उमाशंकर उसकी बेटी को गुमराह कर रहा है। इसी मामले को लेकर उमाशंकर को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन से नाराज उमाशंकर सीएफ ऑफिस में पहुंचा। वहां उसने कारण जानना चाहा तो दोनों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई और नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाकर आवेदन दिए थे। लेकिन पुलिस ने मोहन की शिकायत पर मामला दर्ज किया है।