MP Cop Gossip: चार दशक बाद मिला फरार अभियुक्त 

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MP Cop Gossip: यदि थाना प्रभारी की वीडियो वायरल हुई तो उनका नपना तय है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ विधायक के साथ उस जालसाज के साथ मंच साझा कर रहे हैं जो उन्हीं के थाने में फरार आरोपी भी है

MP Cop Gossip
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा है। उसके भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। कुछ बातें मीडिया में आ जाती है तो कुछ रह जाती है। ऐसे ही बातों का हमारा नियमित साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसमें हमारा मकसद किसी विभाग, व्यक्ति अथवा संस्था को ठेस पहुंचाना नहीं हैं। इसी कारण हरसंभव कोशिश की जाती है कि नाम उजागर न किया जाए। हालांकि जो बातें प्रकाश में आती है उन्हें हम नाम के साथ भी बताते हैं। कुछ ऐसे ही किस्सों के साथ इस बार आपके लिए गुदगुदाने वाली कहानियां।

राजनीतिक खींचतान में टीआई बन गए पार्टी

बैतूल लोकसभा चुनाव में पारा बहुत ज्यादा चढ़ा हुआ है। ऐसे में वहां के कोतवाली थाने में तैनात प्रभारी कांग्रेस के निशाने पर आ गए। लोकसभा प्रत्याशी ने ब​कायदा निर्वाचन अधिकारी से शिकायत भी की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि थाना प्रभारी विधानसभा के वक्त भी भाजपा दल के लिए काम कर रहे थे।

रिश्वत लेते एएसआई दबोचे

पन्ना जिले के देवेंद्र नगर थाने में तैनात एएसआई चंद्रशेखर पांडे सागर लोकायुक्त में रिश्वत लेते हुए दबोचे गए। वे छह हजार रुपए की रिश्वत ले रहे थे। ऐसा वह इसलिए कर रहे थे ताकि सही समय पर मुकदमों का चालान पेश कर सके। वे बकायदा इस मामले की शिकायत करने वाले पीड़ित इंद्रपाल पटेल के घर पर पहुंचे थे।

जांच अ​फसर को तलाशना चुनौती

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

लोकसभा चुनाव चल रहे है, इसलिए जगह—जगह पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। ऐसा करते वक्त खंडवा जिले के पिपलोद थाने में 43 साल पुराना मामला (MP Cop Gossip) संज्ञान में आ गया। यहां 1981 में एक प्रकरण दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपी प्रहलाद चौकसे फरार चल रहे थे। अब उन्हें पुलिस ने इंदौर जिले से गिरफ्तार किया है। उनकी उम्र फिलहाल 73 साल हो चली है। यह प्रकरण पुलिस विभाग में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे ही सैंकड़ों प्रकरण पुलिस रिकॉर्ड में फाइलों के नीचे दबे हुए हैं।

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पीएम नहीं कराया, अफसर हो गए राजी

यदि यह वाक्या आम आदमी के साथ हुआ होता तो उसे कई कानून गिना दिए जाते। मामला पुलिस मुख्यालय से जुड़ा था। इसलिए सभी ने चुप्पी साध ली। दरअसल, यहां टेनिस कोर्ट में 23वीं बटालियन में तैनात आरक्षक उमाकांत राय की 50 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। उस वक्त वहां कई अधिकारी टेनिस खेल रहे थे। उन्हें निजी अस्पताल भी ले जाया गया। लेकिन, किसी तरह का मर्ग कायम नहीं किया गया। शव परिजनों को सौंप दिया गया।

थाना प्रभारी अलर्ट मोड़ में आ गए

शहर के एक थाना प्रभारी का वीडियो इन दिनों सुर्खियों में है। वे एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक विधायक के साथ हैं। वहां पर जालसाजी के मामले में फरार एक आरोपी था। वह पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहा था। यह वीडियो वायरल हुआ तो राजनीतिक भूचाल आना तय है। क्योंकि लोकसभा चुनाव है और जो मंच पर है वह काफी कड़वे बोल के चलते विपक्षी पार्टी के निशाने पर रहते हैं। मामला जमीन की खरीदी—बिक्री से हुई गड़बड़ी का है। जिसमें प्रकरण दर्ज होने के बाद मीडिया रिपोर्टिंग पहले भी नहीं हुई थी।

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