Bhopal Kidnapping News: पुलिस की एफआईआर में ताश पत्ती लिखने का मतलब पूछा तो वे बोले मैं दिखवाता हूं, उमंग सिंघार ने गृह विभाग न संभाल पाने को लेकर मंत्री से यह बोलकर इस्तीफा मांगा, कांस्टेबल समेत पांच आरोपी भूमिगत, रियल स्टेट कारोबारी को बैंकॉक घुमाने के बहाने बंधक बनाकर 30 लाख रुपए की फिरौती लेने के मामले में ट्रैफिक कांस्टेबल को सस्पेंड करने की तैयारी
भोपाल। कोलार रोड से रियल स्टेट कारोबारी को बैंकॉक घुमाने की आड़ में उसको अगवा कर फिरौती लेने के मामले में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। वहीं वारदात में शामिल भोपाल ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल को सस्पेंड करने की कवायद शुरु हो गई है। इधर, कांस्टेबल के साथ वारदात (Bhopal Kidnapping News) में शामिल दो सगे भाईयों का सुराग पुलिस को नहीं मिला सका है। इनके पास हथियारों के भी लायसेंस हैं। जिन्हें रद्द करने के लिए भोपाल पुलिस ने कलेक्टर के माध्यम से ग्वालियर पुलिस को भेज दिया है।
योजना से बेखबर थे पति—पत्नी
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में 15 नवंबर को पीड़िता ऋचा गौर ठाकुर (Richa Gaur Thakur) पति नीतेश ठाकुर उम्र 35 साल ने आवेदन दिया था। जिसकी दो दिनों तक पुलिस ने जांच की थी। इसी जांच के आधार पर रविवार शाम पुलिस ने संजय राजावत (Sanjay Rajawat), उसके भाई आकाश राजावत (Akash Rajawat) , पंकज सिंह परिहार Pankaj Singh Parihar, ओम राजावत उर्फ अन्नू (Om Rajawat@Annu) और पुलिस कांस्टेबल हेमंत चौहान उर्फ हनी (Hemant Chauhan@Honey) के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। ऋचा गौर और नीतेश ठाकुर (Nitesh Thakur) मिलकर रियल स्टेट का कारोबार करते हैं। उन्होंने बिलखिरिया खुर्द में स्थित जमीन बेचने का सौदा बिल्डर के साथ 14 करोड़ 77 लाख रुपए में किया गया था। यह जमीन जोकि 14 एकड से अधिक की थी वह रुद्राक्ष बिल्डर (Rudraksh Builder) को बेची गई थी। रुद्राक्ष बिल्डर के संचालक देवेन्द्र चौकसे (Devendra Chauksey) है। यह सौदा करोडों रुपयों में किया गया था। जिसमें से 10 करोड़ रुपए आरोपी पंकज परिहार कमीशन मांग रहा था। जबकि उसका कारोबार में कोई लेना—देना नहीं था। जमीन की डील होते वक्त वह पीड़िता के पति के साथ एक—दो बार गया था। आरोपियों की योजना से पति—पत्नी बेखबर थे। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके पति को पंकज परिहार 20 अक्टूबर को बैंकॉक (Bangkok) घुमाने के बहाने ले गया था। वहां से पति वहां से पति 27 अक्टूबर को दिल्ली लौट आया था। उसने पत्नी को कॉल भी किया था। उसने बताया था कि वह पंकज के भांजे अंकित परिहार (Ankit Parihar) सगाई के लिए ग्वालियर जा रहा है। इसके बाद उसका फोन ही बंद हो गया। उससे संपर्क नहीं हुआ तो कॉन्स्टेबल हेमंत चौहान के फोन से संपर्क हुआ। इसके बाद ही उसके अपहरण करने की बात पता चली।
एफआईआर में यह शब्द लिखा जिसके मायने निकलना तय
आरोपी संजय राजावत ने पीड़िता को कॉल करके 30 लाख रुपए का इंतजाम करने बोला। यह रकम लेकर वह 28 अक्टूबर को वह सर्वधर्म स्थित ज्वेलर्स दुकान के नजदीक पहुँची। उसके साथ कंपनी में काम करने वाला अतुल बघेल (Atul Baghel) भी था। पीड़िता ने रकम देते हुए बहन जूही की मदद से वीडियो भी बना लिया था। आरोपी आकाश राजावत कर एमपी 04-सीएल-8590 से आया था। अगले दिन नीतेश ठाकुर लौट आया। तभी से आरोपी उन्हें पुलिस से शिकायत करने पर धमका रहे थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पीड़ित परिवार के थाने में जाकर शिकायत करने की भनक लग गई थी। इस कारण वह फरार है। इस मामले में शामिल आरोपियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष टीम बनी है। इधर, एफआईआर के नौ नंबर बिंदु जहां फिरौती की रकम 30 लाख रुपए लिखी है उसमें ताश पत्ते की गड्डी वाली बात भी आई है। एफआईआर में इस शब्द के मायने पुलिस अधिकारियों से पूछे तो वे कोई तार्किक जवाब नहीं दे सके। इधर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी डीलर का 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए अपहरण मामला रौंगटे खड़े करने वाला है। सबसे चौका देने वाली बात यह है कि इसमें एक पुलिसकर्मी शामिल है। जिसे महज लाइन अटैच किया गया है। सूबे के मुख्यमंत्री ‘मौन यादव’ गृह विभाग भी अपने पास रखे हुए हैं। उनकी लापरवाही से प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं। अगर उनसे गृह विभाग नहीं संभल रहा है तो मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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