आम आदमी पार्टी का चुनाव लड़ चुके संदेही को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में
लिया, आईजी से की थी शिकायत
भोपाल। यह मामला पुलिस की धमकी देकर (Extortion) पैसा उगाही का है। घटना राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र की है। जिसमें पहले डकैती का आरोप लगाया गया फिर बेटे के अपहरण में फंसाने की कोशिश की गई। यह विवाद खड़ा करने और आरोपों में फंसे व्यक्ति आम आदमी पार्टी के नेता है जो विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब पुलिस ने नेता को हिरासत में लेकर पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।
ऐसे सामने आया मामला
पिपलिया पुश्त इलाके में रहने वाली पार्वती बाई ने अपने घर पर 18 मई की रात को डकैती डालने का आरोप लगाकर थाने में शिकायत की थी। नगदी, जेवर समेत अन्य माल लूट ले जाने का आरोप लगाया गया। इस घटना से पहले पार्वती के नाबालिग बेटे के अपहरण का आरोप लगाया गया। बेटा हालांकि बाद में पैसा लेकर छुड़ाने की जानकारी पुलिस को दी गई। इन दोनों आरोपों पर पुलिस की तरफ से सहयोग नहीं करने और कार्रवाई में डकैती डालने वालों को बचाने का आरोप लगाकर भोपाल आईजी जयदीप प्रसाद से शिकायत की गई। मामला अब नए सिरे से जांच में लिया गया तो यह पूरा मामला उजागर हुआ।
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ऐसे उजागर हुआ मामला
आईजी से शिकायत के बाद खिलचीपुर थाना प्रभारी मुकेश तिवारी ने डकैती डालने के मामले में संदेहियों जगदीश, बालू सिंह, शिव नारायण, कन्हैया लाल, रतन लाल और मांगीलाल से पूछताछ की गई थी। इन्हीं व्यक्तियों पर डकैती डालने का आरोप परिवार ने लगाया। पूछताछ में जगदीश ने खुलासा करते हुए बताया कि उसने गोवर्धन से लगभग डेढ़ लाख रुपए उधार लिए थे। इस रकम के बदले गोवर्धन उससे पंद्रह लाख रुपए मांग रहा था। इतनी बड़ी रकम सुनने के बाद उसका विवाद जरूर हुआ था। लेकिन, उसने कोई डकैती नहीं डाली। जगदीश का आरोप था कि पुलिस और प्रकरण की धौंस (Extortion) दिखाकर पैसा निकालने की धमकी उसे दी गई थी। मामले को एक्सपोज करने और सुर्खियां बटोरने के लिए गोवर्धन ने पुलिस को पार्टी बनाकर दबाव बनाने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अफसरों को झूठी शिकायत भी की।
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हिरासत में लिया
पुलिस और प्रकरण की धौंस (Extortion) दिखाकर पैसा निकालने की जानकारी मिलने के बाद सोमवार सुबह 11 बजे खिलचीपुर थाना प्रभारी मुकेश तिवारी ने गोवर्धन को हिरासत में ले लिया। गोवर्धन का थाने में ही जगदीश से आमना-सामना कराया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में वास्तविकता कुछ दूसरी है। जिसे छुपाकर गोवर्धन पुलिस को पार्टी बनाना चाह रहा था। इधर, गोवर्धन की बहन मोरम ने बताया कि आरोप झूठे नहीं हैं। पूरा पूरे घटना की सच्चाई को छुपाया जा रहा है। ताकि अफसर जिन्होंने डकैतों को बचाने के एवज में रकम ले ली है उसकी कलई न खुले। उसने बताया कि पुलिस जब से उसके पति को ले गई उसने अन्न-जल त्याग दिया है। यदि उसे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस होगी।