Bhopal News: एमपी के एक बड़े अखबार का कर्मचारी उधारी लेने में जालसाजी की साजिश में बुरा फंसा
भोपाल। आम व्यक्ति भी साजिश इतनी खतरनाक कर सकता है यह जानकार आप भी हैरान हो जाएंगे। मामला भोपाल सिटी (Bhopal News) के रातीबड़ थाना क्षेत्र में पहुंचा है। जिसकी शिकायत जून, 2021 में पुलिस के अफसरों से की गई थी। यह मामला दो लाख रुपए की उधारी वापस मांगने से शुरु हुआ था। जिसके बाद उधारी देने वाला ही साजिश में फंस (Bhopal Fraud Case) गया। फिलहाल प्रकरण में प्लॉट बेचने वाले मालिक को पुलिस ने आरोपी बनाया है। वहीं दो लाख रुपए की लेन—देन करने वाले दो सगे भाईयों की भूमिका अभी पुलिस तय नहीं कर सकी है।
प्लॉट के बदले दिया था चेक
रातीबड़ थाना पुलिस ने जालसाजी का एक मामला दर्ज किया है। इस मामले का आरोपी महेन्द्र प्रताप सिंह (Mahendra Pratab Singh) है। शिकायत अजय पांढरे पिता स्वर्गीय जानराव पांढरे उम्र 42 साल ने दर्ज कराई है। वह पिपलानी के इंद्रपुरी स्थित सी—सेक्टर में रहता है। अजय पांढरे (Ajay Pandre) भोपाल से प्रकाशित एक दैनिक अखबार में नौकरी करता है। आरोपी ने पीड़ित व्यक्ति को स्टेट बैंक आफ इंडिया का एक जाली चेक थमा (Bhopal Cheating Case) दिया था। आरोपी ने यह चैक जमीन की रजिस्ट्री के लिए दिए थे। आरोपी भाई पंकज सिंह और नागेन्द्र सिंह है। दोनों भाई कैंपियन स्कूल के पास मिल्क पार्लर चलाते हैं। जिनको पीड़ित करीब पांच साल से जानता है। दरअसल, पीड़ित की साली के मकान में आरोपी (Bhopal Cyber Fraud) रहता है। पहचान होने के चलते कई किस्त में आरोपी भाईयों को करीब दो लाख रुपए वह दे चुका था। जब उसने पैसा मांगा तो पहले लॉक डाउन के चलते परेशानी बताई। फिर वह उसको पैसा देने की बजाय टालता आ रहा था। दबाव बनाने पर वह बोला कि दोस्त महेन्द्र सिंह का रातीबड़ में प्लॉट है। जिसको वह रकम देने की बजाय उसको खरीदने में मदद कर सकता है। सौदा ढ़ाई लाख रुपए में तय हुआ। रजिस्ट्री तुरंत न होने की शक्ल में भरोसा दिलाने भारतीय स्टेट बैंक का चेक अजय पांढरे को दिया।
प्लॉट बेचने वाला आरोपी
काफी दिनों तक पंकज सिंह (Pankaj Singh) ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई। इस कारण उसने स्टेट बैंक में अनुबंध के वक्त दिए गए ढ़ाई लाख रुपए के चेक को जमा किया। बैंक प्रबंधन ने चेक को जाली बताकर उसे पड़ताल के लिए जब्त कर लिया। जिसके बाद अजय पांढरे को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि साक्षी ढ़ाबे में एग्रीमेंट से पहले पंकज सिंह को 20 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद उसका बोलना था कि उसकी रकम उसने महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) को दे दी है। अब वह रकम उससे मांगने की बजाय महेंद्र से मांगे। जिसके बाद परिवार ने पुलिस अफसरों को इस मामले की शिकायत की थी। जिसकी जांच के बाद रातीबड़ थाना पुलिस ने 23 जनवरी की रात लगभग सवा आठ बजे 41/22 धारा 420/465 (जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना) का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में आरोपी महेन्द्र प्रताप सिंह और अन्य है। मामले की शुरुआती जांच एसआई विजय सिंह ने की है।
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