MP Fraud Case: क्लीनिक से अस्पताल बनाने के लिए डॉक्टर ने किसानों को ऐसे दिया झांसा

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आधा दर्जन से अधिक किसानों से कंपनी में निवेश कराने के नाम पर डॉक्टर ने हड़पे 24 लाख रुपए

MP Fraud Case
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में जालसाजी की कंपनियां (MP Fraud Case) डॉक्टरों की क्लीनिक में भी खुल गई है। मामला राजधानी भोपाल (Bhopal) से सटे सीहोर जिले का है। इस मामले में आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) को शिकायत मिली थी। जिसकी जांच के बाद क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर समेत 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।ऐसे चल रही थी कंपनी
जानकारी के अनुसार जालसाजों ने करीब आधा दर्जन किसानों के करीब 24 लाख रुपए हड़प (Usurpation) लिए। घटना 2013 से लेकर 2014 के बीच की हैं। जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रहा था। इस मामले में शिकायत सीहोर के नजदीक हसनाबाद में रहने वाले यशवंत सिंह ने की थी। यशवंत बड़े किसान हैं जिन्होंने फरवरी, 2017 में मामले की शिकायत की थी। वे अक्सर डॉक्टर हितेश शर्मा के यहां क्लीनिक में आते—जाते थे। क्लीनिक सीहोर के गंगा आश्रम (Ganga Ashram) में था। इसी दौरान डॉक्टर ने उनको कंपनी में पैसा निवेश (Money Investment) करने पर फायदा बताए थे। हितेश शर्मा भोपाल में कोलार थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी में रहते हैं। उन्होंने भोपाल के यादव पुरा निवासी प्रेमचंद्र करोसिया से मुलाकात कराई। दोनों श्याम सुंदर डील कार्पोरेशन (Shyam Sunder Deal Corporation) नाम से कंपनी चलाते थे।
रकम से अस्पताल खड़ा किया
हितेश शर्मा को मालूम था कि यशवंत सिंह पैसे से संपन्न हैं। उसको झांसे में लेने के बाद पैसे हड़पने (Grab Money) का काम नहीं रोका। उसने यशवंत के रिश्तेदारों से भी पैसे। जिन्होंने रकम जमा कराई उनमें यशवंत के अलावा रमेश, गोविंद वर्मा, जितेंद्र वर्मा, अर्जुन वर्मा और मानसिंह नागर से 23 लाख 80 हजार रुपए जमा करा लिए। यह रकम एक वर्ष के लिए ली गई थी। इस रकम का इस्तेमाल हितेश शर्मा ने कंपनी में करने की बजाय निजी इस्तेमाल में कर लिया। उसने क्लीनिक बंद करके भोपाल में केयर कॉलोनी स्पेशलिस्ट (Colony Care Multi Specialty Hospital ) नाम से अस्पताल खोल लिया। आरोपियों की कंपनी 2013 में खोली गई थी। इस कंपनी का दफ्तर एमपी नगर जोन—1 में होटल सुरेन्द्र विलास के बाजू में था। यह कंपनी रियल स्टेट में निवेश के अलावा प्रॉपर्टी की खरीद—बिक्री का काम करती थी।
यह है आरोपी
जांच में पता चला कि हितेश शर्मा के अलावा इस जालसाजी (MP Forgery Case) के मामले में शील राय, शैलेन्द्र नागर, प्रेमचंद्र करोसिया, मनीष कुमार शर्मा, मनोज, अर्जुन सिंह और नीतिश कुमार गर्ग के खिलाफ गबन, जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना समेत अन्य धारा में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। ईओडब्ल्यू का कहना है कि रकम वापसी के लिए संपत्ति राजसात की जाएगी। जिसके लिए ईओडब्ल्यू जांच के बाद चार्जशीट में कमाई गई संपत्ति का ब्यौरा अदालत में पेश करेगा।

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