निजी स्कूल के संचालक से मांगे थे एक लाख रुपए, सीबीआई ने 50 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों दबोचे गए
जबलपुर। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के इंफोर्समेंट अफसर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा गया है। यह भ्रष्ट अफसर (Corrupt Officer) निजी स्कूल संचालक पर एक लाख रुपए देने के लिए दबाव बना रहे थे। मामले में कार्रवाई सीबीआई की जबलपुर यूनिट ने की है।
जानकारी के अनुसार अफसर का नाम संजय अग्रवाल है। जिन्हें सीबीआई ने 50 हजार रुपए लेते हुए दबोचा है। यह भ्रष्ट अफसर (Corrupt Officer) आधारताल में स्थित नवाम्बे कान्वेंट स्कूल में पहली बार 7 अगस्त को पहुंचे थे। सारे कर्मचारियों को बाहर करके दस्तावेज तलब किए गए। चालान देने की बजाय उसे अपने साथ ले गए ओर अगले दिन अग्रवाल ने स्कूल संचालक देवी प्रसाद पांडे को कार्यालय में बुला लिया। दस्तावेजों में काफी कमियां बताकर संचालक को डराया और धमकाया जाने लगा। इसके बाद 21 अगस्त को अग्रवाल ने दोबारा बुलाया। जब संचालक देवी प्रसाद पांडे कार्यालय पहुंचे तो वह नहीं थे। संचालक ने फोन लगाया तो उन्हें दमोह नाका स्थित एमजी पैलेस के सामने मुलाकात के लिए बुलाया गया। यहां कार में बैठकर उन्होंने एक लाख रुपए मांगे। इतनी बड़ी रकम सुनकर असर्मथता जताई गई तो वे 50 हजार रुपए मांगने लगे। अगले दिन रकम देने से मना कर दिया गया। इसके बाद इंफोर्समेंट अफसर ने धमकियां दी। फिर इसके बाद 26 अगस्त को सीबीआई के सामने पूरा मामला बताया गया।
शिकायत के बाद सीबीआई ने बकायदा कॉल रिकॉर्डिग की। जिसके बाद सीबीआई अग्रवाल के दफ्तर भी पहुंची। वहां रिश्वत की रकम लेने के बाद अग्रवाल के घर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान सीबीआई को 80 लाख रुपए की संपत्ति मिली। सीबीआई ने संजय अग्रवाल की तरफ से निपटाई गई सारी फाइलों का ब्योरा तलब कर लिया है। वह सारे प्रकरणों की जांच करेगी। सीबीआई ने इस मामले में अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (Corrupt Officer) अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। कार्रवाई की एक रिपोर्ट ईपीएफ के सीनियर अफसरों को भेज दी गई है।