MP Corona Unlock: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फैसला क्राइसिस मैनेजमेंट अनलॉक करने का शनिवार तक ले फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा है कि प्रदेश 1 जून से अनलॉक (MP Corona Unlock ) होगा। लेकिन, यह फैसला सरकार नहीं लेगी। निर्णय सभी जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट केे सदस्य लेंगे। सदस्यों को गाइड लाइन भेजी जा रही है। जिसके आधार पर कोरोना कर्फ्यू और अनलॉक करने का फैसला लेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब आधा घंटा संबोधित किया। उन्होंने पूरे भाषण के दौरान सरकार को तटस्थ रखते हुए जनता पर ज्यादा फोकस किया। मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर से निपटने का वादा किया। लेकिन, पूरे संबोधन में कहीं भी उन्होंने वैक्सीनेशन प्रोग्राम शब्द का इस्तेमाल ही नहीं किया। वे केवल टेस्टिंग और सैंपलिंग पर ही बोलते रहे।
भोपाल को नहीं मिलेगी छूट, ऐसे हैं संकेत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 75 हजार से ज्यादा टेस्ट हुए। जिसमें 1640 पॉजिटिव मरीज मिले। एक समय था जब एक्टिव केस की संख्या एक लाख 11 हजार तक पहुंच गई थी। अब यह संख्या 30 हजार पर है। हमारी कोशिश है कि आईसीयू या आॅक्सीजन बैड के मरीजों को सुरक्षित घर पहुंचा दे। अब संक्रमण की दर दो फीसदी हो गई है। अब रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या 95 फीसदी हो गई है। आगर—मालवा, डिंडोरी में केस नहीं मिले है। एमपी के तीन जिले ऐसे हैं जिनकी संक्रमण दर पांच फीसदी ज्यादा है। उन जिलों को ज्यादा सावधानी की आवश्यकता है। यह जिले हैं इंदौर, भोपाल और सागर। यहां विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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गांव के नियम बहुत अच्छे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बाकी जिलों में बहुत अच्छा काम किया गया हैं। मुख्यमंत्री ने डिंडोरी जिले की तारीफ करते हुए बाकी जिलों के रिपोर्ट कार्ड भी बताए। सरकार ने 31 मई तक जीरो संख्या करने का टारगेट किया था। हमने इसके लिए कई तरह के प्रयोग किए थे। उन्होंने कहा कि 18 जिलों में संक्रमित मरीजों की संख्या एक फीसदी है। उन्होंने कहा कि यह सफलता समाज के सहयोग से ही संभव हो सका है। ग्रामीणों के क्राइसिस मैनेजमेंट की मुख्यमंत्री ने काफी तारीफ की। ग्रामीण क्राइसिस मैनेजमेंट का फॉर्मूला (MP Corona Unlock) काफी सकारात्मक रहा। यह लड़ाई केवल सरकार या उनके मंत्रियों की नहीं है। आगे कई तरह की जिम्मेदारी सरकार क्राइसिस मैंनजमेंट को सौंपेगी।
फिर घोषणा कर दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल को सात साल पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर कोरोना महामारी के दौरान ऐसे बच्चे जिनके अभिभावक नहीं रहे उनके लिए योजना शुरु की गई है। इसको लेकर पीएम ने भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों के लिए निशुल्क राशन और शिक्षा देने के लिए अपना संकल्प बताया। रिश्तेदार पनाह नहीं देते हैं ऐसे बच्चों के लिए बाल ग्रह भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेटी की शादी भी सरकार करेगी। ऐसे परिवार की जानकारी मेरे पास भी है। बच्चों को लैपटॉप भी दूंगा। पूरी जिम्मेदारी हमारी होगी। संक्रमण को सरकार ने नियंत्रित किया है वह समाप्त नहीं हुआ है। कोरोना बहुत बहरुपिया बीमारी है। घटते—घटते बढ़ भी जाता है।
ऐसे दिया है फॉर्मूला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सावधान रहने के लिए जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट को भी आवश्यकता है। तीसरी लहर को रोकना जरुरी है। इसलिए टेस्ट में कोई कमी नहीं की जाएगी। संक्रमित की चैन को तुरंत पकड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि घर—घर दस्तक देकर सैंपलिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तीसरी लहर रोकेंगे। इसके साथ—साथ हमें अनलॉक की तरफ भी जाना है। कोरोना कर्फ्यू को हटाने का निर्णय लेना है। यह जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ही तय करेगा। इसके लिए भी मानक तय किए जाएंगे। पांच फीसदी संक्रमण का मानक तय किया जाएगा। इस तरह के संकेत मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में दिए।
दो दिन का कर्फ्यू रहेगा जारी
राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन, शिक्षण संस्थान, सिनेमा को खोलने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है। विवाह भी सीमित संख्या में आयोजित होंगे। इसी तरह अंतिम संस्कार में संख्या बल निर्धारित करना है। सभी जिलों को गाइड लाइन प्रदेश सरकार भेज रही है। जिले की परिस्थिति के अनुसार 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में रियायत दी जाएगी। रंगों के अनुसार जोन तय किए जाएंगे। रेड जोन में कुछ भी नहीं किया जा सकेगा। ग्रीन जोन वाले जिलों को पूरा खोला जाएगा। यह तकनीक ग्रामीण क्राइसिस मैनेजमेंट भी अपनाएगी। उन्होंने कहा कि 30 मई को पूरे प्रदेश में सभी तरह की क्राइसिस मैनेजमेंट बैठक करेगी। बैठकों की निगरानी जिले के कलेक्टर करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।