भाजपा सरकार में मिली थी मैदानी पोस्टिंग, कांग्रेस सरकार ने आते ही सभी को हटाया
भोपाल। ब्यूरोक्रेसी किस तरह से सरकारों के दबाव में रहती है वह उसकी तैनाती से पता चलता है। ताजा मामला सिमी मुठभेड़ में शामिल रहे अफसरों की पोस्टिंग से जुड़ा है। मुठभेड़ में शामिल रहे अधिकांश अफसरों को कांग्रेस सरकार बनते ही मैदानी पोस्टिंग से हटाकर लूप लाइन में डाल दिया गया है। यह अफसर भाजपा सरकार में हीरो कहे जाते थे।
जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों को अलग- अलग आदेश में हटाने के आदेश जारी किये गये। ताकि कोई बड़ा बवाल खड़ा न हो सके। सिम्मी आतंकी के एनकाउंटर के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कई अन्य कांग्रेस के नेताओं ने तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने उस वक़्त के डीआईजी रहे रमन सिंह सिकरवार को उज्जैन से हटा दिया। जबकि सिकरवार को यह पोस्ट उपहार में मिली थी। इसी तरह भोपाल नॉर्थ के एसपी रहे अरविंद सक्सेना को होशंगाबाद जिला दिया गया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही उन्हें पीएचक्यू में बुला लिया। सिहोर में एसपी रहे राजेश सिंह चंदेल को भी मुख्यालय बुला लिया। मयंक अवस्थी, धर्मवीर सिंह यादव, वीना सिंह समेत तमाम अन्य आला अधिकारी अब मैदान में नहीं हैं।
सिमी आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा
भोपाल कोर्ट ने चार अलग-अलग धाराओं में 5 आतंकियों को अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आतंकी अब्दुल अजीज, अब्दुल वाहिद, जावेद नागौरी, जुबेर और मोहम्मद आदिल को कारावास की सजा सुनाई गई। चारों मामलों में 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। वहीं विस्फोटक रखने, विस्फोटक का उपयोग करने, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी गतिविधियों के षड्यंत्र रचने के मामले में अलग सजा सुनाई गई है। आरोपियों के पास से 2014 में जब्त हुई थीं 800 जिलेटिन की छड़ें, 540 डेटोनेटर, जिलेटिन और पाइप बम बरामद हुए थे।