Political Power: कमलनाथ सरकार के लिए मंत्री—विधायकों के रिश्तेदार खड़ी कर रहे मुश्किल

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तीन महीने में आधा दर्जन से अधिक घटनाएं, इंटेलीजेंस ने रिपोर्ट बनाकर सीएम हाउस पहुंचाई

CM Kamalnath
फाइल फोटो मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamalnath) के नेतृत्व में सरकार को काम करते हुए 10 महीने बीत गए हैं। सरकार सदन में सीटों की संख्या को लेकर पहले से परेशान है। लेकिन, अब उनके ही मंत्रियों (Madhya Pradesh Minister) और विधायकों ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। दरअसल, तीन महीने के भीतर मंत्री—विधायकों के रिश्तेदारों (Relative) की पुलिस—प्रशासन के अफसरों से सीधे भिड़ंत (Dispute) हो गई है। इस भिड़ंत की मीडिया रिपोर्टिंग भी हुई है। जिसकी जानकारी बनाकर मध्यप्रदेश के इंटेलीजेंस यूनिट ने सीएम हाउस को एक रिपोर्ट सौंपी है। बेहद गोपनीय यह रिपोर्ट सीएम हाउस के आदेश पर ही बनाई गई है।

यह है वह चर्चित घटनाएं
इंदौर के पिपलियापाला इलाके में ट्रैफिक जवान से कांग्रेसी नेता अभय वर्मा (Abhay Verma) की सीधी भिड़ंत हो गई थी। दोनों के बीच वाहन को छोड़ने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। अभय प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) के भतीजे हैं। अभय इंदौर नगर निगम में पार्षद (Corporater) भी हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। इन मामलों को लेकर भाजपा के नेता कमलनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग (Former Minister Vishwash Sarang) का कहना था कि सरकार रिमोट से चल रही है। इसलिए यह विवाद की स्थिति बन रही है। कई गुटीय राजनीति में उलझी कांग्रेस पार्टी को जनता की चिंता नहीं हैं। उनके विधायक और मंत्री अपने समर्थकों को ठेके दिलाने में मशगूल हैं।

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अकील की भतीजी बताकर हंगामा
इंदौर में ही चालान काटे जाने पर बने विवाद की स्थिति का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। विवाद करने वाले कांग्रेसी नेता थे। उनसे एक महिला पुलिस अधिकारी विवाद कर रही थी। नेता बनने की बात पर उसका कहना था कि वह मंत्री आरिफ अकील (Minister Arif Akil) की रिश्तेदार है। हालांकि बाद में आरिफ अकील ने उस महिला पुलिस अधिकारी से किनारा करते हुए कोई रिश्तेदार होने की बात से इनकार कर दिया था।

बैट और लठ
इंदौर का ही तीसरा मामला है जो हाल ही में सामने आया है। यहां स्वास्थ्य मंत्री ​(Health Minister) तुलसी सिलावट (Tulsi Silavat) के सर्मथकों से निगम कर्मचारियों का विवाद हो गया था। सर्मथक सिलावट के जन्मदिन पर उनके बधाई संदेशों के होर्डिंग हटाने पर उग्र हो गए थे। इसी इंदौर शहर में भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayawargiya) के विधायक पुत्र आकाश (Akash) का बैट कांड भी काफी सुर्खियों में रहा था।

मंत्री के भतीजे ने दी धमकी
सिलावट का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि प्रदेश में मंत्री लाखन सिंह यादव (Minister Lakhan Singh Yadav) का भतीजा संजय सिंह सुर्खियों में आ गए। उन्होंने एक सीईओ को फोन पर धमकी दी थी। यह धमकी सोशल मीडिया में वायरल भी हुई थी। श्योपुर के सीईओ से हुआ यह विवाद आईजी तक भी पहुंचा था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया टारगेट पर
इंटेलीजेंस रिपोर्ट से साफ है कि पूरा मामला ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से जुड़ा हुआ है। इसलिए मुख्यमंत्री डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वे भीतर ही भीतर कांग्रेस में चल रही गुटीय राजनीति का सिरा पकड़ना चाह रहे हैं। इस रिपोर्ट को उसी नजर से जोड़कर देखा जा रहा है। यह रिपोर्ट काफी गोपनीय है जिसके संबंध में कोई भी कुछ बोलने से बच रहा है। रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री निवास भेज दी गई है।

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