MP Cop Gossip : नाक के नीचे से दो कबूतर उड़ा ले गई एक बड़ी जांच एजेंसी, कानों—कान तक नहीं लगी किसी को भनक
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महकमा काफी बड़ा होता है। इसमें प्रकरण दर्ज होने वाले मामले सामने आ जाते हैं।जबकि प्रायोजित समाचार जिससे जनता के बीच अच्छा संदेश जाए वह भी पढ़ने मिल जाता है। लेकिन, भीतर ही भीतर बहुत कुछ ऐसा भी चल रहा होता है जो सामने तुरंत नहीं आता है। ऐसे ही मामलों को लेकर हमारा नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसमें इस बार दो मामले ऐसे है जो काफी लंबे अरसे से भीतर ही भीतर सुलग रहे थे। हालांकि इनमें से एक ही मामला उजागर हुआ है। दूसरे का इंतजार किया जा रहा है।
रिपोर्ट देकर डॉक्टर बुरे फंसे
शांति का टापू समझकर कान में डाल रखा है फोहा
मध्यप्रदेश को अक्सर शांति का टापू कहा जाता है। जबकि सिमी, नक्सली, बांग्लादेशी आतंकी इसी प्रदेश से गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसके बावजूद राग शांति के टापू का ही गाया जाता है। राजधानी भोपाल जहां मंत्री से लेकर सारे ब्यूरोक्रेट के दफ्तर और निवास भी है। इसके बावजूद यहां की पुलिसिंग पेशेवर होने की बजाय डंडा पटकने वाली हैं। भोपाल में ही सीएपीटी जैसी संवेदनशील और आर्मी का सेंटर भी है। लेकिन, सूचना संकलन का आलम यह है कि पत्रकार और मीडिया हाउस से मैदानी अफसरों की दूरी बढ़ती जा रही है। इसके ही परिणाम है कि पिछले दिनों एक बड़ी घटना हो गई जिसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। दरअसल, एक राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी जिसे कुछ साल पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच करने के भी अधिकार दिए गए उसने यहां आकर दबिश दी। वह अपने साथ ऐसे व्यक्तियों को ले गई जिनके संगठन ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा रखी है। इस बात की भनक जिला पुलिस तो छोड़िए पुलिस मुख्यालय को भी नहीं थी। इस पूरे मामले को अभी भी दबाया गया है।
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