Bhopal Chit Fund Fraud: तीन साल पहले रातोंरात ताला बंद कर गायब हुई बोगस फर्म के खिलाफ जालसाजी और गबन का केस
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज बोगस फर्म (Bhopal Chit Fund Fraud) से जुड़ी है। जिसे आम बोलचाल में चिटफंड कंपनी कहा जाता है। यह मामला हबीबगंज थाना क्षेत्र का है। यह कंपनियां जहां खुली थी उनके बीच महज आधा किलोमीटर का फासला था। इन्होंने कई गरीब परिवारों से झूठे सपने दिखाकर कंपनी में निवेश कराए। यह सिलसिला एक—दो नहीं लगभग पांच साल जारी रहा। फिर अचानक रातों रात यह कंपनियां भाग गई। इन कंपनियों के खिलाफ तीन साल से शिकायतें हो रही थी। पुलिस ने अब जाकर इस मामले में जालसाजी ओर गबन का केस दर्ज किया है।
किराना कारोबारी को लूट लिया
हबीबगंज थाना पुलिस ने 8 जून की शाम लगभग सात बजे धारा 420/406 (जालसाजी और गबन) का केस दर्ज किया है। शिकायत कमला राजपूत पति प्रताप सिंह उम्र 52 साल ने दर्ज कराई है। इस मामले के आरोपी विनोद सिंह (Vinod Singh) और प्रदीप वर्मा (Pradeep Verma) है। कंपनी का मुख्यालय लखनउ में था। उसकी एक ब्रांच यहां 11 नंबर पर भी थी। कमला राजपूत (Kamla Rajput) ने करीब 22 लाख रुपए रियल विजन लैंड एंड डेव्हलपर में निवेश किए थे। इसी तरह दूसरी कंपनी दिल्ली की थी जिसका कार्यालय ई—6/61 अरेरा कॉलोनी में था। इस कंपनी के खिलाफ बरखेड़ा पठानी निवासी किराना व्यापारी रमेश चंद्र मिश्रा (Ramesh Chandra Mishra) ने दर्ज कराई है। प्रकरण में आरोपी दीपक त्रिपाठी (Deepak Tripathi) और जोगेंद्र सिंह (Jogendra Singh) बनाए गए हैं। उन्होंने इंफ्रा विजन लिमिटेड कंपनी में 20 लाख रुपए निवेश किए थे।
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