Shivraj Singh Chouhan Speech घोषणाओं की झड़ी, कोरोना को लेकर ज्यादा कही गई बातें
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज प्रदेश के मुख्य स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन से जुड़ी है। इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan Speech) थे। कार्यक्रम मोती लाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पुलिस विभाग की अलग—अलग टुकड़ियों ने सीएम को सलामी दी। उन्होंने अपने भाषण में करीब चौदह बार प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल किया। भाषण में कोरोना महामारी बहुत ज्यादा हावी रही। सरकार की दर्जनों योजनाओं की रिपोर्ट कार्ड सीएम ने बताए। इसके अलावा पुलिस विभाग में भर्ती का ऐलान किया।
फिर अभियान के रुप में लगेगी वैक्सीन
ऐसे सेनानी जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की उनके शहर और गांव में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पांच प्रयासों से सरकार काबू में करने में रही। इसमें आईडेन्टीफिकेशन, टेस्टिंग, आईसोलेशन, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन है। उन्होंने कहा कि एमपी में वैक्सीनेशन प्रोग्राम को जन—उत्सव बनाया गया। प्रधानमंत्री के निशुल्क वैक्सीन कैंपेन के तहत 21 जून, 2021 को एमपी में 16 लाख, 95 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया। प्रदेश में अब तक करीब पौने चार करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसी नतीजे को देखते हुए इसी महीने 25 ओर 26 अगस्त को भी वैक्सीन का अभियान चलेगा।
इतनी संख्या में आयुष्मान कार्ड
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि संकट में पीड़ितों को हर संभव मदद की गई। इसमें मुख्यमंत्री कोविड—19 स्कीम में 12 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज का लाभ मिला। माता—पिता के निधन पर आश्रित बालिकों की शिक्षा, आर्थिक सहायता दिलाने मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा स्कीम लांच की गई। अब तक 780 बालक—बालिकाओं को सरकार मदद पहुंचा रही है। सरकार तीसरी लहर के लिए भी तैयार है। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, आक्सीजन प्लांट, दवा, उपकरणों से लेकर अन्य प्रबंधन और प्रशिक्षण पर फोकस किया है। सरकार ने आयुष्मान भारत—निरामयम मध्यप्रदेश योजना में प्रति वर्ष पांच लाख रुपए की राशि के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसमें करीब ढ़ाई करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।
सिंचाई क्षमता का यह रखा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर दो बार कोरोना की लहर ने रोजगार में भी संकट पैदा किया। प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित थी। इसके बावजूद सरकार ने विकास कार्य और कमजोर वर्ग की सहायता में कमी आने नहीं दी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने प्रदेश आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में 2024—25 तक सिंचाई क्षमता को 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। नर्मदा घाटी विकास परियोजनाओं के जरिए पांच लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके लिए 26 हजार करोड़ रुपए में 10 सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाए है। इससे पांच लाख हेक्टेयर तक सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
एमपी को हार्ट नहीं लंग से जानेगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि केन—बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का समझौता इसी साल सरकार ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कराया है। इस परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस फैसले का असर करीब 41 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल और 103 मेगावाट बिजली के उत्पादन में सुविधा प्राप्त होगी। शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan Speech) ने कहा कि इस साल दो हजार 200 मेगावट बढ़ाने की योजना है। सरकार खेती और घरेलू उपयोग के लिए बिजली पर सरकार 21 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है। एमपी हार्ट आफ इंडिया है जिसे लंग आफ इंडिया बनाना है। सरकार उर्जा साक्षरता पर अभियान चला रही है। जिससे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटा जा सके।
5530 करोड़ रुपए सड़क पर खर्च
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांव में महिलाओं को पानी का इंतजाम करना होता है। इस पीड़ा को समझते हुए प्रधानमंत्री ने घर—घर पीने का शुद्ध जल पहुंचाने जल जीवन मिशन प्रारंभ किया। इस मिशन के तहत 2023 तक एक करोड़, 22 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। सीएम ने कहा कि सड़कें विकास के लिए बहुत ज्यादा मायने रखती है। इसको देखते हुए 5 हजार 530 करोड़ रुपए से इस साल दो हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण और उन्नयन किया जा रहा है। बड़े पुल और आरओबी समेत करीब 80 निर्माण भी इसमें शामिल है।
कृषि के क्षेत्र में एमपी इसलिए नंबर वन
मुख्यमंत्री किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 81 लाख किसानों को अब तक करीब 11 हजार करोड़ रुपए की राशि बांटी जा चुकी है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 2021—22 में पहली किस्त में 75 लाख किसानों को डेढ़ हजार करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लगभग 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित हुई है। इसमें 45 लाख 40 हजार से ज्यादा पात्र किसानों को भुगतान किया गया है। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में एमपी पहले नंबर पर है। अब तक 998 परियोजनाओं के लिए 516 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी हुई है।
स्वामित्व योजना 30 जिलों में जारी
मुख्यमंत्री ने भाषण (Shivraj Singh Chouhan Speech) में कहा कि 2020—21 में प्राथमिक सहकारी साख समितियों के जरिए जीरो प्रतिशत पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपए के फसल लोन बांटे हैं। इस वर्ष यह 8 हजार करोड़ रुपए पहुंच चुका है। देश में सहयोग को महत्व ये सहकारिता नारे के साथ जन आंदोलन के रुप में इसे लिया गया है। केंद्र में प्रधानमंत्री के निर्देशन पर सहकारिता मंत्रालय का गठन इसलिए किया गया है। कृषि, पशुपालन, पशु आहार, डेयरी, खनिज, पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों में सहकारिता की अपार संभावनाओं का दोहन किया जाएगा। स्वामित्व योजना के तहत 30 जिलों में आबादी का सर्वे कियसा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में जिस भूमि पर मकान बने हैं, उस पर स्वामित्व लोगों को दिया जा रहा है।
किसानों से इतनी खरीदी हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत 1826 गांव केे करीब पौने तीन लाख से ज्यादा हितग्राहियों के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। हितग्राही उक्त संपत्ति को बंधक रखकर लोन भी ले सकते हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 17 लाख 94 हजार किसानों से 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं, चना, और मसूर का उपार्जन कर 26 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया। इसी तरह 6 लाख किसानों से 37 लाख 26 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन कर 7 हजार करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। वहीं सवा दो लाख मीट्रिक टन ज्वार और बाजरा का उपार्जन कर 500 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। किसान हित में सरकार ने गर्मी में 84 हजार से अधिक किसानों से 1 लाख 52 हजार मीट्रिक टन मूंग और उड़द की 1071 करोड़ रुपए की खरीदी की गई।
लोकल को वोकल कैंपेन
मुख्यमंत्री ने भाषण में बताया कि प्रदेश में 99 फीसदी क्षेत्र में मत्स्य पालन हो रहा है। इससे मछुआरों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। यह काम प्रधानमंत्री मत्स्य—संपदा स्कीम के तहत किया जा रहा है। साल साल में मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य तीन लाख मीट्रिक टन बढ़ाने का रखा गया है। प्रदेश में एक हजार से अधिक गौशालाओं का निर्माण किया जा चुका है। दो हजार गौशालाएं बनाई जा रही है। स्व सहायता समूह 407 गौशालाओं का संचालन करती है। एमपी में लोकल को वोकल स्कीम के लिए 64 उत्पादों का चयन किया गया है। इसके बनाने से लेकर मार्केटिंग का काम किया जाएगा। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबार के लिए 13 क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इससे करीब 14 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी।
अवैध से वैध हो रही कॉलोनियां
प्रदेश में तकनीक के जरिए अवैध खनन को रोकर राजस्व में इजाफा किया गया है। नियमों को बदलकर स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रदेश में 74 शहर ओडीएफ प्लस और 290 शहर ओडीएफ डबल प्लस सर्टिफिकेट पाने में कामयाब रहे। इंदौर शहर चौथी बार सबसे साफ शहर बना। ग्वालियर और भोपाल भी उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए बताया कि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार ने कॉलोनाइजर के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल भी बनाया है। भविष्य में अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ सख्ती भी बरती जाएगी।
चार हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती
मुख्यमंत्री ने बताया कि ट्रांसजेंडरों को पहचान प्रमाण—पत्र देने वाला प्रदेश पहला है। प्रदेश में सीएम राइज स्कीम के तहत 350 स्कूलों को चयनित किया गया है। जिसके लिए सरकार ने डेढ़ हजार करोड़ रुपए बजट में दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अगले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी। सीएम ने बताया प्रदेश में देवारण्य स्कीम शुरु की जा रही है। इसमें औषधीय पौधों के उगाने से लेकर मार्केटिंग का काम किया जाएगा। ऐसा करने से वन प्रबंधन और वनों से रोजगार पैदा होंगे। इसका फायदा जनजातीय समुदाय को मिलेगा। सीएम ने कहा कि चार हजार नए पुलिसकर्मियों की भर्ती सरकार करने जा रही है।
हौसलों के सामने संकट नहीं टिका
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि कोविड—19 स्पेशल अनुग्रह योजना के तहत सरकारी कर्मचारी जिनका निधन हुआ उन्हें अनुग्रह सहायता दी जाचुकी है। इसमें 188 प्रकरणों में 6 करोड़ 81 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है। अनुकंपा नियुक्ति करीब 441 पात्र परिजनों को दी गई है। कोरोना फिर उसके बाद बाढ़ ने संकट खड़ा किया। लेकिन, हौसले के चलते हर मुश्किल को मुमकिन बना दिया। समाज के हर वर्ग और नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। लोगों का जीवन गरिमा, गुणवत्ता, गौरव वाला हो यही असली स्वतंत्रता है।