Bhopal Cyber Fraud : दोस्त बनकर नेपाली मूल के सातवीं बटालियन में तैनात हवलदार से जालसाज ने गद्दारी की
भोपाल। इंटरनेट बैंकिंग में कोई दोस्त नहीं होता। इसमें वफादार आपका ओटीपी और पासवर्ड होता है। वह यदि आपने साझा किया समझो मुश्किल में फंसे। ऐसा ही एक मामला भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) सिटी के टीटी नगर थाने में पहुंचा है। पीड़ित सातवीं बटालियन में तैनात हवलदार है। उसके पास एक कॉल आया था। फोन करने वाले ने उसका बेहद करीबी दोस्त का नाम लेकर उससे बातचीत की थी। बातचीत से हवलदार को यह अहसास हुआ कि वह उसका दोस्त ही है। इस कारण उसने मदद के नाम पर ओटीपी और पासवर्ड बता दिया। जिसके बाद दो किस्त में खाते से 35 हजार रुपए निकल गए।
दोस्त समझकर ओटीपी—पासवर्ड बताया
एसीपी के रीडर को बताई कहानी
राजू थापा के खाते से जब रकम निकली तो उसने फिर उसी नंबर पर कॉल किया। उसने कहा कि रकम जमा होने की बजाय उसके खाते से निकल गई। आरोपी जालसाज ने फिर वैसा ही करने को बोला और इस बार पांच हजार रुपए भरने के लिए बोले। इस बार फिर खाते से रकम निकल गई। इसके बाद (Bhopal Cyber Fraud) राजू थापा को शक हो गया और उन्होंने अपने दोस्त सुभाष को कॉल किया। उसने बताया कि उसे किसी व्यक्ति से पैसे नहीं लेने है। इस कारण राजू थापा को यकीन हो गया कि उसके साथ जालसाजी हुई है। फिर वह टीटी नगर थाने पहुंचे जहां उन्होंने एसीपी के रीडर से मदद मांगी। टीटी नगर पुलिस ने इस मामले में 359/22 धारा 420 (जालसाजी का प्रकरण ) दर्ज कर लिया है। अगली जांच के लिए सायबर क्राइम से दो मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाई जा रही है।
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