Polly House Corruption : बैंक और एजेंटों की मदद से चल रहा फर्जीवाड़ा

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Polly House Corruption
सांकेतिक तस्वीर

विधानसभा में कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने कृषि मंत्री से मांगा जवाब, विधानसभा अध्यक्ष ने अफसरों से एक महीने में जवाब देने का दिया आदेश

भोपाल। उद्यानिकी विभाग की मदद से खुले पॉली हाउस में (Polly House Corruption) भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने विधानसभा में कृषि मंत्री सचिन यादव से सवाल पूछा। हालांकि जवाब सीधा देने की बजाय घुमाकर दिया गया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने एक महीने में भौतिक रिपोर्ट के साथ विधानसभा को जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए।
जानकारी के अनुसार विधायक ने सवाल पूछा था कि 2008 से 2019 के बीच पॉली हाउस निर्माण की मंजूरी दी गई है। यदि दी गई है तो उसकी स्थिति के बारे में सवाल पूछे गए थे। सदन में विधायक का आरोप था कि यह सारी कवायद (Polly House Corruption) कागजों में की गई है। इसमें काफी अनियमितता करते हुए कागजों में इसे दिखाया गया है। जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि इस अवधि के दौरान 35 पॉली हाउस को मंजूरी दी गई। भौतिक सत्यापन कराने में इनमें से 19 अनुपयोगी और क्षतिग्रस्त पाए गए। आंकड़े वर्षवार प्रदान किए गए। जवाब से असंतुष्ट झूमा सोलंकी ने कहा कि एक पॉली हाउस में करीब 38 से 40 लाख रुपए लगते हैं। इसमें सरकार की तरफ से आधी सब्सिडी भी दी जाती है। उन्होंने अपने भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के बोरूठ गांव में खुले पॉली हाउस को लेकर सदन में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह 2017-18 में बना था। लेकिन, आज यह हट गया है। इससे साफ है कि अधिकारी, बैंकर्स और एजेंट ने किसानों को फायदा नहीं पहुंचा रहे। ऐसी योजना के कोई मायने नहीं रह जाते। मंत्री ने ऐसी कोई जानकारी होने पर उपलब्ध कराने पर जांच कराने का आश्वासन दिया। आखिरकार अपने ही दल के विधायक झूमा सोलंकी के प्रश्नों में घिरे कृषि मंत्री को जांच कराने की घोषणा करना पड़ी। इस घोषणा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी संबंधित विभाग के अफसरों को एक महीने में रिपोर्ट सदन में पेश करने के लिए कहा।

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