कभी गैंग रैप के सवाल पर खिलखिलाकर कहानी बताने पर गिरी थी गाज अब देनी होगी अपनी आवाज
भोपाल। लोकायुक्त पुलिस ने एआईजी अनीता मालवीय के खिलाफ दर्ज मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। इस जांच के लिए लोकायुक्त पुलिस की तरफ से उनकी आवाज के नमूने लिए जाएंगे। जिसके लिए बकायदा कानूनी सहमति ली जाएगी। लोकायुक्त पुलिस की तरफ से इस कार्रवाई को लेकर सीबीआई अफसरों से बातचीत की गई है। वहीं जांच बिन्दुओं को लेकर पुराने इसी तरह में दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल हो रही है।
जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में एआईजी अनीता मालवीय के अलावा तत्कालीन एएसपी रेल धर्मेन्द्र छाबई का नामजद एफआईआर है। मालवीय फिलहाल पीटीआरआई में तैनात है। वहीं उनके पास बटालियन का अतिरिक्त प्रभार भी है। धर्मेन्द्र छाबई मध्यप्रदेश कैडर के अफसर थे। लेकिन, बंटवारे में छत्तीसगढ़ चले गए थे। हालांकि उन्हें रिलीव पिछले साल ही किया गया। इस दौरान वे रेल में एएसपी थे। छाबई फिलहाल रायपुर में एएसपी हैं। दोनों अफसरों के खिलाफ शिकायत तत्कालीन बीना जीआरपी टीआई प्रकाश सेन ने की थी। सेन को एआईजी अनीता मालवीय ने सस्पेंड किया था। यह कार्रवाई एएसपी धर्मेन्द्र छाबई की रिपोर्ट पर हुई थी। प्रकाश सेन का आरोप था कि उसे बहाल करने के एवज में अनीता मालवीय ने उससे रिश्वत मांगी थी। जिसकी रिकॉर्डिंग उन्होंने पुलिस मुख्यालय को भी दी थी। इसे जांच के लिए लोकायुक्त पुलिस को भेज दिया था। मामला 2017 का है जिसकी जांच के बाद इसी महीने की शुरूआत में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज कर लिया गया।
ऑडियो को लिया गया है जांच में
लोकायुक्त पुलिस ने विधिवत तरीके से आॅडियो को जांच में लिया है। इसमें दोनों अफसरों पर आरोप लगे हैं कि वे जांच में बहाल करने के बदले में लैपटॉप समेत अन्य सामान मांग रहे हैं। इसी आवाज को तस्दीक के लिए लोकायुक्त पुलिस की तरफ से सैम्पल लिया जाएगा। इस सैम्पल का परीक्षण लैब में कराया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट चार्जशीट में लगाई जाएगी।
अफसर का यह कहना
भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जो भी वैधानिक कार्रवाई है वह की जाएगी। इस मामले में कानूनी राय ली जा रही है।
गीतेश गर्ग, एसपी, भोपाल लोकायुक्त