मौके पर डीआईजी सिटी, गुस्सा देखकर उलटे पैर वापस लौटे, लूट की धारा बाद में बढ़ाई
भोपाल। राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) के सैंकड़ों छात्र शनिवार को प्रबंधन और पुलिस के खिलाफ मैदान में उतर आए। यह विरोध एक दिन पहले हुई लूटपाट (Bhopal Robbery Case) की घटना को लेकर जताया जा रहा था। मौके पर डीआईजी सिटी इरशाद वली भी पुलिस दल बल के साथ पहुंचे। पुलिस अफसरों को यह सूचना मिली थी कि प्रबंधन के खिलाफ छात्रों में आक्रोश हैं। लेकिन, हकीकत मालूम हुई तो डीआईजी सिटी उलटे पैर लौट गए।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि एक दिन पहले लड़कियों के छात्रावास में लूटपाट की घटना हुई थी। इससे पहले जीएमसी हॉस्टल में चोरी और वाहन चोरी की घटनाएं हो चुकी है। घटनाओं को लेकर छात्रों में भारी आक्रोश था। ताजा घटनाक्रम में लैपटॉप, मोबाइल और 15 हजार नगदी लेकर बदमाश फरार हो गया था। इस दौरान छात्रा ने शोर मचाकर मदद के लिए लोगों को बुलाया। कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स छात्राओें के साथ कोहेफिजा थाने पहुंचे। वहां जाकर सारा घटनाक्रम बताया। इसके बावजूद पुलिस ने साधारण धारा में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस को लगा कि मामले का निराकरण हो गया है। लेकिन, छात्रों को पता चला कि पुलिस ने लूट की धारा ही नहीं लगाई तो वे भड़क गए। छात्रों का कहना था कि उनके समर्थन में प्रबंधन नहीं आया। वह थाने भी नहीं गया। इसी बात पर नाराज छात्र प्रबंधन से माफी मांगने के लिए कहने लगे। प्रबंधन ने घटना की जानकारी पुलिस को दी।
मौके पर डीआईजी सिटी इरशाद वली पहुंचे। लेकिन, छात्रों ने उन्हें वहां पहुंचने नहीं दिया। भीड़ को देखकर वे मामले को भांप गए और उलटे पैर चले गए। हालांकि वहां से निकलने के बाद थाना प्रभारी की जमकर क्लास ली गई। प्रबंधन के खिलाफ छात्रों में अभी भी रोष है। जीएमसी में सादे वर्दी में पुलिस चौकसी कर रही है। इस मामले में सरकार ने भी जीएमसी प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है।