Humanity shaming: मर्चुरी में शव रखकर भूल गए डॉक्टर, महीनेभर में बन गया कंकाल

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Humanity shaming
सांकेतिक तस्वीर

एनजीओ की जागरूकता से उजागर हुई बड़ी लापरवाही, लाश की पहचान को लेकर अभी रहस्य बरकरार

जबलपुर। जिले के प्रतिष्ठित सेठ गोविंददास विक्टोरिया अस्पताल की एक बड़ी (Humanity shaming) लापरवाही उजागर हुई है। अस्पताल की एक मर्चुरी से कंकाल मिला है। यह कंकाल किस व्यक्ति का यह पता नहीं चला है। लेकिन, मामला उजागर होने के बाद डॉक्टर अपने बचाव में आ गए हैं।

ऐसे उजागर हुआ मामला
अस्पताल (Seth Govinddas Victoriya Hospital) की यह लापरवाही एक एनजीओ की मदद से लोगों के सामने आई। दरअसल, अस्पताल में भर्ती सुखचैन नाम के व्यक्ति का शव मर्चुरी में कोई पहुंचा नहीं रहा था। यह देखते हुए गरीब नवाज कमेटी नाम की संस्था ने शव मर्चुरी में पहुंचाया। उसे रखने के लिए जब मर्चुरी खोले जा रहे थे तो एक कंकाल मिला। जिसको देखकर यह (Humanity shaming) जानकारी डॉक्टरों को दी तो वहां हड़कंप मच गया। इसके बाद मामला दबाया जाने लगा। इस मामले में अस्पताल की तरफ से डॉक्टर संजय जैन नेे मीडिया को बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह अज्ञात शव था। जिसको दफनाया जाना था। लापरवाही किन वजहों से हुई यह पता लगाया जा रहा है।

क्यों सामने आया एनजीओ
जानकारी के अनुसार अस्पताल में भर्ती सुखचैन काफी बीमार चल रहा था। वह बिस्तर में ही दैनिक कार्य कर देता था। उसकी गंदगी को देखकर अस्पताल के मरीज भाग रहे थे। यह देखते हुए अस्पताल ने गरीब नवाज एनजीओ को मदद के लिए बुलाया था। यही एनजीओे अस्पताल में उसकी देखरेख कर रहा था।

पुलिस के पास पहुंचा मामला
यह मामला पुलिस के पास भी पहुंचा। इस लापरवाही के मामले में पुलिस भी कठघरे में हैं। दरअसल, लाश को (Humanity shaming) अज्ञात बताकर पुलिस ने ही सौंपा था। उसके बाद उसने भी कोई सुध नहीं ली। अब अस्पताल के चिकित्सक और पुलिस प्रकरण में लीपापोती का काम कर रहे हैं।

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