Bhopal News: यदि आप कमजोर दिल के हैं तो वह चीज नहीं देखना चाहिए जिससे आप डरते हैं, ऐसी ही एक घटना देखने के बाद सदमे में आकर दे दी अपनी जान, समाज उसे भूत—प्रेत बताकर भ्रम फैला रहा
भोपाल। मनोविज्ञान को समझना बहुत मुश्किल है। यह वैसा ही होता है जैसे हर व्यक्ति के हाथों में लकीरें होती है। सभी व्यक्ति का मनोदशा अलग—अलग होती है। उसके अनुकुल हमें अनुशासन में रहना चाहिए। यह बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भोपाल (Bhopal News) शहर के शाहपुरा इलाके में ऐसी ही एक असामान्य घटना हुई है। पुलिस मामला खुदकुशी का मान रही है। जबकि यह विषय बकायदा अध्ययन का विषय है।
पुलिस तक ऐसे पहुंची थी पूरी बात
शाहपुरा (Shahpura) थाना पुलिस के अनुसार 24 अप्रैल की रात लगभग साढ़े नौ बजे थाने में राकेश सक्सेना ने अपने भाई की मौत की सूचना दी थी। जिस पर शाहपुरा पुलिस मर्ग 13/23 दर्ज कर मामले की जांच करने पहुंची। ममाले की जांच मुंशीराम धाकड़ (Munshiram Dhakad) कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शव कि पहचान दीपक सक्सेना (Deepak Saxena) पिता नारायण प्रसाद सक्सेना उम्र 41 साल के रूप में हुई। वह इंद्रा नगर (Indra Nagar) मल्टी शाहपुरा में रहता था। टीला जमालपुरा निवासी राकेश सक्सेना (Rakesh Saxena) मृतक का छोटा भाई है। उसने बताया कि मृतक शराब पीने का आदी था। जिस दिन फांसी लगाई उस दिन भी वह 1500 रूपए मांग रहा था। राकेश सक्सेना न्यू मार्केट में स्थित डीपी ज्वैलर्स (DP Jwellers) शोरूम में नौकरी करता है। उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए मना कर दिया।
यह है वह कहानी जिसको सुनकर पुलिस भी हैरान
राकेश सक्सेना ने बताया कि दीपक सक्सेना यहां वह अकेला इंद्रा नगर में रहता था। वह कोरियर कंपनी में काम भी करता था। दीपक सक्सेना के दो बच्चे, पत्नी भी है। वह जहां रहता था वहां कुछ दिन पहले एक महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी (Bhopal News) की थी। उसने उसको फांसी के फंदे पर लटके हुए देखा था। तभी से वह कहता था कि वह उसको बुला रही है। जब 24 अप्रैल को दिनभर जब घर से वह बाहर नहीं निकला तो लोगों ने खिड़की से उसे झांककर देखा था। वह फांसी पर लटका हुआ था। जिसकी सूचना उसके भाई को दी थी। उसे फंदे से उतारकर भोपाल केयर अस्पताल (Care Hospital) ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जनहित में संदेश: अकेलापन, मायूसी, नशा करना मानसिक अवसाद के लक्षण है। यदि इस तरह के संकेत मिलते हैं तो तुरंत 18005990019 पर संपर्क करें। यहां चौबीस घंटे मनोचिकित्सक निशुल्क परामर्श देते हैं।
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