Nepali Jansampark Samiti: नेपाली जनसंपर्क समिति के भवन का जीर्णोद्वार कार्यक्रम संपन्न

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Nepali Jansampark Samiti: सामाजिक कार्यकर्ता और नेता कभी बुजुर्ग नहीं होता, भारत के सात प्रदेशों में मुख्यालय के बाद एकमात्र समिति का भवन

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वीपी कोईराला और महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए समिति के पदाधिकारी।

भोपाल। भारत—नेपाल के बीच मित्रता की बुनियाद बहुत पुरानी है। इसका श्रेय भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेपाल में बीपी कोईराजा को जाता है। यह विचार नेपाली जनसंपर्क समिति (Nepali Jansampark Samiti) के क्षेत्रीय अध्यक्ष लोकमणि घिमिरे (Lokmani Ghimire) ने व्यक्त किए। वे समिति के भवन के जीर्णोद्वार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम शनिवार दोपहर गोविंदपुरा स्थित गौतम नगर में आयोजित किया गया था। इस दौरान भारी संख्यामें महिलाओं और समिति के सक्रिय कार्यकर्ता मौजूद थे।

समिति ने कमी को पूरा किया

नेपाली जनसंपर्क समिति में केंद्रीय महामंत्री जगन्नाथ पौडेल (Jagannath Paudel) ने संबोधित करते हुए कहा वीपी कोईराला ने कहा था कि कभी भी सामाजिक कार्यकर्ता और नेता बुजुर्ग नहीं होता है। अब संगठन को युवा नेतृत्व की आवश्यकता है। यह तलाश नेपाल में कांग्रेस पार्टी भी कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि नेपाली जनसंपर्क समिति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डोलराज गैरे (Dolraj Gaire) ने कहा कि रोजगार की तलाश में नेपाल से भारत आए नागरिकों को जीवन में समय निकालकर समाज सेवा में भी योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर वयोवृद्ध दिवाकर अर्याल (Diwakar Aryal) ने कहा कि भोपाल में एक जमाने में नेपाली नागरिकों के अंतिम संस्कार के लिए भी लोग जुटाने में काफी मशक्कत हुआ करती थी। अब सामाजिक संगठन के रूप में नेपाली जनसंपर्क समिति ने उस कमी को पूरा किया है। दामोदर बेलबासे (Damodar Belbase) ने कहा कि नेपाली जनसंपर्क समिति का एकमात्र ध्येय यह है कि वह प्रवास में आकर संकट में फंसे लोगों की मदद करें। कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवराज अर्याल (Yuvraj Aryal) ने बताया कि नेपाली जनसंपर्क समिति का मुख्यालय मुंबई में है। जिसकी आधारशिला नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी कोईराला (VP Koirala) ने रखी थी। भारत में लगभग सात प्रांतों में इसकी क्षेत्रीय इकाई है। लेकिन, एकमात्र समिति की मध्य भारत क्षेत्र ने भवन बनाया और उसको सुंदर स्वरूप में ला दिया।

नेजस दो गुटों में बंटा

कार्यक्रम के दौरान पूर्व के सक्रिय सदस्यों की कमी दिखाई दी। हालांकि मौजूदा पदाधिकारियों ने खुलकर कुछ नहीं बोला। लेकिन, इशारों ही इशारों में बोलते हुए लोकमणि घिमिरे, जगन्नाथ पौडेल, डोलराज गैरे ने काफी चुटकी ली। सभी वक्ताओं ने कहा कि जो साथी गए हैं वह वापस लौट आएंगे। किसी व्यक्ति के रहने अथवा नहीं रहने से फर्क नहीं होता। लेकिन, समिति (Nepali Jansampark Samiti) का अस्तित्व बना रहता है। समिति के कार्यालय में वह झलक देखने को भी मिली। इसमें कुछ चेहरे ऐसे हैं जो दूसरी समिति में चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि किसी वक्त में डोलराज भंडारी (Dolraj Bhandari) नेपाली जनसंपर्क समिति के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने कुछ महीनों पहले ही नेपाली जनकल्याण समिति (Nepali Jankalyan Samiti) नाम से नई संस्था बना ली है। जिसमें कई नेपाली जनसंपर्क समिति के सदस्य उसमें शामिल हो गए हैं।

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