MP Cop Gossip: ई—एफआईआर की सीएम हेल्पलाइन में खुली पोल 

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MP Cop Gossip: पहले टीवी चैनल के एक बड़े पत्रकार का नाम बताकर धौंस दिखाया फिर एक मंत्री का नाम लेकर डराया, तलाशी हुई तो युवती की पहनी हुई तीन पेंट से चौक गई पुलिस

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा होता है। उसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। उसमें कुछ बातें सार्वजनिक हो जाती है। बाकी बहुत सारी घटनाएं फाइलों में दबकर रह जाती है। ऐसे ही बातों का ​हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इस बार तीन थानों से जुड़े चटकारे वाले मामले जिसमें से दो किसी मीडिया हाउस में आ नहीं सके।

दो दर्जन जुआरी पकड़ाए लेकिन उसमें इतनी भारी चूक

शहर के एक थाने में पिछले दिनों जुए के एक अड्डे पर दबिश दी गई। यहां से करीब सवा दो लाख रुपए भी बरामद किए गए। इसमें से कुछ लोग बहुत पॉवरफूल थे। जिन्हें छुड़ाने के लिए थाने में फोन आने लगे। अब बात लीक न हो इस​के लिए तोड़ निकाला गया। पुलिस ने जब्ती में दरी, ताशपत्ते और सिर्फ नकदी दर्शाई। जुआरी जहां से पकड़े थे वह जंगली इलाका था। इसलिए सबसे मूल प्रश्न यह लाजिमी है कि जुआरी वहां पैदल पहुंचे नहीं होंगे। यानि साफ है कि वाहन ही जब्त नहीं किए गए। दूसरा प्रश्न जो लाखों रुपए का दांव लगा रहा हो वहां कोई व्यक्ति बिना मोबाइल कैसे पहुंच सकता है। किसी तरह के मोबाइल की जब्ती भी नहीं दिखाई गई। यदि मोबाइल जब्त होते तो बातें होती। इस परोपकार के एवज में कुछ न कुछ कल्याण किसी भी रुप में किया गया है। इसके अलावा जहां घटनास्थल था उसके ही नजदीक शिकार करने के लिए बहुत सारे वन्य प्राणी भी थे। हालांकि यह सबकुछ पुलिस की तरफ से जारी हिकमतअमली वाली कार्रवाई से गायब थी।

दीपावली रात युवती ने थाने के भीतर मचाया हंगामा

शहर में दीपावली को लेकर बाजार गुलजार ​थे। वह बात अलग थी कि लाखों—करोड़ों रुपए का माल भरकर बैठे दुकानदारों को ग्राहक के लिए दरवाजे कम खोलना पड़े। क्योंकि इस बार कई ग्राहकों ने फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों से ही काम चला लिया। त्यौहार में किसी तरह की बाधा न हो पुलिस ने इस बार पैदल पेट्रोलिंग भी बहुत ज्यादा की। लेकिन, दीपावली रात एक थाने में जमकर आतिशबाजी हुई। इसकी वजह थी एक युवती। उसे कैफे के बाहर से उठाया गया था। उसकी मोपेड पर आगे नंबर लिखा ​था। लेकिन, पीछे कोई उसका उल्लेख नहीं था। उससे बातचीत की गई तो उसने मदहोशी के आलम में पुलिस को काफी खरीखोटी सुना दी। उसे थाने लाया गया तो मामला काबू में नहीं रहा। क्योंकि शरीर से हष्ट—पुष्ट उस युवती को काबू में करने के लिए थाने का महिला स्टाफ कम पड़ने लगा। इसलिए दूसरे थानों में तैनात महिला अधिकारियों को बुलाया गया। उसने सख्ती बरतने पर पहले एक चैनल के बड़े रिपोर्टर का नाम लेकर धमकाया। उसके बाद उसने प्रदेश के एक मंत्री का हवाला देकर सुबह तक वर्दी उतारने से लेकर नौकरी खाने तक की बातें कर डाली। कद—काठी में मजबूत युवती ने रातभर अपना असली पता बताने के नाम पर शहर के कई थानों में चक्कर भी लगवा दिए। फिर भी उसका असली पता नहीं मिल सका। बहरहाल कोई समाधान नहीं निकला तो उसके साथ ब्रह्म मूर्हूत में पुलिसिया उपहार मिला। इस मामले में उसकी करतूत आला अधिकारियों को बताने के बाद प्रतिबंधित धाराओं में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।

थाना प्रभारी ने हरीशचंद्र अभद्र गाली दी जो छात्र को दिल पर लगी

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राजधानी के एक कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र के साथ झपटमारी की वारदात हुई। इस घटना को आला अधिकारियों से थाना पुलिस ने छुपाया था। जबकि इस मामले के लिए पीड़ित ने ई—एफआईआर भी की थी। जिसे थाना पुलिस ने अपने ही स्टाइल में बिना दर्ज किए उसमें खात्मा लगा दिया। इसके बाद पीड़ित छात्र ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर दी। जिस कारण उसे थाने बुलाकर एक नरम अफसर के सामने गलती स्वीकारते हुए शिकायत वापस लेने के लिए काफी दांवपेंच चले गए। जब वह नहीं माना तो एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया गया। एफआईआर (MP Cop Gossip) में उसकी तरफ से यह लिखा जा रहा ​था कि वह थाने में देरी से आया। जिस पर वह अड़ गया। उसका कहना था कि वह थाने में तुरंत आया। लेकिन, थाना प्रभारी से मुलाकात करने के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर उसे तीन दिन चक्कर लगवाए गए। इसके बाद भी ई—एफआईआर को मनमर्जी से बंद कर दिया गया। इसलिए वह इस बात को लेकर राजी नहीं हुआ। इसके बाद छात्र को थाना प्रभारी के कैबिन में ले जाया गया। यहां उससे अभद्र गाली के साथ हरीशचंद्र बोलते हुए तीन स्टार वाले अफसर ने रौब दिखाया। वह भी अड़ा रहा तो मजबूरी में उसके अनुसार एफआईआर पुलिस को लिखना पड़ी। उसके हाथ से मोबाइल छीना गया था। यह वारदात उस वक्त हुई थी जब वह लिफ्ट लेकर एक वृद्ध के साथ मोपेड पर जा रहा था। वृद्ध उससे एक मंदिर का पता पूछ रहा था। उसी मंदिर की लोकेशन बताने के लिए छात्र ने मोबाइल निकाला था। तभी उससे झपटमारी की वारदात हुई थी। एफआईआर एक महीने बाद थाना पुलिस ने दर्ज की थी। जिस कारण किसी भी सीसीसीटीवी के फुटेज भी पुलिस को नहीं मिले थे। अब छात्र जिद पर है कि वह अपने स्तर पर आरोपी का पता लगाकर पुलिस थाना को एक्सपोज करेगा। वह यह पीड़ा तब मीडिया में प्रकाशित करने के लिए द क्राइम इंफो से मदद भी मांग रहा है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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