Banking Fraud News: भारतीय स्टेट बैंक की नीतियों को नजर अंदाज करके आंध्रा बैंक ने कर दिया था सात साल पहले तीन लाख रुपए का भुगतान, दिल्ली की अदालत ने आदेश दिया तब दर्ज हुआ मुकदमा, चेक क्लोन करके वारदात को दिया गया अंजाम
भोपाल। जाली चेक का भुगतान करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना भोपाल ( Banking Fraud News) शहर के टीटी नगर थाना क्षेत्र की है। चेक तीन लाख रुपए का था जो आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी की तरफ से बैंक आफ भूटान को जारी किया था। इस चेक का भुगतान आंध्रा बैंक ने कर दिया था। इसी बात को लेकर आंध्रा बैंक और भारतीय स्टेट बैंक एक—दूसरे पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे थे। जिस कारण यह मामला दिल्ली में स्थित पटियाला मेट्रो पॉलिटिन कोर्ट में पहुंचा। अदालत ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए थे। जांच में पता चला कि घटना भोपाल शहर में हुई हैं तो केस डायरी यहां भेज दी गई।
एफआईआर पूरी तरह से अंग्रेजी में इसलिए थाना पुलिस नहीं दे सकी जानकारी
टीटी नगर (TT Nagar) थाना पुलिस के अनुसार 28 जून की शाम लगभग पौने पांच बजे 293/24 धारा 420/467/468/471 का प्रकरण दर्ज किया गया है। यह प्रकरण आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी (Adivasi Lok Kala and Boli Vikas Academy) के निदेशक के खाते में जारी चेक के भुगतान का है। यह चेक से 25 अगस्त, 2017 को भुगतान किया गया। यह चेक आंध्रा बैंक (Andhra Bank ) में खोले गए खाते से किया गया। खाता विकास कुमार (Vikas Kumar) के नाम पर था। भुगतान के बाद जब भारतीय स्टेट बैंक (State bank Of India) ने आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी से संपर्क किया तो बताया गया कि चेक तो विकास कुमार के नाम पर जारी नहीं किया गया। यह चेक तो बैंक आफ भूटान (Bank Of Bhutan) में ट्रांजेक्शन के लिए गया हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक को चेक क्लोन करने का पता चलने पर गलती का अहसास हुआ। उसने आंध्रा बैंक से भी पत्राचार किया। लेकिन, उसने अपनी गलती नहीं मानी तो भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से एक परिवाद दिल्ली मेट्रोपॉलिटिन कोर्ट में याचिका लगा दी गई। यह याचिका इसलिए लगाई क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत पर दिल्ली (Delhi) पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। जब कोर्ट ने फटकारा तो दिल्ली पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरा मामला अंग्रेजी में लिखकर भोपाल डीसीपी जोन—1 कार्यालय में आया था। यहां से उसे टीटी नगर थाने को भेज दिया गया।
कोर्ट ने इस कारण इन्हें बनाया है आरोपी
टीटी नगर पुलिस ने आंध्रा बैंक सर्विस ब्रांच के अलावा विकास कुमार को आरोपी बनाया है। दरअसल, इस ब्रांच ने विकास कुमार का खाता खोलते वक्त केवायसी (Banking Fraud News) समेत अन्य बिंदुओं को नजर अंदाज किया था। इसलिए भारतीय स्टेट बैंक को लगता है कि बैंक के किसी कर्मचारी की इस साजिश में मिलीभगत हैं। जिस खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ वह नई दिल्ली के करोल बाग स्थित जेएस प्लॉजा में हैं। हालांकि बैंक के पास आरोपी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं हैं। इसलिए भारतीय स्टेट बैंक ने कोर्ट को चेक ट्राजेंक्शन सिस्टम जो कि 1955 एक्ट के अनुसार काम करता है उसके उल्लंघन को आधार मानकर याचिका लगाई गई थी। इस मामले की शिकायत आरके मलिक (RK Malik) ने की है। वे भारतीय स्टेट बैंक में चीफ मैनेजर होने के साथ—साथ चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम के प्रभारी थे। टीटी नगर थाने में मामले की जांच सब इंस्पेक्टर मुकेश जाटव (SI Mukesh Jatav) को सौंपी गई है। पुलिस इस मामले में आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के निदेशक से पत्राचार करेगी। इसके अलावा आंध्रा बैंक को भी नोटिस देकर उनसे पक्ष लिया जाएगा।
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