Fake Transfer-Posting Racket: मंत्रियों और सांसदों के सिफारिशी तबादला मामले का खुलासा

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Fake Transfer-Posting Racket: बदमाश ने सीएम सचिवालय पहुंचा दी थी ट्रांसफर के लिए नोटशीट और लैटर पेड, 5 गिरफ्तार

Fake Transfer-Posting Racket
ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज (Fake Transfer-Posting Racket) एक संगठित जालसाज गिरोह से जुड़ी है। इस गिरोह ने किसी आम आदमी को नहीं बल्कि सरकार के साथ ही ठगी करने की योजना बनाई थी। मास्टर माइंड टीटी नगर थाने का बदमाश है। जिसने सरकार के मंत्रियों, सांसदों और भाजपा के कई विधायकों के लेटर पैड बना लिए थे। इतना ही नहीं जालसाजों ने सरकार की नो​टशीट भी जाली बना ली थी। इसमें उन्होंने तबादलों के लिए सिफारिश सीएम सचिवालय में की थी। इसी मामले का खुलासा करते हुए पांच व्यक्तियों को पुलिस ने बेनकाब किया है।

ऐसे दर्ज हुई थी एफआईआर

भोपाल क्राइम ब्रांच में 30 जुलाई की रात लगभग 10 बजे धारा 419/465/468/471 (जालसाजी के लिए फर्जी दस्तावेजों की कूटरचना) का मुकदमा दर्ज किया गया था। यह घटना 28 जुलाई, 2021 को उजागर हुई थी। जिसमें घटनास्थल श्यामला हिल्स थाना क्षेत्र था। इस इलाके में मुख्यमंत्री निवास से लेकर कई अन्य मंत्रियों के बंगले भी है। शासन स्तर पर जांच के हुए इस आदेश पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच एसआई घनश्याम दांगी (SI Ghanshayam Dangi) कर रहे थे। जांच में यह साबित हो गया था कि तबादले के लिए सीएम सचिवालय पहुंचे लेटर पेड फर्जी है। जिसके बाद पुलिस ने तबादलों के चैनल में आए इन दस्तावेजों को खंगालने का काम शुरु किया।

यह आरोपी हुए गिरफ्तार

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गिरोह का खुलासा करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम

भोपाल पुलिस की तरफ से इस संबंध में बुधवार शाम छह बजे पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। जिसमें बताया गया कि इस फर्जी ट्रांसफर गिरोह के चार सदस्यों को दबोचा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में सुनहरी बाग जवाहर चौक निवासी राम प्रसाद राही उर्फ गुप्ताजी पिता ​हरिदास राही उम्र 36 साल, रायसेन जिले के उदयपुरा निवासी लखनलाल पिता नंदलाल उम्र 35 साल, हरदा के टिमरनी निवासी रामकृष्ण राजपूत पिता रामसिंह राजपूत उम्र 31 साल, हरदा जिला ग्राम खामापडवा निवासी दशरथ राजपूत पिता स्वर्गीय दयाराम राजपूत उम्र 44 साल और टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल परिसर निवासी रामगोपाल पाराशर पिता नन्हेवीर पाराशर उम्र 54 साल को गिरफ्तार किया गया है। इस बात का खुलासा एएसपी क्राइम गोपाल धाकड़ ने किया।

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ऐसे किया था फर्जीवाड़ा

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आरोपियों से बरामद लैटर पेड और नोटशीट

गिरफ्तार आरोपी रामप्रसाद राही (Ram Prasad Rahi) प्रायवेट कुक का काम करता है। उसने ही फर्जी लेटर पेड तैयार होने के बाद विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के हस्ताक्षर किए थे। दूसरा आरोपी लखनलाल (Lakhan Lal Dhakad) फर्जी नोटशीट लेटर पेड में डिस्पैच नंबर चढ़ाने का काम करता था। तीसरा आरोपी रामकृष्ण राजपूत (Ramkrishna Rajput) कम्प्यूटर ऑपरेटर है जो फर्जी लेटर टाइप करने का काम करता था। इस काम में उसका साथ दशरथ राजपूत  (Dasharath Rajput)भी देता था। वह भी कप्यूटर ऑपरेटर है। पांचवा आरोपी शिक्षा विभाग में भृत्य रामगोपाल पाराशर  (Ramgopal Parashar) है। उसने ही आरोेपियों को लेटर हेड की कॉपी उपलब्ध कराई थी।

ऐसे रकम करते थे ट्रांसफर

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गोपाल धाकड़, एएसपी क्राइम ब्रांच, भोपाल — फाइल फोटो

एएसपी गोपाल धाकड़ के अनुसार मुख्य आरोपी रामप्रसाद राही के खिलाफ टीटी नगर थाने में नौ मुकदमे दर्ज है। उसके खिलाफ मारपीट, अड़ीबाजी, अवैध हथियार रखने जैसे केस दर्ज है। वह टीटी नगर थाने का निगरानी बदमाश भी है। उसने पहले पूर्व मंत्री रामपाल के बंगले में नौकरी भी की थी। उसी बंगले में लखनलाल धाकड़ भी आता—जाता था। इस कारण दोनों की पहचान हुई थी। आरोपियों ने शिक्षा विभाग के 27, राजस्व विभाग के दो, चिकित्सा विभाग के एक कर्मचारी के तबादले के लिए सिफारिश (Fake Transfer-Posting Racket)  की थी। आरोपी राम प्रसाद राही ने लखनलाल धाकड़ के खाते में पैसे भी ट्रांसफर किए थे। इस काम में पत्नी संतोषी राही के खातों का भी इस्तेमाल किया गया।

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प्रिंटर और कंप्यूटर जब्त

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क्राइम ब्रांच थाना— फाइल फोटो

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने रकम ट्रांसफर करने के लिए रामप्रसाद और मोहित जैन के खातों की भी मदद ली थी। मोहित जैन के फोनपे अकाउंट में 79 हजार ट्रांसफर हुए थे। एएसपी ने बताया कि जिन लोगों के नाम नोटशीट में आए थे। उनसे की गई पूछताछ के बाद पांचों आरोपियों को बेनकाब किया जा सका है। रामकृष्ण राजपूत की नेहरु नगर में फोटो कॉपी की दुकान भी है। इसी तरह दशरथ राजपूत की भी टीटी नगर में दुकान है। इन्हीं दुकानों पर फर्जी लेटरपेड तैयार हुए थे। क्राइम ब्रांच ने कंप्यूटर और प्रिंटर भी जांच के लिए जब्त किए हैं। क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस मामले में अभी जांच जारी है। पुलिस को शक है कि अभी कई लोग पुलिस के सामने नहीं आए हैं।

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