Social Media Honey Trap: वीडियो कॉल के जरिए उकसाती हैं युवतियां, वीडियो बनाकर करती है ब्लैकमेलिंग, सामाजिक बदनामी के डर से कई अभी भी चुप
भोपाल। इंटरनेट ने दुनिया को एक झटके में ग्लोबल बना दिया हैं। मिनटों में सूचनाएं यहां—वहां फैलने लगती है। इस तकनीक का हर स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है। कुछ उत्पाद बनाने वाली कंपनियां है तो कुछ उसको बेचने वाली। इसके ही जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी चल रहे हैं। जहां लोग अपने विचारों को रखकर नजरिया रखते हैं। लेकिन, इन दिनों इसमें एक ऐसे माफियाओं की सेंध (Social Media Honey Trap) हो गई हैं जो समाज के लिए खतरनाक हैं। यह गिरोह जालसाजी, ब्लैकमेलिंग से लेकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
प्रायवेट पार्ट से होता है सिलसिला शुरु
राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर शहर में रहने वाले एक युवक ने द क्राइम इंफो से मदद मांगी। दरअसल, उसकी शिकायत पुलिस सुन नहीं रही थी। वह रहने वाला मूलत: महाराष्ट (Maharashtra) के नागपुर शहर का है। वह कुंवारा है और इन दिनों एक मुर्गी दाना बनाने वाली कंपनी में जॉब के लिए अजमेर (Ajmer) में नौकरी करता है। उसके पास अप्रैल, 2021 में एक महिला ने संपर्क किया। दोस्ती फेसबुक (Facebook Sex Extortion) के जरिए हुई थी। चेहरा सुंदर था इसलिए फोन नंबर देकर व्हाट्स एप्प कॉल पर बातचीत होने लगी। इसी दौरान वह अपने प्रायवेट पार्ट भी दिखाने लगी। उससे भी कहा गया कि वह भी उसकी तरह बाथरुम में जाकर करें। ऐसा उसने लड़की के कहने पर कर भी दिया।
कर्जा लेकर पैसा दिया
पीड़ित ने बताया कि यह सिलसिला अप्रैल में लगभग पंद्रह दिनों तक चला। जैसे ही वीडियो बना उसके दो दिन बाद उसको नग्न होने वाला वीडियो एक अनजान नंबर से भेजा गया। उससे कहा गया कि यदि वह पैसा नहीं देगा तो इसको सोशल मीडिया, यू—ट्यूब में अपलोड कर देंगे। पहले पीड़ित युवक नहीं डरा तो उसको सीबीआई के अफसर की एक फर्जी आइर्डी (Fake CBI Officer) बनाकर भेजी गई। फिर उसके पास यू—ट्यूब चैनल वालों को कॉल आने लग गए। परेशान होकर उसने किस्तों में करीब दो लाख 35 हजार रुपए दे दिए। आरोपी अब भी उससे 36 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। फर्जी सीबीआई अफसर बनकर इस तरह का एक मामला इंदौर क्राइम ब्रांच ने भी 2019 में उजागर किया था।
भोपाल में दो मामले दर्ज
पीड़ित शिकायत लेकर अजमेर के गेगल थाना गया था। जहां से उसको यह बोलकर भगाया कि उनके यहां का मामला नहीं है। फिर उसको सिविल थाने भेज दिया। वहां उसको सायबर क्राइम में फोन लगाने बोला । फोन लगाने पर व्यस्त बताकर वह कट जाता है। इधर, अजमेर में हुए मामलों की ही तरह दो मामले भोपाल के क्राइम ब्रांच पुलिस ने दर्ज किए हैं। इस मामले में 189—190/2021 दर्ज किए गए हैं। जिसमें धारा 384 का केस दर्ज किया है। आरोपियों ने 30 हजार रुपए और 20 हजार रुपए की मांग की थी। इसमें एक मामले में लड़की जिसने अपना नाम आरोही शर्मा (Aarohi Sharma) बताया था वह ब्लेकमेल कर रही थी। हालांकि एएसपी अंकित जायसवाल (ASP Ankit Jaisawal) ने कहा कि उस मामले में पुलिस विभाग की तरफ से दी गई जानकारी गलत बन गई है। मामला 384 का नहीं 420 का है।
यह रखें सावधानी
सोशल मीडिया में किसी भी अनजान शख्स की प्रोफाइल चैक करने के बाद उससे बातचीत अथवा चैटिंग करें। यदि नहीं पहचानते हैं तो उन्हें ब्लॉक करें। अपनी प्रोफाइल मोबाइल के जरिए नियंत्रित करें। अनजान नंबर से दोस्ती और फोन आने पर सतर्क हो जाए। किसी भी अनजान व्यक्ति से ओटीपी साझा न करें। अपने व्यापार और बैंक से संबंधित नंबर वाले फोन पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें। आकर्षक दिख रही महिला की तस्वीर वाली प्रोफाइल से बचे। परिवार का सदस्य या दोस्त बनकर मदद मांगने वाले व्यक्ति से सीधे फोन पर बात करने के बाद सहायात करने का निर्णय ले।
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