बच्चों से जुड़ी वह तीन खबर जो आपकी रूंह तक कपा देगी, बेटे के लिए बेटियों का मुंह भी नहीं देखा, बेटे के रोने से तंग पिता ने कुएं में फेंका
उज्जैन/सीधी। भारतीय समाज (Indian Society) में बच्चों के अधिकारों को लेकर कितनी जागरूकता है, यह मध्य प्रदेश के अलग—अलग जिलों से मिले समाचार से पता चलता है। बच्चों से जुड़ी (Child Abuse) तीनों घटनाएं बेहद भावुक कर देने वाली हैं। इन घटनाओं से बच्चों के लिए काम करने वाली सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं की कलई भी उजागर होती है।
आज भी बेटे की चाह में हो रही बेटियों की हत्या
बेटा और बेटी के अंतर को पाटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार समेत कई अन्य सेक्टरों में काम कर रही है। इस सख्ती का असर आंकड़ों में दिखाई भी दे रहा है। लेकिन, समाज में इसका विपरीत असर हो रहा है। खासतौर पर प्रभावित होनेे वाले वर्ग में महिलाएं अधिक है। ताजा मामला उज्जैन जिले के राघवी थाना क्षेत्र का है। यहां पिपलिया नाथ गांव कि रहने वाली संतोष बाई पति मुकेश देवड़ा उम्र 35 साल ने 8 महीने की बेटी पलक और 6 साल कि बेटी आराध्या को जहर (Mother Daughter Suicide Case) देकर फिर खुद ने पी लिया। तीनों को नाजुक हालत में महिदपुर अस्पताल पहुंचाया गया। मां—बेटियों की हालत गंभीर बताकर जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया। रास्ते में संतोष बाई की मौत हो गई। अगले दिन शनिवार सुबह 8 साल की पलक ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि संतोष बाई को कोई बेटा नहीं था, इसलिए ससुराल वाले फब्तियां कसते थे। इसी बात से तंग आकर उसने इतना बड़ा कदम उठाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इसमें पुलिस हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के अलग—अलग मामले दर्ज कर सकती है।
बेटे की कराह ने पिता को कातिल बनाया
मानवीय संवेदनाओं को झंझोड़ देने वाली दूसरी खबर सीधी जिले से आई है। यहां आरोपी पिता है, जिसने तीन दिन तक पुलिस को भी छकाया। पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि बहरी थाना में 10 महीने के बच्चे प्रशांत कि गुमशुदगी दर्ज हुई थी। पिता लवकुश कोल ने दावा किया था कि उसके बेटे को चोरी किया गया है। हकीकत पता लगाने में पुलिस को तीन दिन कड़ी मशक्कत करना पड़ी। आरोपी पिता लवकुश ही निकला। उसने पूछताछ में बताया कि प्रशांत की लाश घर के नजदीक कुएं के भीतर है। पुलिस ने लाश निकाली और हत्या (Ujjain Brutal Murder Case) करने की वजह पता लगाना शुरू किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसका बेटा बहुत ज्यादा कराह रहा था। उस वक्त उसकी मां गहरी नींद में सो रही थी। इसलिए बेटे को गोद में उठाया और कुएं में फेंक आया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पिता की डोर टूटी, बेटे की सांसे उखड़ी
मानवीय संवेदना का तीसरा मामला उज्जैन जिले के बड़नगर मार्ग पर इंगोरिया थाना क्षेत्र का है। यहां एक पिता अपने बेटे को तैराकी सिखा रहा था। इसके लिए एक छोर की रस्सी बेटे की कमर पर और दूसरे छोर की रस्सी अपनी कमर पर पिता ने बांध रखी थी। पुलिस को लाश निकालने के लिए मशक्कत (Ujjain Mishap) करनी पड़ी। इस काम के लिए पुलिस को कैमरे की भी मदद लेनी पड़ी। घटना बड़नगर के ग्राम चिकली में हुई थी। यहां 18 वर्षीय समीर राम मंदिर के पास बावड़ी में पिता जलील खां के साथ तैराकी सीख रहा था। समीर ने बावड़ी से छलांग लगाई तो बीच से रस्सी टूट गई। वह बावड़ी की गहराई में समा गया। पिता के सामने बेटे का करूण अंत हो गया। बावड़ी लगभग 50 फीट गहरी थी। इसमें से 15 फीट पानी प्रशासन ने बाहर निकाला। फिर भी
गोताखोरों को लाश नहीं मिली तो वॉटरप्रूफ कैमरों की मदद से शव को बाहर निकाला गया। इस काम में पुलिस और प्रशासन को करीब 5 घंटे तक जूझना पड़ा। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।