चेतावनी के बावजूद पुलिस की सतर्कता पर खड़े होने लगे सवाल, नहीं मिले संदिग्ध
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) में 6 दिसंबर को लेकर चौकसी बरतने के निर्देश डीजीपी वीके सिंह (DGP VK Singh) ने मैदानी अफसरों को दिए थे। दरअसल, इसी दिन अयोध्या (Ayodhya Riot) में बाबरी ढ़ांचा गिराया गया था। इस बात को लेकर डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चेताया था। पुलिस कितनी अलर्ट थी उसकी पोल 6 दिसंबर को दो संदिग्धों ने खोलकर रख दी। यह दोनों संदिग्ध सेना के अफसर बनकर पचमढ़ी (Pachmari) में सेना शिक्षा केेंद्र (Army Education Center) में पहुंचे। यहां से दो इंसास रायफल और 20 कारतूस चोरी कर ले गए। यह पता चलने के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। खासतौर पर भोपाल (Bhopal) में सख्त तलाशी अभियान चलाकर उन संदिग्धों को ढुंढ़ा भी गया। फिलहाल यह दोनों संदिग्ध पुलिस को नहीं मिले हैं।
जानकारी के अनुसार पचमढ़ी में सेना का आर्मी एजुकेशन सेंटर (Army Education Center) है। यहां दोनों बदमाश गुरुवार रात पहुंचे थे। दोनों ने सेना के अफसर होने का परिचय दिया था। दोनों पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) की भाषा में बातचीत कर रहे थे। आरोपी कार में सवार थे। सेंटर पर पहुंचकर गार्ड से जूनियर कमीशंड अफसर को बुलाने के लिए कहा। जब गार्ड जाने लगा तो उससे कहा कि वह अपने हथियार रखकर चला जाए। गार्ड वापस लौटा तो वह व्यक्ति और हथियार गायब थे। मामले की जानकारी आईजी आशुतोष राय (IG Ashtosh Rai) को दी गई। जिसके बाद पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया। आरोपियों की धरपकड़ के लिए टोल नाकों के कैमरे भी खंगाले गए। अब तक पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली है।
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पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला है कि संदिग्धों ने टैक्सी हायर की थी। पुलिस ने टैक्सी ड्रायवर को तलाश लिया है। उसके बताए हुलिए के आधार पर पड़ताल की जा रही है। ड्रायवर ने संदिग्धों को पिपरिया रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। यहां कैमरा न होने की वजह से उनकी अगली लोकेशन नहीं मिली। हालांकि भोपाल—जबलपुर में पुलिस को अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं गार्ड से की गई पूछताछ के बाद एक संदिग्ध का पोट्रेट बनाया गया है। दूसरा संदिग्ध कार में बैठा हुआ था। इसलिए उसकी कोई जानकारी पुलिस को अब तक नहीं मिली है।