Bhopal News: राजनीतिक पार्टी का इतना भय कि एफआईआर में उसका नाम नहीं, इतना ही नहीं दो थानों की पुलिस से जब सवाल पूछा तो नाम भी नहीं ले पाई
भोपाल। पुलिस और प्रशासन के काम में राजनीतिक दखल कितना ज्यादा होता है यह उसका जीता जागता उदाहरण है। यह मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के ऐशबाग थाना क्षेत्र का है। घटना भोपाल में तीसरे चरण में हुए मतदान वाले दिन यानि 7 अप्रैल को हुई थी। जिसकी एफआईआर करने में पुलिस को दस दिन बीत गए। इससे पहले यह मामला पुलिस की जांच रिपोर्ट की नस्ती बनकर दबा हुआ था। प्रकरण आचार संहिता के दौरान उसके उल्लंघन का है। इसमें यह साफ हो गया है कि राजनीतिक दखल से पुलिस और प्रशासन को कितना भय है। क्योंकि एफआईआर में उस पार्टी का कोई हवाला ही नहीं दिया गया। इतना ही नहीं सवाल पूछने के लिए जब दो थानों में फोन लगाया तो कोई पार्टी का नाम बोलने के लिए राजी नहीं था।
यह है वह घटनाक्रम जिसमें उसी दिन दर्ज होनी थी एफआईआर
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