MP Jail News: मध्य प्रदेश में हत्या, बलात्कार समेत कई संगीन धाराओं के अपराधी कोरोना की आड़ में काट रहे हैं मौज
केस—1
गुना जेल में रविवार को हत्या का आरोपी सीताराम मीना अपनी पैरोल बढ़ाने के लिए पहुंचा। उसे लग रहा था कि जनजीवन सामान्य हो रहा है। इसलिए वह जल्दी आदेश जारी करा ले। इसके लिए वह खर्च करने के लिए भी तैयार था।केस—2
अशोक नगर जेल में रवीन्द्र केसरी और अमित राजू कोरोना की अपनी पैरोल पूरी होने के बाद वह सरकार के ताजा आदेश के तहत एक महीने की पैरोल बढ़ाने के लिए पहुंचा था। दोनों से वैसा ही कहा गया जो गुना में कहा जा रहा था।केस—3
इसी तरह ग्वालियर जेल से डबरा में रहने वाले ठाकुर दास कुशवाहा, मेजर कप्तान और पर्वत शिवहरे ने पैरोल बढ़ा ली। यह सभी आरोपी हत्या के मामले में सजा काट रहे थे। इन आरोपियों को भी भय था कि उन्हें जेल दाखिल न होना पड़े।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज जेल मुख्यालय (MP Jail News) से जुड़ी है। जेल मुख्यालय ने राज्य सरकार के आदेश पर बंदियों की पैरोल एक महीने बढ़ाने का काम शुरु कर दिया है। जबकि अब प्रदेश में हालात सामान्य हो चले हैं। इतना ही नहीं रविवार को रहने वाला लॉक डाउन भी समाप्त कर दिया गया है। लेकिन, जेल बंदियों के पैरोल को समाप्त करने वाला आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है। नतीजतन, अब पैरोल बढ़ाने की आड़ में चौथ वसूली जैसी शिकायतें प्रदेश की कई जेलों से मिल रही है।
जेलों में नहीं है कोरोना टेस्ट किट
मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे जगहों पर सरकारी सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। लोग आक्सीजन, इंजेक्शन, अस्पताल में बिस्तर समेत तमाम कई अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए भटक रहे थे। हालात बहुत ज्यादा बदतर हो गए थे। इसलिए प्रदेश की जेलों को भी सरकार ने खाली करने के आदेश दिए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिए गए थे। प्रदेश में सभी जगहों पर कोरोना टेस्ट किट भेजकर लोगों का चैकअप किया गया। लेकिन, यह सुविधा आज भी प्रदेश की जेलों में नहीं है। जबकि कई जेलों में मेडिकल स्टाफ भी मौजूद है।
यह होता है अब
जेल बंदियों को अपनी पैरोल बढ़ाने के आदेश लेने जाने के लिए भी कोरोना टेस्ट कराना होता है। इसी टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद जेल प्रबंधन की तरफ से आदेश बनाकर दिया जाता है। यह जानकारी डीआईजी जेल संजय पांडे ने दी। उन्होंने बताया कि पैरोल घटाने—बढ़ाने का आदेश मंत्रालय से जेल विभाग को आता है। इसलिए इस संबंध में उनके पास कोई पतिक्रिया देने का अधिकार नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल सेंट्रल जेल से ही लगभग 137 बंदियों को पैरोल दिया गया है। यह संख्या मध्यप्रदेश में एक हजार से अधिक है। यह सारे कुख्यात बंदी है जो इस वक्त आपके या फिर हमारे आस—पास मौजूद है। हालांकि इस चिंता पर सुध लेने वाले अफसर मौन है।
इसलिए हैं अफसर चुप
पेरोल बढ़ाने का आदेश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरफ से मीडिया में सामने आया था। लेकिन, अब सामान्य हो रही दिनचर्या के बीच बंदियों की वापसी की चिंता सरकार को नहीं है। जेल मुख्यालय भी इस विषय को लेकर चुप है। लेकिन, कुछ अफसर इसको राज्य सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं। चुप्पी की वजह दरअसल यह है कि बंदियों की संख्या फिर बढ़ने से अफसरों के लिए बंदी फिर सिरदर्द बन सकते हैं। क्योंकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर यह अफसर अभी से ज्यादा फिक्रमंद है।
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