MP Cop Gossip: वर्तमान डीजीपी को विदाई बेटी देंगी लेकिन नवागत को उनका बेटा गुजरात से आकर विदाई समारोह में होंगे शामिल, गर्लफ्रेंड के सरकारी जूते, विधायक के भतीजे को बचाने में जुटा पूरा महकमा
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा है। उसके भीतर ही भीतर कागजों में बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे ही बातों का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। जिसमें हमारी कोशिश होती है कि नाम उजागर करने से बचा जाए। लेकिन, वह विषय जो मीडिया में आ जाते हैं उन्हें बताने में हम गुरेज भी नहीं करते। इस बार ऐसे ही बातों की चुटीली जानकारियां। हमारा मकसद किसी व्यवस्था, व्यक्ति या पद को कम—ज्यादा आंकना नहीं है।
विधायिका के लिए तटस्थ कार्यपालिका
प्रदेश के एक दबंक विधायक के भतीजे ने एक विरोधी दल के नेता के रिश्तेदार को तमंचे की नोंक पर अगवा कर लिया। इस मामले में एफआईआर भी विरोधी दल के दबाव में की गई। लेकिन, मजाल है कि सत्तारुढ़ दल के विधायक को कोई हाथ लगा सके। खादी पर खाकी भारी पड़ने की बजाय तटस्थ हो गई। आठ महीने तक किसी तरह की कार्रवाई ही नहीं की गई। यह सवाल विधानसभा में भी गूंजा था। जिसका जवाब मंत्री ने दिया। अब सबको पता है कि मंत्री कौन है। उन्होंने जवाब भी दिया कि गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस कर रही है। यह समाचार मीडिया में आना तो दूर बताया भी नहीं गया। फरार आरोपी पर इनाम तो दूर उसका नाम लेने में भी पसीना अफसरों को आता है।
एक—दो—तीन नहीं पढ़ेंगें तो गर्लफ्रेंड के जूतों की संख्या सुनकर ही हैरान हो जाएंगे
मध्यप्रदेश के एक भारी बजट से जुड़े महकमे की यह खबर है। इसमें प्रतिनियुक्ति पर एक पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे हुए हैं। उनकी कार्यशैली अपने विभाग में रहते हुए भी काफी चर्चित रही है। यह साहब पत्नी से काफी डरते हैं। दफ्तर में रहते हैं तो अधिकांश समय मोबाइल पर ही जुड़े रहते हैं। इनके किस्से इस विभाग के कर्मचारी बड़े मजेदार तरीके से बताते हैं। पत्नी काफी सख्त निगरानी भी करती है। इसके बावजूद वे अपनी गर्लफ्रेंड से मेलजोल से लेकर बातचीत का मौका हर रोज दो से तीन घंटा निकाल लेते हैं। मैडम के जलवे विभाग में काफी ज्यादा भी है। वे जब भी वहां आती—जाती है तो साहब से डिमांड कर लेती है। एक बार तो गर्लफ्रेंड ने एक विचित्र डिमांड रख दी। यह डिमांड पूरी भी की गई। मैडम को एक—दो—तीन—चार करते हुए पूरे 16 जोड़ी जूते विभाग ने उपहार में भेंट कर दिए। यदि यह जूते किसी व्यक्ति ने पहनकर अभ्यास किया होता तो प्रदेश के नाम को रोशन करने वाला एक मैडल जरुर मिल जाता। बहरहाल, जूतों की आड़ में साहब अपनी गर्लफ्रेंड को रसूख दिखा रहे हैं।
मध्यप्रदेश पुलिस का इतिहास बनने के लिए तैयार
नवागत डीजीपी कैलाश मकवाना का नाम तय हो गया है। उनके नाम की विभाग में चर्चा बहुत पहले से चल रही थी। वे वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के स्थान पर कुर्सी संभालने जा रहे हैं। उनकी विदाई समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए भोपाल पुलिस (MP Cop Gossip) युद्धस्तर पर जुटी हुई है। रंगारंग कार्यक्रम मोती लाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित होगा। इसमें बैंड धुन, घुड़सवारों के मार्च पास्ट से लेकर कई टुकड़ियां डीजपी को विदाई सलामी देगी। यह पल काफी भावुक करने वाला भी होता है। इसमें डीजीपी के वाहन को रस्सी से बांधकर स्टेडियम से बाहर किया जाएगा। यहां होने वाले परेड का नेतृत्व डीजीपी की बेटी सोनाक्षी सक्सेना करेंगी। वे भी भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी है जो इन दिनों भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी इंटेलीजेंस हैं। इससे पहले वे जबलपुर जिले में तैनात थी। कुछ महीने पहले ही उनका तबादला हुआ हैं। ऐसे अवसर बहुत कम होते हैं। लेकिन, इसमें एक इतिहास और भी बनने जा रहा है। नवागत डीजीपी कैलाश मकवाना के बेटे भी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वे गुजरात कैडर में तैनात होकर वहां पर डीसीपी जैसी पोस्ट पर रह चुके हैं। मकवाना के ज्वाइनिंग फिर विदाई समारोह में वे भी जरुर गुजरात से भोपाल आएंगे। क्योंकि जब लोकायुक्त से मकवाना को शिफ्ट किया गया था तब उनके परिवार में शामिल हर शख्स उनकी कार्यशैली को लेकर मुखर होकर सोशल मीडिया में बोला था। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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