Fisheries Contract Dispute: मंत्री के निज सचिव से लेकर रिटायर आईएएस के खिलाफ भोपाल कमिश्नर से शिकायत
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज (Bhopal News) माझी समाज से जुड़ी है। इस समाज की एक समिति ने मध्यप्रदेश शासन में मंत्री के निज सचिव, रिटायर आईएएस समेत कई अन्य रसूखदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विवाद तलैया स्थित छोटे तालाब में मछली पकड़ने के ठेके (Fisheries Contract Dispute) से जुड़ा है। समिति ने इस मामले में बड़ा खेल होने के संगीन आरोप लगाकर भोपाल कमिश्नर कवीन्द्र कियावत (Commissioner Kavindra Kiyawat) से शिकायत भी की है।
समिति ने यह लगाए हैं आरोप
मप्र माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय संयोजक टीकाराम रायकवार (Tikaram Raikwar) ने इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि समिति आदर्श समिति का संचालन करती है। इस समिति को कई साल से छोटे तालाब का ठेका मिल रहा है। लेकिन, यह ठेका समिति को न मिले इसके लिए नियम विरुद्ध निर्णय लिए जा रहे हैं। इसमें सहयोग करने का आरोप मछली पालन विभाग के सहायक संचालक एसपी सैनी की भूमिका भी है। आरोप है कि उन्होंने 2008 की मछुआ नीति को नजर अंदाज करके अपात्र संस्था को छोटे तालाब का ठेके की अनुशंसा कर दी। इस ठेके की जांच की मांग भी पहले कमिश्नर से की जा चुकी है। चार सदस्यीय जांच कमेटी ने भी आदर्श संस्था को ही ठेके देने की अनुशंसा की थी। यह फाइल भोपाल नगर निगम कमिश्नर के पास लंबित है।
मैं मानहानि का केस करुंगा
समिति ने भाजपा नेता कृष्णा घाडगे (Krishna Ghadge) पर भी आरोप लगाया है। जिसके संबंध में उन्होंने कहा कि मैं स्वच्छ राजनीति करता हूं। मेरा मछली पालन ठेके से दूर—दूर तक कोई सरोकार नहीं है। जबकि समिति का कहना है कि आदर्श संस्था के खिलाफ झूठी शिकायतें की जाती रही है। समिति के आरोपों पर मत्स्य विभाग के मंत्री के निज सचिव जीवन रजक (SDM Jeevan Rajak) से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने बताया कि मंत्री कार्यालय से मछली पालन के ठेके देने का कोई भूमिका नहीं होती। यह काम संबंधित जिले के नगर निगम अधिकारियों का होता है। उन्होंने आरोपों को दरकिनार करके कहा कि यदि मेरे नाम को लिखकर शिकायत हुई है तो मैं मानहानि का केस उस समिति पर करुंगा। विवादों में घिरे मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसपी सैनी से भी प्रतिक्रिया के प्रयास किए गए। उन्हें फोन के अलावा व्हाट्स एप्प और टैक्सट मैसेज भेजकर प्रतिक्रिया भी मांगी गई। वे बातचीत के लिए हमें उपलब्ध नहीं हो सके।
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इस तरह से चल रहा है खेल
आदर्श समिति के प्रदेश अध्यक्ष केशव माझी (Keshav Majhi) ने बताया कि ठेका उन समितियों को दिया जाता है जो पहले से यह करते आए हो। सहकारिता विभाग की तरफ से बिना जानकारी दिए आपत्तियां लगाकर पहले समिति की कमियां निकाली गई। जिसकी जानकारी समिति को दी ही नहीं गई। फिर समिति का ठेका निरस्त कर दिया गया। ऐसा कई जिलों में चल रहा है। मछुआ जाति शिक्षित नहीं होती है। इसका फायदा दबंग और शिक्षित वर्ग उठा रहा है। इससे पहले हलाली डैम, पृथ्वीपुर के ठेके में भी हुआ। ऐसा ही भोपाल के छोटा तालाब का ठेका हथियाने के लिए किया गया। हमारी तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के संज्ञान में यह विषय लाया जा रहा है।
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