भाजपा विधायक ने दबाव में मामला दर्ज करने का लगाया आरोप तो गृहमंत्री ने पुलिस अफसरों का किया बचाव
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Assembly Proceeding) में देवास के खातेगांव से भाजपा विधायक आशीष गोविंद शर्मा ने ध्यान आकर्षण प्रस्ताव लगाया। यह देवास के कन्नोद थाने में दर्ज आबकारी से जुड़ा था। विधायक का दावा था कि यह पूरा मामला फर्जी बनाया गया ताकि आरोपी को जमानत न मिल सके। हालांकि गृहमंत्री बाला बच्चन ने बचाव में सारे आरोपों को खारिज करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को दी।
जानकारी के अनुसार विधानसभा (Assembly Proceeding) में गुरुवार को यह ध्यानाकर्षण आशीष गोविंद शर्मा की तरफ से लगाया गया। सदन में विधायक ने बताया कि मामला 14 मई, 2019 का है। इसमें आरोपी राजेन्द्र पिता मूरत सिंह सोलंकी पर 65 लीटर अवैध शराब का बनाया गया। उसी दिन एक अन्य घटना जिसमें उसने एक व्यक्ति से मारपीट की थी। इस मामले में उसकी उसी दिन थाने में गिरफ्तारी शाम छह बजे हो गई थी। पुलिस ने आरोपी का जुलूस भी निकाला था। अदालत पहुंचने पर उसके खिलाफ दर्ज आबकारी के झूठे मुकदमे की जानकारी मिली।
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इसके जवाब में (Assembly Proceeding) गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि संजय शर्मा ने इसकी शिकायत की थी। आरोपी 10 हजार रुपए महीना हफ्ता मांग रहा था। यह मामला कन्नोद थाने में शाम 7 बजे दर्ज किया गया था। जबकि उसे अवैध शराब के साथ रात 11 बजे गिरफ्तार किया गया। सीसीटीवी में रिकॉर्ड उपलब्ध न होने का कहते हुए गृहमंत्री ने थाना पुलिस का बचाव किया। हालांकि आशीष गोविंद शर्मा ने अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मैं गृहमंत्री के (Assembly Proceeding) बयानों से संतुष्ट नहीं हूं। इस संबंध में उनके पास स्वतंत्र साक्षी है। विधायक ने कहा कि जब उस पर दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ तब वह पुलिस लॉकअप में था। यह नागरिकों अधिकारों का हनन बताते हुए विधायक ने सदन में मांग रखी कि मामले की देवास पुलिस की बजाय दूसरे थाना पुलिस से निष्पक्ष जांच कराई जाए। इसके लिए थाना प्रभारी को वहां से हटाया जाए।
विधायक के समर्थन (Assembly Proceeding) में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी समर्थन करते हुए पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अफसर से मामले की जांच कराने की मांग रखी। हालांकि गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाद भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने भी समर्थन करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाए। इस मामले में कमल पटेल ने भी अपनी तरफ से बात रखी जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई से विलोपित किया।