Bhopal Property Fraud: पेट्रोल पंप के मालिक पर जालसाजी का केस

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Bhopal Property Fraud: सात करोड़ की जमीन 20 लाख रूपए में भूमाफिया ने बेची, तीन भाईयों और माँ की जमीन को हथियाने की साजिश बेनकाब

Bhopal Property Fraud
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। करोड़ों रूपए की बेशकीमती जमीन का सौदा 20 लाख रूपए में कर दिया गया। जमीन का मालिकाना हक तीन भाईयों और माँ के बीच होना था। जिसकी जानकारी मुख्य जालसाज को थी। इससे पहले मुख्य जालसाज फर्जी पॉवर आफ अटॉर्नी के जरिए फर्जीवाड़ा कर चुका था। वह जिन बेटों—मां के बीच बंटवारा होना था उनके मुखिया की मौत का इंतजार कर रहा था। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र की है। जमीन बरखेड़ा पठानी इलाके की है। इस मामले का मुख्य आरोपी अवधपुरी में ही पेट्रोल पंप का मालिक भी है।

यह है पूरा मामला

गोविंदपुरा थाना पुलिस के अनुसार 11 जनवरी की दोपहर करीब पौने एक बजे 14/23 धारा 420/467/468/471/34 (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल और एक से अधिक आरोपी का मामला) दर्ज किया गया है। इस घटना की शुरूआत मार्च, 2014 से हुई थी। शिकायत मुन्नी बाई (Munni Bai) पत्नी दौलतराम की तरफ से डीसीपी जोन—2 को की गई थी। पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में आरोपी विजय श्रीवास्तव, अमित सक्सेना, संदीप सोनी और अन्य को बनाया है। यह मामले दर्ज करने से पूर्व 190 पेज की जांच रिपोर्ट बनाई गई। जिसके आधार पर यह प्रकरण दर्ज किया गया। विजय श्रीवास्तव (Vijay Shrivastav) कुख्यात भूमाफिया है। उसके खिलाफ कई मुकदमे विचाराधीन भी है। यह प्रकरण तहसील, राजस्व, नगर निगम के अलावा जिला अदालत में चल रहे हैं। बताया जाता है कि विजय श्रीवास्तव पेट्रोल पंप का भी संचालन करता है। यह पूरा मामला बरखेड़ा पठानी में स्थित करीब छह एकड़ जमीन के फर्जी तरीके से मालिक बनने से जुड़ा है।

ऐसे किया गया था फर्जीवाड़ा

पुलिस को जांच में पता चला कि दौलतराम मीना (Daulatram Meena) बनकर यह फर्जीवाड़ा 2014 के पूर्व किया गया था। जिसकी जानकारी दौलतराम मीना की पत्नी मुन्नी बाई मीना, बेटे हेमराज मीना (Hemraj Meena) , हरिकृष्ण मीना (Harikrishna Meena) और घनश्याम मीना (Ghanshyam Meena) को भी नहीं थी। जमीन को हथियाने के लिए विजय श्रीवास्तव ने फर्जी मुख्तारनामा मार्च, 2014 में बनाया था। यह चिनार ड्रीम सिटी निवासी शैलेन्द्र के नाम से बना। दौलतराम मीना की जगह दूसरे को खड़ा किया गया। जिसमें मनीषा मार्केट निवासी रणधीर और सी—सेक्टर बरखेड़ा निवासी अशफाक आलम (Ashfaq AAlam) ने गवाही दी थी। लेकिन, दौलतराम की तस्वीर जमीन से नहीं बदली थी। इस कारण दस दिन बाद फिर कूटरचित दस्तावेज बनाए गए। दूसरा मुख्तारनामा बनाया गया। लेकिन, इसमें अशफाक आलम के साथ दूसरा गवाह स्प्रिंग वैली निवासी पुनीत शर्मा (Punit Sharma) को बनाया गया। कुछ समय बाद मार्च, 2015 में विजय श्रीवास्तव ने शैलेन्द्र के फर्जी पॉवर आफ अटॉर्नी से साढ़ू भाई ऋ​षिपुरम फेज—1 निवासी अमित कुमार सक्सेना (Amit Kumar Saxena) के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई। यह भूमि 20 लाख रूपए में खरीदना बताया गया।

तहसील कार्यालय में हो गई थी हार

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गोविंदपुरा थाना, जिला भोपाल— फाइल फोटो।

जांच में पता चला कि जनवरी, 2018 में वास्तविक जमीन मालिक दौलतराम मीना की मौत हो गई। तब विजय श्रीवास्तव ने जमीन को अपनी होने का दावा पेश किया था। वह जमीन खाली नहीं करने पर धमकाने लगा। इस कारण पीड़ित परिवार ने तहसीलदार के समक्ष मुन्नी बाई मीणा ने फौती नामांतरण के लिए आवेदन किया। उस वक्त विजय श्रीवास्तव ने भी आवेदन पेश करते हुए बताया था कि साढ़ू भाई अमित कुमार सक्सेना की मौत हो गई है। जिसके बाद वह साली आरती सक्सेना (Arti Saxena) के नाम जमीन (Bhopal Property Fraud) करना चाहता है। उस वक्त अमित कुमार सक्सेना के नाम रजिस्ट्री पेश की गई थी। लेकिन, उसमें स्टांप ड्यूटी चोरी का मामला सामने आया। जिसके बाद राजस्व वसूली का मामला दर्ज कर कुर्की वारंट जारी हुआ। इस कारण आरती सक्सेना के आवेदन को तहसील कार्यालय ने निरस्त कर दिया था।

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टीआई को करा चुका है ट्रैप

इसके बाद आरोपी विजय श्रीवास्तव अपने साथियों की मदद से जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगा। जिसकी शिकायत एसडीएम कार्यालय में नवंबर, 2020 में हुई थी। पुलिस को जांच में पता चला है कि शैलेन्द्र (Shailendra) फर्जी दौलतराम मीणा बना था। जमीन हथियाने के लिए फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे। इन हस्ताक्षरों की जांच में वे फर्जी पाए गए। फर्जी ऋण पुस्तिका, परिचय पत्र समेत अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की गई। जांच के दौरान विजय श्रीवास्तव की जानकारी जुटाई गई। विजय श्रीवास्तव के खिलाफ पूर्व में कई प्रकरण दर्ज है। वह फिलहाल कवि नाम से पेट्रोल पंप (Kavi Petrol Pump) का संचालन कर रहा है। विजय श्रीवास्तव एक दशक पूर्व पिपलानी थाने के तत्कालीन प्रभारी को ट्रैप करा चुका है।

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