Food Scam: वेयर हाउस संचालकों ने गोदाम में दिखाया कुछ और निकला कुछ

Share

बैंक ऑफ इंडिया से साढ़े चार करोड़ रुपए का लोन लेने के लिए किया गया फर्जीवाड़ा, बैंक मैनेजर समेत एक दर्जन से अधिक वेयर हाउस संचालकों के खिलाफ जालसाजी, गबन और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज

Food Scam
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के वेयर हाउस (Ware House) संचालकों ने बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के मैनेजर से मिलीभगत करके साढ़े चार करोड़ रुपए का घोटाला (Food Scam) किया। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए जिला आपूर्ति नियंत्रक (District Supply Controller) से जारी प्रमाण पत्र में हेर—फेर भी की गई। मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार इस मामले की शिकायत उज्जैन ईओडब्ल्यू एसपी से मई, 2019 में की गई थी। जिसकी जांच में पाया गया कि घोटाले का केंद्र बिंदु उज्जैन के सेठी नगर स्थित बैंक ऑफ इंडिया हैं। यहां के मैनेजर अनिल जैन और लोन मैनेजर विक्रांत की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया। ईओडब्ल्यू (EOW) ने दोनों के खिलाफ पद के दुरूपयोग और गबन (Misuse Of Post) में आरोपी बनाया है। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी बैंक मैनेजर (Bank Of India Manager) ने लोन देने के पहले भौतिक सत्यापन भी नहीं किया। जिन दस्तावेजों के आधार पर लोन मंजूर किया गया उसमें फर्जीवाड़ा (Food Scam) करते हुए बैंक में पेश किया गया। ईओडब्ल्यू (EOW) ने बताया कि यह घोटाला सितंबर, 2015 से मार्च, 2017 के बीच अंजाम दिया गया। जांच में 11 वेयर हाउस फर्म संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें दो सगे पिता—पुत्र शामिल हैं।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
ईओडब्ल्यू को जांच के लिए 10 लोन प्रकरण (Fake Loan Case) सौंपे गए थे। जिसमें मालूम हुआ कि आरोपियों ने करीब 31 हजार क्विंटल सोयाबीन और गेहूं का स्टॉक अपने वेयर हाउस में दिखाया था। जबकि जिला आपूर्ति नियंत्रक कार्यालय से जारी प्रमाण पत्र में वेयर हाउस की क्षमता लगभग 21 हजार क्विंटल थी। यानि लोन अधिक पाने के लिए 9 हजार अतिरिक्त स्टॉक दिखाया गया। जब स्टॉक का भौतिक परीक्षण जांच में किया गया तो वह 10 से 15 लाख रुपए का ही निकला। जबकि आरोपियों ने बैंक ऑफ इंडिया से करीब साढ़े चार करोड़ रुपए का लोन लिया था।
यह है आरोपी
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद उज्जैन निवासी किशोर कुमार जायसवाल, उनके बेटे नीलेश जायसवाल को आरोपी बनाया है। किशोर नीलकृष्ण वेयर हाउस तो बेटा नीलेश मैसर्स बाबा अंगारेश्वर इंटरप्राइजेस नाम से वेयर हाउस चलाते हैं। इसी तरह देवास निवासी राजेन्द्र कुमार चौरसिया जो मैसर्स संजोग इंटरप्राइजेस नाम से वेयर हाउस चलाते है को आरोपी बनाया है। इसके अलावा मैसर्स सिमरन इंटरप्राइजेस के संचालक उज्जैन निवासी आशीष तारे, मैसर्स विशाल इंटरप्राइजेस के संचालक उज्जैन निवासी राजेश जायसवाल, मैसर्स शुभलाभ इंटरप्राइजेस के संचालक योगेन्द्र सिंह राठौर, उज्जैन निवासी मनोज कोठारी, उसके पिता गोपाल कोठारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। मनोज मैसर्स जय गुरुदेव ट्रैडर्स तो गोपाल मैसर्स विष्णुलाल उमराव ट्रैडर्स नाम से वेयर हाउस चलाते हैं। मैसर्स केजीएन ट्रैडिंग कंपनी के संचालक उज्जैन निवासी इकबाल हुसैन, मैसर्स आत्माराम पटेल के संचालक आत्माराम पटेल, मैसर्स छाया इंटरप्राइजेस के संचालक पवन जायसवाल और अन्य को इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

यह भी पढ़ें:   Madhya Pradesh Suicide Case: नव विवाहित जोड़ा क्षिप्रा नदी में कूदा, पत्नी की लाश मिली
Don`t copy text!