MP Political Crime: आईएसबीटी में नियम विरुद्ध प्लॉट हासिल करने का आरोप, ईओडब्ल्यू ने भोपाल विकास प्राधिकरण के अफसरों को भी आरोपी बनाया
ग्राफिक डिजाइन द क्राइम इंफो।
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और उनके परिवार के खिलाफ जालसाजी का प्रकरण दर्ज किया गया है। यह प्रकरण भोपाल शहर में स्थित ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया है। आरोप है कि भोपाल विकास प्राधिकरण यानि बीडीए (MP Political Crime) ने बिना टेंडर उन्हें भूखंड आवंटन किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने उस भूखंड को व्यवसायिक बनाने के लिए भी नियम विरुद्ध कार्रवाई की।
ईओडब्ल्यू के पास ऐसे पहुंची थी शिकायत
ईओडब्ल्यू (EOW) ने बताया कि इस संबंध में टीटी नगर (TT Nagar) थाना क्षेत्र स्थित हर्षवर्धन नगर (Harshvardhan Nagar) निवासी सीआर दत्ता (CR Dutta) ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया कि सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से भोपाल विकास प्राधिकरण (Bhopal Development Authority) ने कुशाभाउ ठाकरे इंटर बस टर्मिनल बनाया था। इसमें मैसर्स हाई स्पीड मोटर्स (M/s High Speed Motors) को भूमि आवंटित की गई थी। यह शिकायत 2015 में हुई थी। तभी से मामले की जांच की जा रही थी। जांच के बाद अब ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। जिसमें जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। जांच में पता चला कि मैसर्स हाई स्पीड मोटर्स कंपनी में हेमंत कटारे (Hemant Katare) और उनके भाई योगेश कटारे (Yogesh Katare) , मीरा कटारे (Meera Katare) , रुचि कटारे (Ruchi Katare) पार्टनर हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में बीडीए के तत्कालीन सीईओ केपी राही (KP Rahi) , ओएसडी मनोज वर्मा (Manoj Verma) समेत अन्य कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई। उल्लेखनीय है कि उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे कई महीनों से सरकार के निशाने पर पहले से थे। अब इस प्रकरण से उनकी राजनीतिक विरासत के स्थायी रहने को लेकर आशंकाओं के बादल छाए हुए हैं।
सीएम का टूल है ईओडब्ल्यू
एफआईआर को लेकर उन नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि मेरे शरीर पर पिता सत्यदेव कटारे (Satyadev Katare) का ही खून है। मैं एफआईआर से डरने वाला नहीं हूं। भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता रहूंगा। मेरे पिता सत्यदेव कटारे जब व्यापमं को लेकर भाजपा सरकार की घेराबंदी कर रहे थे तब वे प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष थे। उन्हें डराने के लिए 2015 में यह पीई दर्ज की गई थी। जिसमें मेरी वृद्ध मां को भी खसीट दिया गया। यह राजनीति का गिरता स्तर है। हेमंत कटारे ने कहा कि जिस अलांटमेंट को लेकर एफआईआर हुई वह 2004 में हुआ था। उस वक्त मेरा राजनीति से कोई सरोकार नहीं था। अब मैं उप नेता प्रतिपक्ष बन गया हूं तो एमपी के सीएम डॉक्टर मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ईओडब्ल्यू को टूल बनाकर मेरे खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में दर्ज मेरे खिलाफ प्रकरण पहले ही समाप्त न्यायालय ने कर दिए हैं। इस प्रकरण को भी मैं कोर्ट में लेकर जाउंगा। मुुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
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