MP Cop Gossip: पुलिस महकमे के बेदर्द अफसरों ने छुपाई है भीतर की यह कहानी
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस (MP Cop Gossip) की राजधानी भोपाल में पहले पोस्टिंग के लिए काफी दक्षता की परीक्षाओं में खरा उतरना पड़ता था। लेकिन, पिछले दो दशक से अब यह दूर की कौड़ी हो गई है। विभाग अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालकर अफसर अपने इसको हुनर बताते हैं। ताजा मामला गुनगा थाना क्षेत्र का है। यहां मंगलवार को एक एसआई समेत तीन पुलिस कर्मचारियों को लाइन हाजिर किया गया है। अफसर इस मामले को दबाए रखना चाहते हैं। क्योंकि यह बात लीक हुई तो बहुत ज्यादा किरकिरी हो जाएगी।
कहां है महिला नहीं है पता
पुलिस सूत्रों के अनुसार राजधानी के नजदीक हलाली डैम है। यहां मछली पालन का बड़ा ठेका दिया जाता है। इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे थाना क्षेत्र मेें आता है। इसके बावजूद गुनगा थाने के दो पुलिसकर्मियों ने दूसरी सीमा में जाकर दुस्साहस किया। इस कारण उन्हें लाइन हाजिर किया गया। वहीं इस मामले में पर्दा बनाने वाले एसआई को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। अफसरों की सांसे पिछले दो दिनों से उपर—नीचे हो रही है। कहीं कोई यह न पूछ ले कि वह महिला कहां पर भर्ती है। लाइन हाजिर करने को अफसर प्रशासनिक कारण बता रहे हैं। लेकिन, कानों—कान चल रही यह बात अब छुपती नजर नहीं आ रही है।
यह था पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार हलाली डैम से मछली चोरी करके एक युवक और एक महिला जा रहे थे। जिनका पीछा दो पुलिस वालों ने किया। जहां वे पीछा कर रहे थे वह उनका थाना क्षेत्र नहीं था। नजदीक पहुंचने पर चलते वाहन में पैर मारकर महिला और पुरुष को गिरा दिया गया। जिसमें महिला के सिर पर गंभीर चोट आई। वह खून की उल्टियां करने लगी। यह देखकर एम्बुलेंस बुलाने की जगह पुलिस वाले वहां से भाग गए। हालांकि इस घटना से गुनगा थाने के एसआई रमेश शर्मा (SI Ramesh Sharma), एचसीएम साहब सिंह (Sahab Singh) और सिपाही मानवेंद्र सिंह (Constable Manvendra Singh) के लाइन हाजिर होने की कोई वजह नहीं हैं।
कमाई वाली जगह बन गई जेल
पिछले दिनों कोरोना ने पूरे प्रदेश के साथ—साथ स्वास्थ्य महकमे को हिलाकर रख दिया। इस कारण कई जेलों के बंदियों को एक महीने का अतिरिक्त पैरोल बढ़ाया गया। यह आदेश अब जेल विभाग के लिए कमाई का जरिया बन गया। कई जगहों पर जेल के सामने बने मंदिर में चढ़ावा और प्रसाद देने के बाद भीतर से आदेश मिल रहा है। आलम यह है कि अब इसमें गुटबाजी होने लगी है। नतीजतन, जेल की खबरें चाहरदीवारी से निकलकर बाहर आने लगी है। अब उस वक्त का इंतजार किया जा रहा है जब यह अनियमितता किसी दिन प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी खबर बन जाए।
बिल मैनेज करने की चुनौती
पिछले दिनों कोरोना के चलते लॉक डाउन था। उस वक्त एक पुलिस अधिकारी की पत्नी का एनजीओ बहुत सक्रिय होकर गरीबों के लिए काम कर रहा था। एनजीओ गरीबों को मु्फ्त में भोजन बांट रहा था। यह काम संबंधित थाने के सरकारी वाहन से किया जा रहा था। अब इन वाहनों के पेट्रोल—डीजल के बिल मैनेज करने के लिए पहुंच रहे है। जिसके लिए महकमे के भीतर काफी खींचतान मची हुई है।
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