MP Cop Gossip: कमाई ब्रांच के गुप्त दरवाजे की खुली पोल, पसीना आया कई अफसरों को, पुलिस पर भारी पड़ा फौजी, सिंघम को तेवर दिखाए तो वे सरेआम टूट पड़े
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस काफी बड़ा है। इसमें भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। कई बातें मीडिया में आती है और कुछ दबी रह जाती है। ऐसे ही बातों का नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) हैं। इसमें हमारा प्रयास होता है कि नाम उजागर न किया जाए। हालांकि मीडिया रिपोर्ट आने पर हम ऐसा नहीं है कि उसे नहीं बताते। हमारी यह साप्ताहिक कोशिश में किसी व्यवस्था को कम—ज्यादा आंकना नहीं है। बल्कि यह बताना है कि बातें छुपती नहीं हैं।
इन तीनों ने कर दिया शर्मसार
बैतूल जिले के दो कांस्टेबल चंद्रपाल सरयाम और अनुज कुमार को एसपी निश्चल झारिया ने निलंबित कर दिया। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने नजूल की जमीन पर किए गए प्लांटेंशन वाले पौधे उखाड़ दिए थे। इधर, मंदसौर जिले के भानपुर थाने के कार्यवाहक हवलदार मुकेश चौहान बुरे फंस गए। दरअसल, उनकी हरकतों से एक फौजी का दिमाग खराब हो गया था। उसके पिता के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। जिन्हें जमानत देने के लिए कार्यवाहक हवलदार 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। ऐसा करते हुए वह लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
ठंडा बस्ता अचानक गर्म हो गया
पिछले दिनों मध्यप्रदेश पुलिस महकमे में बहुत बड़ा उलटफेर हो गया। कभी हाशिए पर चल रहे अफसर को लेकर मैदानी महकमे को इल्म ही नहीं था कि वे इतने शक्तिशाली हो जाएंगे। अब वे फॉर्म पर आ गए हैं तो अफसर से जुड़े हर मामले को विभाग का हर कर्मचारी गंभीरता से ले रहा है। मसलन, उनके बंगले में तैनात बावर्ची से लेकर हर कर्मचारी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। ऐसा इसलिए कि अधिकारी अपने पेशे के लिए सख्त हैं। कहीं कोई चूक न रह जाए उसका ध्यान रखा जा रहा है। ऐसा करते ही एक साल पहले से लंबित मामले में अचानक जान आ गई। यह मामला लाखों रुपए की फर्जीवाड़े से संबंधित था। जिसको अफसरों ने लटका रखा था। मजबूरी में ही सही प्रकरण दर्ज किया। लेकिन, उसमें भी मैदानी अफसरों ने कई जगह पर तकनीकी पेंच डालकर अपने ही आका के खिलाफ भी जाकर एफआईआर में काम कर दिखाया है। यदि उनके आका ने उस एफआईआर का अध्ययन भी कर लिया न तो उसको दर्ज करने वाला अधिकारी कभी भी मैन स्ट्रीम फील्ड में पोस्टिंग ही हासिल नहीं कर सकेगा।
महिला से भिड़ें अफसर
पिछले दिनों तीन क यानि क्राइम, करप्शन और कर्ज को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल कार्यक्रम था। हालांकि यह नेताओं की गुटबाजी के चलते फ्लॉप शो रह गया। यह लगभग जब समाप्त होने की तरफ था तभी एक क्षेत्र के सिंघम प्रभारी ड्यूटी (MP Cop Gossip) के दौरान एक महिला से उलझ गए। दरअसल, महिला हाथों में तख्ती लेकर बैरीकेड के गलियारे से निकलने का प्रयास कर रही थी। सिंघम को लगा कि वह कांग्रेसी कार्यकर्ता है। उसे तख्ती छोड़कर जाने के लिए बोला गया। लेकिन, वह तो दूसरे ही आंदोलन के लिए शहर में आई थी। उसके हाथ में पीथमपुर शिफ्ट किए जा रहे यूका के कचरे की तख्तियां थी। महिला के साथ कई पुरुष भी थे। महिला ने सिंघम को सीधे ललकार दिया। यह बात उन्हें नागवारा गुजरी तो उन्होंने महिला का गुस्सा उस महिला के साथ आए पुरुष पर उतारना शुरु कर दिया। धक्का देकर खदेड़ा जाने लगा। यह नजारा दूर से देख रहे अफसर ने देखा तो उन्हें समझाईश दी। भई मीडिया के लिए कितनी फुटेज बनाना चाहता है।
चढ़ावा मांग रहे थे नौबत चरणामृत पीने की आ गई
राजधानी की एक कमाई ब्रांच हैं। यहां तैनात होने वाला महकमे के नाम से ही कई लोगों को चमका देता है। इसी ब्रांच का एक मामला इन दिनों सुर्खियों में हैं। यह पहले मैन स्ट्रीम मीडिया से दूर रहा। अब वह सुर्खियों में आ गया हैं। मामला मेलफाइड का है जिसमें कठघरे में चार कर्मचारी हैं। उनके बचाव के साथ एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी कठघरे में खड़े होकर आ चुके हैं। जवाब बंद लिफाफे में गया है जो पेशी में खुलेगा तो किरकिरी होना तय है। क्योंकि जिस कठघरे ने जवाब मांगा है उन्होंने दरवाजे में लगा कैमरे का रिकॉर्ड मांग लिया है। अब मुश्किल यह है कि वह कैमरे वाले दरवाजे से लाया ही नहीं गया। क्योंकि उसे गोपनीय मिशन के तहत लाया गया था और उसे गुप्त दरवाजे के संतरी ने प्रवेश दिलाया था। अब वह संतरी परेशान चल रहा है क्योंकि उस चार के बाद उसका भी नाम सामने आएगा। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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