Bhopal Honey Trap: पुलिस कार्रवाई की कोर्ट रुम में उड़ी धज्जियां, अफसरों को फटकारा तीन दिन की पुलिस रिमांड लेने का भी आधार नहीं था, बरामदगी को लेकर कोई जवाब ही नहीं दे सकी पुलिस, अदालत ने महिला को जमानत पर रिहा किया
भोपाल। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को लेकर हर क्राइम पर निगरानी बढ़ाने का वादा सरकार ने जनता से किया था। लेकिन, उस वादे के मैदान पर क्या सच्चाई है वह एक मामले से उजागर हो गई। दरअसल, भोपाल (Bhopal Honey Trap) शहर के गोविंदपुरा थाने में करीब दो महीने पहले हनी ट्रैप का मुकदमा दर्ज हुआ था। उस मामले में मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने भेल डीजीएम के साथ वीडियो बनाकर उसको बदनाम करने की धमकी देकर उगाही शुरु कर दी थी। उसी मामले में कुछ दिन पहले पुलिस ने हनी ट्रैप वीडियो में दिख रही महिला को पकड़ा था। उसे अदालत में पेश करके तीन दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड समाप्त होने के बाद कोर्ट रुम में पुलिस की काफी किरकिरी हो गई।
पूरे प्रकरण में राजनीतिक दबाव में पानी फेरा गया
गिरफ्तार कॉल गर्ल से नहीं मिला कोई वीडियो
पुलिस ने पूजा राजपूत को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। उसे जब पकड़ा गया तब वह नशे की हालत में थी। इसलिए एक दिन तो पुलिस कार्रवाई (Bhopal Honey Trap) ही नहीं कर सकी। इसके बाद उसे अदालत में पेश करके तीन दिन की रिमांड पर लिया गया। उसके मोबाइल (Mobile) पर किसी तरह का वीडियो (Video) नहीं मिला। वहीं उसने बताया कि वह पति से अलग रहती है। उसका दस साल का बेटा भी है। वह शशांक वर्मा के कहने पर पांच से दस हजार रुपए में ग्राहकों के पास जाती थी। उसने बताया कि शशांक वर्मा ने उसे मिसरोद स्थित सेलेस्टियल पार्क होटल में बुलाया था। वहां नशा करने के बाद भेल डीजीएम ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। यह रकम उसे फोनपे के जरिए शशांक वर्मा ने दी थी। इसके बाद वह उसको बाथरुम में ले गया था। वहां उसके साथ दो बार उसने शारीरिक संबंध बनाए। जिसका भुगतान नहीं किया तो विरोध करने पर उसने मारपीट भी की थी। पूजा राजपूत को पूल पार्टी और पब कल्चर का शोक है। जिसके लिए वह इस धंधे में आई थी। इसके अलावा वह एक ब्यूटी पार्लर (Beauty Parlor) में ब्यूटीशियन का भी काम करती है। उसे पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया गया तो पुलिस को जमकर फटकार लगाते हुए जमानत दे दी गई। अदालत ने पुलिस से सवाल भी पूछे जब शशांक वर्मा ने गुनाह कबूल कर लिया था तो पूजा राजपूत को रिमांड पर लेने की आवश्यकता ही नहीं थी। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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