MP Political Gossip: पार्षद अपने जन्मदिन पर मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री समेत कई नेताओं को भूलकर विधायक को दिया अपना साफ संदेश, सपा प्रत्याशी पर राजनीतिक कोप का पहला वज्रपात
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। पूरे प्रदेश में एक महीने बाद पार्टी प्रत्याशियों (MP Political Gossip) के बीच घमासान शुरू हो जाएगा। सत्ता विरोधी लहर को थामने पार्टी कार्यकर्ता लामबंद हैं। इसके अलावा संगठन अपने स्तर पर अलग प्रयास कर रहा है। लेकिन, उम्मीदवार अपना गणित बिलकुल ही अलग बैठा रहा है। इस कवायद में सिस्टम के शॉक से लेकर कई प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
विधायक के इशारों पर आबकारी की कार्रवाई
पिछले दिनों एक विधायक के कहने पर पुलिस ने सरकारी चाबुक चलाया। क्योंकि नेताजी को वह व्यक्ति अभी से सिरदर्द बनने लगा था। क्योंकि टिकट तय होना है और ऐसे में वे अपने राजनीतिक दुश्मनों को चुन—चुनकर निपटा रहे हैं। इसी कवायद में नेताजी ने प्रयास किया तो विरोधी महकमा भी सक्रिय हो गया। इतनी बुरी छिछालेदार नेताजी की कभी नहीं हुई। दरअसल, उनके बुने जाल में नेताजी खुद फंस गए और अपने सरकारी चमचों की मदद से सुलगती चिंगारी में रेत पटकने लगे। बहरहाल यह सारी कवायद सरकारी रिकॉर्ड में आ चुकी है। जिसका चुनाव के ऐन मौके पर वायरल होना और मीडिया में मय सबूत के साथ आना तय हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी की बन रही सूची
एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता इन दिनों पार्टी—संगठन के अलावा अपने स्तर पर गजब की रणनीति बना रहे हैं। यह नेता महोदय अपने क्षेत्र के मतदाता सूची को लेकर कई बार विवादों में आ चुके हैं। उनके ही नेतृत्व में अब एक गुप्त सूची बनाई जा रही है। यह सूची उन प्रतिभाशाली लोगों की है जो अपने समाज और कार्य क्षेत्र में वर्चस्व रखते हैं। इनका इस्तेमाल नेता महोदय (MP Political Gossip) उस जगह प्रयोग करेंगे जहां उनकी बिछाई बिसात पिटती नजर आएगी। मतलब यदि प्रतिद्वंदी कड़क निकला तो उस क्षेत्र के वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए इस मंत्र का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसा करने के लिए एक विशेष फंड का नियोजन कर दिया गया है। जिसका ठेका एक विशेष व्यक्ति को दिया गया हैं।
विधायक के लिए पार्षद ने दिया संदेश
इन दिनों एक पार्टी में जमकर विकेट गिर रहे हैं। यह आसमानी तूफानी नहीं हैं। क्योंकि कई जगहों से फीडबैक यह मिल रहा है कि जनता के बीच नेता नहीं चिन्ह को लेकर ही जमकर नाराजगी हैं। ऐसे में यदि दांव लगाया तो कई लोगों का राजनीतिक कैरियर ही खत्म हो जाएगा। ऐसे ही एक विधायक महोदय के पाला बदलने के संकेत कई महीनों से उनके आस—पास सक्रिय कार्यकर्ता दे रहे हैं। ऐसे ही एक उनके कट्टर समर्थक पार्षद ने अपना दो दिन पहले जन्मदिन मनाया। इसके लिए उन्होंने अपने पूरे वार्ड में जगह—जगह बिजली के पोल से लेकर पेड़ों पर होर्डिंग बोर्ड टांग दिए। लेकिन, उसमें क्षेत्रीय विधायक, जिला और प्रदेश नेताओं की तस्वीर के अलावा बाकी किसी भी बड़े व्यक्ति का चेहरा प्रिंट ही नहीं किया गया। इसको लेकर पार्टी के भीतर कानाफूसी चल रही है कि पार्षद किसको मनाने में जुटे हैं।
एक देश एक चुनाव पर यदि काम हुआ तो राजनीतिक दल इंडिया गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। क्योंकि कई राज्यों में स्थानीय समीकरण में क्षेत्रीय दलों का प्रभुत्व हैं। जबकि केंद्रीय स्तर पर इसके उलट है। ऐसे ही पांच प्रदेशों के चुनाव में यह हुआ तो मुश्किल किसके लिए खड़ी होगी। बहरहाल एक पार्टी (MP Political Gossip) के प्रत्याशी बनाए गए उम्मीदवार के रिश्तेदारों पर सरकारी सिस्टम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया हैं। अब आप समझ ही गए होंगे कि यह किसके इशारों पर और किसलिए किया जा रहा है। इस कहर बरपाने की खबर कुछ मैन स्ट्रीम मीडिया में आई जरूर थी लेकिन, ऐसी जगह लगाई गई थी जहां जाकर पाठक को पढ़ने में थोड़ी मेहनत करना पड़ती है।
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