Political Drama: जानिए कांडा का कंधा पकड़कर आखिर क्यों फंस गई भाजपा

Share

अबॉर्शन कराने वाला विधायक सरकार बनाने के लिए कैसे कर रहा ऑपरेशन, अपनी कंपनी की महिला कर्मचारी की खुदकुशी की वजह से गृह राज्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले पॉवरफुल विधायक की पूरी कहानी, कभी चंदा लेकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने वाले विधायक सरकार बनाने के लिए बने संजीवनी बूटी

Political Drama
हरियाणा के सिरसा से विधायक गोपाल गोयल कांडा और बाजू में 2012 में आत्महत्या करने वाली गीतिका शर्मा

चंड़ीगढ़। देश में राजनेताओं को लोग यूं ही नहीं कोसते (Political Drama)। चाहे वह भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा या किसी भी छोटे दल का नेता हो, उसको जनता की लताड़ मिलती ही हैं। लेकिन, वही जनता उन्हें भाग्य विधाता भी बना देती है। ऐसे ही नेता है गोपाल गोयल कांडा (Gopal Goel Kanda) । इस वक्त वह हरियाणा (Haryana) में भाजपा की मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) सरकार बनाने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर चुके हैं। इसलिए वे कांग्रेस समेत दूसरे दल के निशाने पर आ गए हैं। उनकी पिछली जिंदगी किसी फिल्म से कम भी नहीं हैं। आखिर कौन हैं यह कांडा और लोगों ने इन्हें क्यों ठुकरा दिया था जानिए अर्श से फर्श फिर ​फर्श से अर्श पर जाने की पूरी कहानी।
सबसे ज्यादा भाजपा की किरकिरी
हरियाणा के सिरसा (Sirsa) से विधायक गोपाल गोयल कांडा कट्टर आरएसएसवादी होने का इन दिनों दावा कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से लेकर तमाम भाजपा के बड़े नेताओं के समर्थन में कसीदे गढ़ रहे हैं। सरकार बनाने के लिए कांडा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से लेकर कई मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी तस्वीरें मीडिया में भी आ रही है। भाजपा की मजबूरी है कि उसको हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इसलिए कांडा के बदौलत वह निर्दलीय विधायकों से बातचीत कर रही है। लेकिन, यह बातचीत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। दरअसल, गोपाल गोयल कांडा का राजनीतिक जीवन काफी विवादित रहा है। इस कारण कांग्रेस (Haryana Congress) को कांडा के बहाने भाजपा को घेरने का मौका मिल गया है। कांग्रेस नेता तो निर्दलीय विधायकों को लेकर यह भी कह चुके हैं कि उन्हें जनता भविष्य में जूते मारकर अपने इलाकों से भगाएगी।अबॉर्शन कराने का था आरोप
गोपाल कांडा 6 निर्दलीय विधायकों के नेता बनाकर उभरे हैं। लेकिन, वे 2012 से विवादों में चल रहे हैं। उस वक्त कांडा गृह राज्य मंत्री (State Home Minister) भी थे। उसी विवाद के चलते उनकी कुर्सी भी चली गई थी। कांडा की कंपनी में काम करने वाली गीतिका शर्मा ने 2012 में खुदकुशी कर ली थी। शव अशोक विहार (Ashok Vihar) स्थित घर पर मिला था। उसने एक सुसाइड नोट (Suicide Note) भी लिखा था। जिसमें गोपाल कांडा के अलावा अरूणा चड्ढा को पुलिस ने आरोपी बनाया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, दस्तावेजों की कूटरचना के अलावा गर्भपात (Abortion) कराने का आरोप था। यह गर्भपात गीतिका शर्मा (Gitika Sharma) का विधायक ने कराया था। ऐसा पुलिस ने अपनी चार्जशीट में भी लिखा है। फिलहाल इस मामले में कांडा अदालत से जमानत पर चल रहे हैं।

यह भी पढ़ें:   कक्कड़ की काली कमाई की खुल रही कई परतें, "चेतक" के जरिये कमाता था 60 लाख

दूसरे मामले जिसमें फंसे हैं कांडा
गोपाल कांडा ने अपनी किस्मत जूते—चप्पल बनाने से शुरू की थी। इसके बाद वह रियल स्टेट (Real Estate) के कारोबार में कूदे। विधायक की कार से एक बार हरियाणा के कुख्यात चार बदमाश पकड़ाए थे। गोपाल कांडा ने नेशनल लोकदल (National Lokdal) से टिकट मांगा था। फिर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। उस वक्त कांग्रेस मुख्यमंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा (Former Chief Minister Bhupendra Singh Hudda) सरकार के लिए भी कांडा मास्टर चाबी बने थे। मंत्री पद मिलने के बाद उन्होंने एयरलाइन की कंपनी खोल ली थी। उसमें ही सुसाइड करने वाली गीतिका (Gitika Suicide Case) नौकरी करती थी। कांडा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में कोई चमत्कार नहीं किया। वे केवल 602 वोटों से ही जीत पाए हैं। गीतिका मौत मामला ही नहीं कई अन्य मामले भी है जिसमें कांडा फंसा हुआ है। एक अन्य मामला 2016 का है जिसमें गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद फंसे हैं। यह मामला अवैध संपत्ति का हैं।

Don`t copy text!