MP Cop Gossip: डीसीपी साहब बीट की नई व्यवस्था में अपना मुखबिर दूसरे को कोई मैदानी कर्मचारी कैसे साझा करेंगें, ऐसे में अपराध कंट्रोल नहीं बल्कि बेलगाम हो जाएगा, किरकिरी कराने के बाद भी नहीं सुधरे
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में बहुत कुछ भीतर ही भीतर चल रहा होता है। उसमें कुछ बातें सामने आ जाती है बहुत कुछ दबी रह जाती है। उन्हीं चर्चाओं का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। हमारा मकसद इनके जरिए किसी व्यवस्था को छोटा—बड़ा आंकना नहीं बल्कि उसके नैतिक सिद्धांतों को बरकरार रखने में योगदान करना है।
साहब के दरबार में दी जा रही दस्तक
प्रैक्टिकल की बजाय प्रायोगिक हो गया ढ़ांचा
एमपी—एमएलए क्वार्टर में किरकिरी
भोपाल शहर के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र स्थित रचना नगर के नजदीक एमपी—एमएलए के लिए बनीं कॉलोनी रचना टॉवर्स में लूट की सनसनीखेज वारदात हुई। इसकी सूचना पुलिस अफसरों के साथ—साथ मैदान में सक्रिय पत्रकारों तक भी पहुंच गई। अफसर मौके पर पत्रकारों की बजाय देरी से पहुंचे। जिसके बाद उनके फाख्ते उड़ गए। अफसर धक्कामुक्की करने लगे और वर्दी का पूरा रौब दिखाने का प्रयास किया गया। बात यहां भी नहीं थमी। सुबह देरी से किया गया काम देर रात तक देरी पर ही खत्म हुआ। क्योंकि इस मामले के आरोपियों को पकड़ने से संबंधित जानकारी रात दस बजे मीडिया को दी गई। अब सोचिए जो वारदात सुबह नौ बजे हुई थी उन आरोपियों की तस्वीर और गिरफ्तार पर इनाम की घोषणा करने में भी बारह घंटे लग गए। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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