Bollywood News: टीवी और बॉलीवुड जगत का ‘रियल पंजाबी’ ने ली मुंबई में अंतिम सांस
मुंबई। बॉलीवुड और टीवी जगत के चर्चित अभिनेता अरूण बाली का निधन हो गया। वे बीमारी से परेशान चल रहे थे। निधन का समाचार मिलने के बाद बॉलीवुड और टीवी जगत के कलाकारों (Bollywood News) में मायूसी छा गई। दरअसल, एक महीने के भीतर में अदाकारी के क्षेत्र से जुड़े दो कलाकारों राजू श्रीवास्तव के बाद अरूण बाली के निधन ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। अरूण बाली मियासथीनिया ग्रेविस नाम की बीमारी से पीड़ित थे। यह जानकारी उनकी बेटी ने मीडिया को दी है। अब नीचे इस विषय पर भी बात करेंगे। लेकिन, बाली के अभिनय को याद करना हो तो फिल्म पीके का वह सीन जिसमें वह आमिर खान से अपनी पत्नी की मैरिज एनिवर्सरी में आईसक्रीम खिलाने के लिए झूठ बोलकर पैसा उधार मांगते हैं। इस कुछ सेकंड के शॉट और आवाज से थियटर आज भी उन्हें याद करता है।
ऐसे लोगों ने किया याद
फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले दिग्गज अभिनेता अरुण बाली (Arun Bali) का निधन 79 वर्ष की उम्र में हुआ है। उन्होंने सुबह 4:30 पर अंतिम सांस ली है। वह कई हिंदी फिल्मों (Bollywood News) में काम कर चुके हैं। कुछ महीनों पहले ही वह अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्हें मियासथीनिया ग्रेविस नाम की एक गंभीर बीमारी थी। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। कई सेलेब्स और फैंस उनके लिए सोशल मीडिया पर शोक जाहिर कर रहे हैं। अरूण बाली ने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में की थी। वह राजू बन गया जेंटलमैन, फूल और अंगारे, खलनायक, थ्री इडियट्स, पानीपत और वेब सीरीज मिर्जापुर में भी नजर आ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने टीवी शो ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, कुमकुम जैसे सीरियल में भी काम किया है। वे एक हंसमुख कलाकार थे। उनके ठीक होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अफसोस कि अभिनेता जंग हार गए।
यह है बीमारी के लक्षण जिससे अरूण बाली जूझ रहे थे
इस बीमारी का नाम मायास्थेनिया ग्रेविस है। जिसके मरीज को मांसपेशियों में थकान होती है और कमजोर होती है। यह चबाने वाले भोजन के रूप में आम रोजमर्रा की गतिविधियों में हस्तक्षेप करता है। इस बीमारी के कारण जबड़े की मांसपेशियां जल्द ही टायर हो सकती हैं और अपने भोजन का सेवन प्रभावित कर सकती हैं। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित मांसपेशियां होती हैं जो पलकें और आंखों को नियंत्रित करती हैं। बीमारी से प्रभावित होने वाले लोगों की उम्र या लिंग के संबंध में कोई अपवाद नहीं है, लेकिन आमतौर पर उन महिलाओं में होता है जो 20 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के होते हैं और 50 से 70 वर्ष के बीच के पुरुष होते हैं। मायास्थेनिया ग्रेविस के साथ माता-पिता के पास अस्थायी कमजोरियों से प्रभावित बच्चों को हो सकता है मांसपेशियां जो नवजात शिशु के जीवन को भी धमकी दे सकती हैं।