Bhopal Cyber Fraud: डीजीपी जब सुपरविजन के लिए सलाह दे रहे थे तब राजधानी के ही एक थाने की कलई खुल गई

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Bhopal Cyber Fraud: कमजोर तथ्यों के साथ कोर्ट पहुंचे पुलिस अफसरों को अदालत ने फटकारते हुए शातिर जालसाज को जमानत दी, अफसरों ने चुप्पी साधी, अयोध्या नगर की तंग बस्तियों के लोगों के दस्तावेल लेकर फर्जी खाता खुलवाने का मामला, लापरवाही के इस मामले में नोटिस मिलना तय

Bhopal Cyber Fraud
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना पुलिस मुख्यालय में विजीलेंस और सीआईडी शाखा के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के सभी राजपत्रित अधिकारियों को अपनी वर्किंग कल्चर बदलने के लिए सलाह दे रहे थे। उसी वक्त भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) शहर के एक सनसनीखेज मामले में सुपरविजन की पोल खुल गई। यह घटना भोपाल शहर के अयोध्या नगर थाना पुलिस की थी। यहां बस्तियों में सक्रिय एक गिरोह की शिकायत मिली थी। वह गरीब परिवारों के दस्तावेज लेकर उनके नाम पर खाता खोल रहा था। ऐसा करने के एवज में गरीबों को प्रतिमाह किराया मिल रहा था। गिरोह के एक साथी को पुलिस ने दबोच लिया था। लेकिन, अधूरे दस्तावेज और अपूर्ण जानकारियों के साथ अयोध्या नगर थाना पुलिस अदालत पहुंची। पुलिस की जांच और सबूतों को अपर्याप्त मानते हुए आरोपी को रिमांड पर सौंपने की बजाय गिरफ्तारी के तरीके पर ही सवाल खड़े हो गए। नतीजतन अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया।

सभी अफसरों ने चुप्पी साध ली

यह पूरा प्रकरण बेहद गुपचुप तरीके से जांचा जा रहा था। जिसके संबंध में मीडिया को भी जानकारी नहीं थी। अयोध्या नगर (Ayodhya Nagar) थाना पुलिस ने प्रकरण कब दर्ज किया उसके बाद से लेकर जांच के बिंदुओं पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे। बेहद संगीन इस मामले को बिलकुल सतही रुप से लिया गया। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि इस घटनाक्रम से आला अधिकारी काफी नाराज है। प्रकरण को लेकर कुछ लोगों पर गाज गिरना तय है। इस संबंध में पुलिस की तरफ से अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के ललितपुर(Lalitpur) निवासी 35 वर्षीय आतिफ (Aatif) की पुलिस को तलाश थी। उसकी तलाश किस प्रकरण में थी यह फिलहाल साफ नहीं हो सका है। वह भोपाल शहर के कोलार रोड (Kolar Road) इलाके में किराए से रहता था। उसको 10 दिसंबर को मीनाल गेट नंबर दो के पास हिरासत में लिया गया था। उसके पास से दो मोबाइल फोन, फर्जी तरीके से खोले गए खातों की बैंक किट, एटीएम, पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेज बरामद हुए थे। पुलिस को उसके दो साथियों का भी पता चला। इनमें से एक ललितपुर का रहने वाला अजय शर्मा (Ajay Sharma) और दूसरा झांसी में रहने वाला पंकज सेन (Pankaj Sen) है। यह सभी कोलार रोड में किराए के मकान में रह रहे थे। अभी दोनों फरार चल रहे हैं। आरोपी को एक बैंक खाता (Bank Account) उपलब्ध कराने के बदले में दस हजार रुपए कमीशन मिलता था। इसमें से वह पांच हजार रुपए बैंक खाता खोलने के लिए दस्तावेज देने वाले व्यक्ति को देता था। अभी तक ऐसा करके उसने कितने लोगों के खाते खोले यह भी साफ नहीं हो सका है। इधर, आरोपी को आसानी से जमानत मिलने की वजह से पुलिस जांच पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि आतिफ एक साल पहले भोपाल आया था। यहां वह गरीब बस्तिायों व मजदूरों के पीठों पर जाकर उन्हें एक माह के खाते के बदले में पांच हजार रुपए देने का लालच देकर उनके दस्तावेजों पर बैंक खाता खुलवाता था। इस दौरान लोगों को बैंक से कर्ज दिलाने का भी लालच देता था। उसने अधिकांश खाते एमपी नगर (MP Nagar) में स्थित फेडरल बैंक (Federal Bank)  में खोले हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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