Chitfund Scam: चिटफंड कंपनी की आड़ में भोपाल के कई ईलाकों में जमीन खरीदी

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Chitfund Scam: राजधानी के एक बड़े होटल कारोबारी का भाई पांच सौ करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में फंसा, ललितपुर जिले के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज

Chitfund Scam
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल/ललितपुर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े होटल कारोबारी के भाई का नाम चिटफंड कंपनी (Chitfund Scam) की आड़ में फर्जीवाड़ा करने में फंस गया है। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में स्थित कोतवाली थाने में प्रकरण भी दर्ज किया गया है। आरोपी के अलावा दूसरा पार्टनर भी भोपाल शहर के निशातपुरा थाना क्षेत्र में रहता है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस ने 25—25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया है। होटल कारोबारी के भाई पर आरोप है कि उसने चिटफंड कंपनी में निवेश कराने के नाम पर करीब 500 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया है।

एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया

ललितपुर (Llitpur) जिले के कोतवाली थाना पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरोपी आलोक जैन (lok Jin) पुत्र कैलाश चन्द्र जैन उम्र 43 साल निवासी कैलाश होटल (Kilsh Hotel) के पीछे थाना कोतवाली (Kotwli)  जनपद ललितपुर है। इसके अलावा दूसरा आरोपी रविशंकर तिवारी (Rvishnkr Tiwri) पुत्र तिलकराम तिवारी नि0 रामनगर (Rmnagar) थाना कोतवाली जनपद ललितपुर है। यह दोनों आरोपी मूलत: भोपाल शहर के निशातपुरा (Nishatpura) थाना क्षेत्र स्थित करोंद (Karond) इलाके में रहते हैं। ललितपुर एसपी मोहम्मद मुश्ताक (SP Mohammed Mushtaq) ने इस मामले में एक SIT का भी गठन किया है। जिसमें प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली रमेश चन्द्र (TI Ramesh Chandra) , अतिरिक्त निरीक्षक जनार्दन यादव थाना कोतवाली, निरीक्षक शावेज खान, साइबर क्राइम थाना, उनि गौतम पुनिया साइबर क्राइम थाना, आरक्षी पवन कुमार यादव साइबर क्राइम थाना को लगाया गया है। आरोपी आलोक जैन और रविशंकर तिवारी LUCC नाम की चिटफंड कम्पनी चलाते थे। पुलिस ने बताया कि इनके व इनके गैंग के विरूद्ध जनपद में कई अभियोग पंजीकृत हैं। कोतवाली थाना पुलिस ने इस मामले में प्रकरण 612/2024 धारा 111/318/61(2)/352/351(3) BNS और प्रकरण 647/24 धारा 111.318.336(3).340(2).352.351(3) बीएनएस  दर्ज किया है। पुलिस आलोक कुमार जैन को गिरफ्तार कर चुकी है।

यह है पूरा मामला जिसमें हुई है एफआईआर

इस मामले की थाने में शिकायत यशवंत सिंह (Yashwant Singh) पुत्र कैलाश सिंह उम्र 28 साल ने ​रिपोर्ट दर्ज कराई है। वह ललितपुर जिले के महरौनी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम सतलींगा में रहता है। यशवंत सिंह के अलावा धनीराम अहिरवार (Dhaniram Ahirwar) ने भी शिकायत दर्ज कराई थीी। उसकी शिकायत पर पुलिस ने पहले नीरज जैन (Neeraj Jain) और जगत सिंह उर्फ तन्सू (Jagat Aingh@Tansu) पुत्र पूरन सिंह राजपूत उम्र करीब 32 वर्ष निवासी ग्राम छिल्ला थाना महरौनी जिला ललितपुर को पकड़ा। उसने संगठित गिरोह बनाकर अपने आर्थिक लाभ के लिये LUCC नाम की एक चिटफंड की कम्पनी के माध्यम से धोखाधड़ी करने का खुलासा किया। यह मामला पुलिस के पास तब पहुंचा जब रूपया वापस मांगने पर टाल मटोल करते हुये गाली-गलौच करने और मारपीट करने पर थाने में शिकायत हुई। पुलिस को प्राथमिक पड़ताल में पता चला है कि यह गिरोह (Chitfund Scam) उन किसानों को टारगेट करता था जिनकी जमीन किसी योजना के तहत सीज होने जा रही है। ऐसे किसानों को सरकार काफी मुआवजा देती है। वह रकम लेकर कंपनी में निवेश करने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।

यह बोलकर करते थे शिकायत

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कोतवाली (Kotwali) पुलिस को पूछताछ में आलोक जैन उर्फ आलोक कुमार जैन पुत्र कैलाश चन्द्र जैन उम्र 43 साल ने बताया कि वह अभी जैन नगर लाल घाटी निर्मल इक्लेव (Nirmal Enclave) थाना कोहेफिजा (Kohefiza) भोपाल शहर में रहता है। वह ललितपुर मे खोका रखकर पुराने बारदाना को क्रय करने उसकी मरम्मत करते हुये बाजार मे बिक्री का काम करता था। उसने पहले एडवान्टेज नामक कम्पनी, हालीडे पैकेज नेटवर्किंग, फिर पैरा बैकिंग आप्सन नाम की कंपनी में काम किया। वहां कई लोगों का रूपया लगवाया। जिसमें उसे भारी कमीशन मिलने लगा। इसके बाद 2016 में समीर अग्रवाल (Sameer Agrawal) , रवि तिवारी (Ravi Tiwari) और गिरोह के कुछ अन्य सहयोगियों ने मिलकर LUCC नाम की चिटफण्ड कम्पनी बनाई। आरोपियों ने गुडलक काम्पलेक्स (Goodluck Complex) तुवन मंदिर के पास ललितपुर में कार्यालय भी खोला। यूपी के अलावा 30 अन्य जिलों जिसमें एमपी भी शामिल था वहां उसके दफ्तर खोले गए। समीर अग्रवाल विभिन्न योजना से सम्बन्धित बुकलेट, पम्पलेट उपलब्ध कराता था और हम लोग इन बुकलेटो व पम्पलेटों को अपने सहयोगियो को देते हुये व्यापक प्रचार प्रसार करने और अधिक से अधिक धन निवेश कराने पर मोटा कमीशन मिलने का आश्वासन देकर काफी कार्यशाला बडे—बडे होटलों, गाडियों से एक्टरों को बुलाकर प्रचार प्रसार कराते थे। कंपनी में RD, FD, MIS के जरिये लोगो से रूपया कैश में जमा कराते थे। आरोपी ऐसे लोगों को टारगेट करते थे जिन्हे डूब क्षेत्र से मुआवजा का रूपया मिला हो। कम्पनी लोगों को रूपया तेल के कुओं को खरीदने, जमीन खरीदने, विज्ञापन कम्पनी, गोल्ड माइन्स में लगाने का झांसा देता थे।

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पिपलानी थाने में भी पहुंची थी शिकायत

कम्पनी का नाम और कार्यालय आरोपी लगातार बदल रहे थे। ताकि वह पकड़े न जाये। रकम हवाला के माध्यम से कैश (Chitfund Scam) को समीर अग्रवाल के कहने पर अलग-अलग जगहों पर भिजवाया जाता था। कंपनी ने करीब लगभग 18000 लोगों को जोडा था। इन लोगों से लगभग 500 करोड़ रूपया का इन्वेस्टमेन्ट लालच देकर करवाया गया है। आरोपी आलोक कुमार जैन को हर महीने लगभग 8 से 10 लाख रूपये का कमीशन मिलता था। आरोपियों के कब्जे से नकदी, सिम मोबाइल समेत कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस की टीम आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि रवि तिवारी के पिता तिलकराम (Tilakram ) के नाम से निशातपुरा थाना क्षेत्र में लग्जरी होटल भी चलता है। इससे पहले गिरोह के संबंध में पिपलानी थाना पुलिस को भी शिकायत हुई थी। लेकिन, उस वक्त मामला पुलिस की फाइल में ही दबा रह गया। उस वक्त थाने में चैन सिंह रघुवंशी (Chain Singh Raghuvanshi)  प्रभारी हुआ करते थे। अब ताजा प्रकरण और धड़ाधड़ हुई तीन गिरफ्तारी के बाद मामले में जान आ गई है। ललितपुर की एक टीम भोपाल के निशातपुरा स्थित तिलकराम होटल (Tilakram Hotel) में भी दबिश दे चुकी है। हालांकि अभी तक फरार आरोपी रवि तिवारी पुलिस को नहीं मिला है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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